दिए की तरह जलते हुए,
रात की तरह जगते हुए,
नींव की अंतिम ईंट की तरह दबते हुए
मैने माँ को देखा है।
एक कवि के द्वारा लिखी गई ये पंक्तियाँ कितनी उचित प्रतीत होती हैं।
हां, ये मां ही है जो अपने से ज़्यादा अपने बच्चों के बारे में सोचती है। कहा तो यह भी गया है कि भगवान सब जगह नही हो सकते इसीलिए उन्होंने मां की रचना की। अर्थात मां को भगवान का दर्जा दिया गया है। आज जैम्स इंटरनेशनल स्कूल, एल्फा सिटी करनाल में बच्चों में यह संस्कार पोषित करते हुए तथा समस्त मांओ को सम्मान देते हुए ‘मदर्स डे’ मनाया गया। स्कूल की तरफ से इस समारोह में पहुँची समस्त अतिथि मांओ के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। अतिथियों के लिए फैशन शो तथा रैम्प वॉक का आयोजन किया गया जिसमें सबने बढ़चढ कर भाग लिया। बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। स्कूल की प्राचार्या डॉ वंदना गुप्ता का यह विशेष संदेश महिलाओ के लिए था कि औरों को पानी पिलाने के लिए मटके का स्वयं भरा होना आवश्यक है। अर्थात यदि हम महिलाएँ अपना ख्याल रखेंगी तभी हम अपने परिवार का ख्याल रख पाएंगी हम स्वयं खुश रहेंगी तो औरों को भी खुश रख पाएंगी। स्कूल की प्रीति धूरिया (रजिस्टर्ड न्यूट्रीशनिस्ट एयूके) तथा डॉ अंजली सोलंकी ने महिलाओं को फिट रहने के टिप्स दिए। स्कूल की को.ऑडिनेटर पूजा ग्रोवर ने मौजूद अतिथियों को तमाम खेलों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया और स्वयं संचालन किया। इस समस्त कार्यक्रम के दौरान प्राचार्या अपनी तमाम शिक्षिकाओं के साथ मौजूद रही।
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