रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफतार घरौंडा 22 मई।
विजिलैंस विभाग ने बिजली उपभोक्ता से बिल ठीक करने की एवज में बिजली बोर्ड के क्लर्क को आठ हजार रूपएं रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफतार कर लिया है। विजिलैंस की छापेमारी से बिजली बोर्ड में हडकंप की स्थिति बन गई। विभागीय अधिकारियों ने आरोपी को गिरफतार कर जांच आरंभ कर दी है।
अराईपूरा निवासी उपभोक्ता प्रमोद कुमार ने बताया कि गांव में रॉड वैल्डिंग का कार्य शुरू किया था। जिसको लेकर उसने बिजली का मीटर लगवाया था,लेकिन समय के बाद उसने कार्य को बंद कर दिया। उन्होंने बताया कि मीटर उतारने के लिए बिजली बोर्ड में शिकायत दे दी थी। लेकिन कई माह तक बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मीटर नही उतारा। जिससे उसका एवरेज के हिसाब से बिल आता रहा। उपभोक्ता ने बताया कि कुछ माह में मेरा बिल पचास हजार रूपएं हो गया। बिल ठीक करवाने व मीटर उतरवाने के लिए विभाग के क्लर्क सुभाष से मिला और उसके सामने अपनी समस्या रखी। बिजली कर्मी सुभाष ने बिल ठीक करने की एवज में पंद्रह हजार रूपएं की मांग की। इतने रूपएं न होने पर बिजली विभाग के सीए से मिला और बिल ठीक करने की गुहार लगाई। सीए ने मुझे बिल ठीक करने का आश्वासन तो दे दिया,लेकिन कर्मी सुभाष के कहने पर चक्कर कटवाता रहा। इस मामले की दोबारा बिजली कर्मी सुभाष से आग्रह किया कि कुछ रूपएं कम लेकर बिजली का बिल ठीक कर दो। जिससे हमारा आठ हजार रूपएं में सौदा हो गया। उपभोक्ता प्रमोद कुमार ने इस मामले की शिकायत विजिलेंस विभाग को की। विजिलेंस विभाग ने एक टीम का गठन करके मंगलवार को बिजली कार्यालय में पहुंचे गए और उपभोक्ता को आठ हजार राशि के पांच-पांच सौ के नोट देकर सुभाष के पास भेज दिया। उपभोक्ता ने जैसे ही बिजली कर्मी को रूपएं दिए तो विजिलेंंस अधिकारी ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
विजिलेंस अधिकारी राजपाल ने बताया कि बिजली विभाग का क्लर्क उपभोक्ता का बिल ठीक करने की एवज में उससे आठ हजार रूपएं की मांग करने की शिकायत मिली थी। शिकायत के आधार पर छापा मारकर क्लर्क को रंगे हाथों गिरफतार कर लिया है। मामले की जांच जारी है।
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