अस्टाम चोरी की रकम 01 करोड़ 06 लाख 05 हजार की राशी दोषियों से रिक्वरी की जाए:संजीव
-सामाजिक कार्यकर्ता व एंटी क्रप्शन एंड मिडिया इन्वेस्टीगेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव बंसल ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला कुरुक्षेत्र के थानेसर तहसील में वर्ष 2012 में रहे नायब तहसीलदार राममेहर के खिलाफ प्रदेश सरकार अनुशासनिक कार्यवाही करने जा रही है। यह जानकारी राजस्व एवं आपदा प्रबन्धक विभाग हरियाणा सरकार के पत्र क्रमांक 1083-स्था-5-2018/10337 दिनांक 25/10/2018 द्वारा पता चली है ।
यह जानकारी देते हुए समाजसेवी व पत्रकार संजीव बंसल ने बताया कि वर्ष 2012 में कुरुक्षेत्र के पिपली रोड पर नए बस स्टैंड के नजदीक स्थित 12 कनाल रक्बे का वसीका नं0 4871 दिनांक 31 जुलाई 2012 थानेसर तहसील में दर्ज किया गया। जिसे तहसील थानसेर के नायब तहसीलदार राममेहर व रजिस्ट्री कर्लक सतनारायण शर्मा ने पंजीकृत किया। इस वसीका को पंजीकृत करने में सभी नियम व कायदों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई। यह भूमि व्यावसायिक होने के बाद भी इस भूमि को रिहायशी दिखा कर तहसीलदार व रजिस्ट्री कलर्क से मिली-भगत कर वसीका पंजीकृत करवा लिया गया। वसीका पंजीकृत करने के लिए जिला योजनाकार विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नही लिया गया। सबसे अहम बात यह है हाईकोर्ट से इस भूमि के स्थगनादेश पारित होने के बाद भी तहसीलदार व रजिस्ट्री कलर्क ने यह वसीका अपने लालच वंश पंजीकृत कर दिया, व हरियाणा सरकार को भारी चूना लगाते हुए 01 करोड़ 06 लाख 05 हजार रुपये की स्टाम्प फीस चोरी करवा दी।
जिला योजनाकार विभाग ने उपमंडल अधिकारी, कुरुक्षेत्र के पत्र क्रंमाक 1106 दिनांक 11 अक्तूबर 2012 के हवाले के संदर्भ में जारी पत्र क्रमांक 42, 4 जनवरी 2013 में स्पष्ट किया है कि वसीका पंजीकृत करने में नायब तहसीलदार व रजिस्ट्री कलर्क ने विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बिना ही वसीका पंजीकृत कर धारा 7ए की उल्लंघना की है।
उपमंडल अधिकारी ने उपायुक्त कुरुक्षेत्र को सौंपी जांच रिपोर्ट 409 दिनांक 22 मार्च 2013 में कहा है कि हाईकोर्ट से इस भूमि के स्थगनादेश पारित होने के बाद भी तहसीलदार व रजिस्ट्री कलर्क ने यह वसीका पंजीकृत कर दिया। इस भूमि पर दुकानें बनी हुई है। यह भूमि व्यावसायिक है। जिला योजनाकार विभाग से इस भूमि का अनापत्ति प्रमाण पत्र नही लिया गया। यह वसीका पंजीकृत करने में हरियाणा सरकार को 01 करोड़ 06 लाख 05 हजार रुपये की स्टाम्प फीस की हानि पहंुचाई गई है।
उपायुक्त कुरुक्षेत्र ने भी अपनी जांच रिपोर्ट पत्र क्रमांक 2626/ईबी दिनांक 2 जुलाई 2014 लोकायुक्त हरियाणा सरकार को सौंपी, जिसमें लिखा गया कि यह वसीका पंजीकृत करने में हरियाणा सरकार को 01 करोड़ 06 लाख 05 हजार रुपये की स्टाम्प फीस की हानि पहंुचाई गई है। वसीका पंजीकृत करने में नायब तहसीलदार व रजिस्ट्री कलर्क ने विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बिना ही वसीका पंजीकृत कर धारा 7ए की उल्लंघना की है। भूमि के स्थगनादेश पारित होने के बाद भी तहसीलदार व रजिस्ट्री कलर्क ने यह वसीका पंजीकृत कर दिया।
इस पुरे मामले के शिकायतकर्त्ता समाजसेवी व पत्रकार संजीव बंसल ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्हें काफी मानसिक व आर्थिक कठिनाईयां उठानी पड़ी थी। वर्ष 2012 से अब तक उन पर लगातार कई झुठे आरोप लगते रहे है। अदालत में कई झुठे आरोपों का सामना भी उन्हें करना पड़ा। लेकिन अदालत से लगातार वे सभी आरोपों से बरी होते आए है। उन्हें भारी लालच भी दिया गया, लेकिन वे अपनी बात पर कायम रहें, तभी आज सभी आरोपांे से बरी होकर अपने आप को सही साबित कर दिखाया।
