-प्राइवेट स्कूल संघ के बैनर तले किया जोरदार प्रदर्शन, उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
-26 को कैथल में किया जाएगा प्रदर्शन
घरौंडा,:प्रवीण कौशिक
अपनी विभिन्न मांगों व समस्याओं को लेकर जिले के विभिन्न स्कूल संचालकों
ने शुक्रवार को सडक़ों पर उतरते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन
के दौरान करीब 600 स्कूलों से स्कूल संचालक व स्टाफ सदस्य जुलूस के रूप
में सेक्टर 12 स्थित हुडा पार्क से लघु सचिवालय करनाल पहुंचे और
उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन में
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू व वरिष्ठ उपप्रधान संजय धत्तरवाल
विशेष तौर पर उपस्थित रहे। वहीं अध्यक्षता जिलाध्यक्ष पवन राणा ने की।
स्कूल संचालकों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया
तो यह आंदेालन प्रदेश स्तर पर शुरू कर दिया जाएगा।
कहा कि भाजपा सरकार अब अपने वादे से मुकर रही है, क्योंकि चुनाव से पूर्व
शिक्षा नियमावली को सरल करने, नियम 134ए को समाप्त करने व बसों से
संबंधित अन्य समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया था, लेकिन ढाई
वर्ष से अधिक समय गुजर जाने के बावजूद अभी तक किसी भी मांग को पूरा नहीं
किया गया है। इसलिए स्कूल संचालकों को मजबूरन सडक़ों पर उतरना पड़ा। स्कूल
संचालकों ने सीएम सिटी से अपने इस आंदोलन की शुरूआत की है, जिसे अन्य
जिलों में भी शुरू कर दिया जाएगा। इसी कड़ी में 26 मई को कैथल में
प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर करनाल जिला प्रधान पवन राणा, पवन
अग्रवाल, सुरेंद्र शास्त्री, दर्शन सिंह, रविंद्र नांदल, बलदेव खन्ना,
श्यामलाल, भूपेंद्र सिंह, तरसेम शर्मा, दिनेश शर्मा, घनश्याम, अनिल
शर्मा, प्रदीप संधू, रवि बिश्रोई, राजबीर बिसला, महाबीर यादव और रमेश गिल
सहित भारी संख्या में स्कूल संचालक मौजूद थे।
बॉक्स:
ये है मुख्य मांगें
प्रदर्शन के दौरान शिक्षा नियमावली को सरल करके शर्तें पूरी करने के लिए
एक वर्ष का समय और बढ़ाने, एग्जिस्टिंग स्कूलों की सूची जारी करने व
आरटीई के तीन जून 2011 के नोटिफिकेशन को लागू करने, नियम 134ए को समाप्त
करने या सरकारी स्कूलों के समान 2300 रुपए महीना गरीब बच्चों के खाते में
डालने, प्राइवेट स्कूलों की बसों पर प्रति सीट प्रति वर्ष लगाए गए 180
रुपए के टैक्स को समाप्त करने, स्कूलों पर बिजली पानी के बिलों को
व्यवसायिक दर की बजाए घरेलू दर पर लागू करने व स्कूलों पर प्रोपर्टी
टैक्स आदि अनचाहे टैक्स ना थोपें जाने तथा मान्यता प्रदान करने की शर्तों
में विशेषकर भूमि और भवन की शर्तों को सरल कर सभी प्राइवेट स्कूलों को
मान्यता देने और अस्थाई व परमिशन प्राप्त स्कूलों को स्थाई मान्यता देने
सहित विभिन्न मुद्दों व मांगों को लेकर प्रमुखता के साथ उठाया गया।
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