संजीव बंसल ने यह भी बताया कि जिले की सभी तहसील में दलाल व अधिकारी मिल कर जनता को सरेआम लुट रहे है। अवैध कालोनियों में खाली पडे़ प्लाटों की रजिस्ट्री केवल किसी भी मकान की फोटो लगाकर की जा रही है। सबसे मजेदार बात यह भी है कि थानेसर कि तहसील के पास एक कमरा कच्चा बना हुआ है लगभग तहसील में जितनी भी रजिस्ट्री अवैध रक्बे के मकानों की हो रही है उसमें लगभग उसी कमरे की फोटो लगी हुई है। लेकिन कोई भी जांच करने वाला ही नही है यदि कोई जांच करेगा तो उसे भी ये दलाल व अधिकारी लालच दे कर अपनी और कर लेते है। प्रदेश सरकार की माने तो हरियाणा की सभी तहसील का रिर्काड ऑन लाईन हो चुका है कोई भी व्यक्ति यह देख सकता है कि इन तहसीलो में कोई भी अनैतिक कार्य नही होता है जबकि मामला उसके उल्ट है यह अधिकारी लगभग ना के बराबर रिर्काड ऑन लाईन कर रहे है केवल सरकार व जनता को गुमराह करने का कार्य कर रहे है। यदि इन सभी रजिस्ट्रीयों की जांच की जावे तो सच्चाई सबके सामने आ जाऐगी। तहसील में वसीका लिखने वाले दलालो ने अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर रखी है वे बिना किसी भी भय के 2 से 3 प्रतिशत तक की राशी रिश्वत के रुप में लेकर रजिस्ट्री करवा रहे है आप भी खा रहे है अधिकारियों को भी खिला रहे है। जनता मुकदर्शक बन कर तमाशा देख रही है। जिससे जनता को हरियाणा सरकार के ‘भ्रष्ट्राचार मुक्त’ हरियाणा का नारा फेल होता नजर आ रहा है। जैसे-जैसे हरियाणा चुनाव नजदीक आते जा रहे है जनता में इस बात की चर्चा सरेआम हो रही है कि यह सरकार भी पहले रही सरकारों जैसी ही है। जनता के एक बात गले से नीचे नही उतर रही है कि इन अधिकारियों को यह भ्रष्ट्राचार करने की हिम्मत कहां से मिल रही है यह उर्जा इनमेे कहां से आ रही है कि ये सरेआम इस तरह दलालों के साथ मिल कर भ्रष्ट्राचार जैसा अपराध कर भारत सरकार व हरियाणा सरकार को बदनाम करने में लगे हुए है। क्या कोई उच्च अधिकारी इन अधिकारियों से यह अपराध करवा रहा है या इन अधिकारियों को किसी राजनैतिक व्यक्ति का संरक्षण प्राप्त है। क्या यह भी हो सकता है कि प्रदेश सरकार के सांसदो, विधायकों व कैबिनेट मंत्रियों को इस बात का ना पता हो कि प्रदेश की तहसीलों में इस तरह भ्रष्ट्राचार हो रहा है। यदि पता है तो यह रोका क्यों नही जा रहा है यह सवाल सभी के जेहन में करवटे बदल रहा है। जनता में इस बात की चर्चा भी सरेआम है कि इस भारत सरकार व हरियाणा सरकार को अधिकारी ही फेल करने में लगे है यदि 2019 के चुनावों में यह सरकार नही आती है उसका सबसे बड़ा कारण ये भ्रष्ट अधिकारी ही होंगे।
संजीव बंसल ने यह भी बताया कि जिला कुरुक्षेत्र की थानेसर तहसील के रतगल गांव के रक्बे का स्पेशल ऑडिट करवाया जावे। तो करोड़ो रुपये की स्टाम्म चोरी पकड़ी जाऐगी व सरकार को कई करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होगा। कुरुक्षेत्र के नऐ बस अडडे के सामने का रक्बा रतगल गांव का रक्बा है जिसमें सभी शोरुम व दुकानें बनी हुई है। जबकि इन शोरुम व दुकानों की रजिस्ट्री थानेसर तहसील में सी कैटागिरी के मकानों की हुई है। यह रजिस्ट्री हजारों के हिसाब से है। यदि थानेसर तहसील में वर्ष 2005 के बाद रतगल रक्बे की हुई सभी रजिस्ट्रीयों का स्पेशल ऑडिट करवाया जावे व मामले की जांच के लिए एस.आई.टी का गठन करें तो सरकार को करोड़ो का राजस्व प्राप्त होगा।
संजीव बंसल ने यह भी बताया कि उन्होने राजस्व एवं आपदा प्रबन्धक विभाग हरियाणा सरकार को 87 रजिस्ट्रीयों के नंम्बर भी भेजे है जिनमें स्टाम्प की भारी चोरी है जो कि करोड़ो के हिसाब से हो सकती है। सरकार से यह भी मांग की है कि थानेसर तहसील में वर्ष 2005 के बाद रतगल रक्बे की हुई सभी रजिस्ट्रीयों का स्पेशल ऑडिट करवाया जावें व मामले की जांच के लिए एस.आई.टी का गठन करें। यदि हरियाणा सरकार स्पेशल ऑडिट करवाती है तो सरकार को कई करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा। यह भी मांग की है कि रजिस्ट्रीयों का पंजीकरण करने वाले अधिकारी, रजिस्ट्रेशन लिपिक, वसीका नवीस व कंप्यूटर ऑपरेटर के विरुद्व कार्यवाही की जावे।
संजीव बंसल ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द अस्टाम चोरी की रकम 01 करोड़ 06 लाख 05 हजार की राशी दोषियों से रिक्वरी की जाए। ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी अनैतिक कार्य करता हुआ नतीजो के बारे सोचे।
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