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Tuesday, 16 May 2017

फीस की आड मे स्कूलों ने मचाई लूट


फीस की आड मे स्कूलों ने मचाई लूट
छात्रों के साथ टीचरों का भी शोषण
अधिकारीयों को सुविधा शुल्क पहुंचने तक के आरोप,ताकी वे जांच के लिए स्कूलों तक न पहुंचे
घरौंडा: प्रवीण कौशिक
स्थानिय स्कूलों मे भारी भरकम फीस की आड लेकर स्कूलों ने लूट मचाई हुई है। प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी मौन धारण किये हैं। अभिभवकों का तो यहां तक कहना है कि प्रशासन के कुछ कथित लोगों को चुप रहने के लिए मासिक सुविधा शुल्क पहुंच रहा हेै। जिसकी वजह से प्रशासन कभी किसी स्कूल मे जाकर कभी जांच तक नही करता कि छात्रों से कितनी फीस वसुली जा रही है। गैर मान्यता प्राप्त स्कूल क्षेत्र कई दर्जनों की संख्या मे चल रहे हैं। जिनमे छात्रों के लिए कोई सुविधा तक नही है जबकी पम्फलैटों मे ये स्कूल हर तरह की सुविधा देने के वादे तक करते हें। यहां तक की खेल का मैदान, बैठने की समुचित व्यवस्था तथा स्वच्छ पानी तक की व्यवस्था तक कई स्क्ूलों मे न के बराबर है। टीचरों के नाम पर दसवीं बाहरवीं तक के युवक युवती नाम मात्र वेतनों पर रखकर उनका भी स्कूलों द्वारा शोषण किया जा रहा है। जबकी स्कूल मालिक लाखों के वारे न्यारे करने मे लगे हैं। ओर अपनी करोडों की प्रापर्टी बनाने मे लगे हें। ये सब घल्लुघारा प्रशासन की शह पर चलने की चर्चा हैं। पुराने छात्रों पर भी नये दाखिले वसुले जा रहें हें।
 फीस,किताबें,टाई,बैल्टों व वर्दीयों के नाम पर लूट
 प्राईवेट व गैर मान्यता प्राप्त स्कूलो के प्रबंधकोंं ने छात्रों पर भारी भरकम फीस,किताबें,टाई,बैल्टों व वर्दीयों का बोझ डालना शुरू कर दिया है। चर्चा है कि सरकारी किताबों की बजाय प्रबध्ंाकों ने पब्लिशरों से सांठगांठ कर छात्रों पर मंहगी किताबें थोपी जा रही हैं । जो साल भर मे एक बार भी पढाई नही जाती। मगर इन लोगों को तो अपनी कमाई से मतलब है। नगर मे पुस्तक विक्रेताओं से सांठगांठ कर टाई, बैल्ट, आई कार्ड व वस्त्र विक्रेताओं से मंहगी वर्दी खरीदने के लिए उनके पते अभिभावकों को थमा दिये जाते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारीयों ने इस ओर से आखें बंद कर रखी है। फण्डों के नाम पर भारी भरकम फीस वसूल कर ये लोग अपनी करोडों की प्रापर्टी खडी कर रहे हैं। जिसकी कोई जांच आज तक किसी भी विभाग ने नही की कि इतनी प्रापर्र्टी का पैसा आप के पास कहां से आया। आय ये अधिक प्रापर्टी ये लोग प्रति वर्ष बनाते जा रहे हैं। जिसकी कोई पुछताछ तक नही की जाती। ये प्रापर्टी छात्रों का शोषण कर बनाई जाती है। ऐसा कहना है लोगों का। चर्चा है कि घरौण्डा क्षेत्र मे सैकडों स्कूल प्रबधंक कआज करोडों के वारे न्यारे कर रहे हैं। जिस पर किसी प्रकार का कोई टेक्स नही दिया जाता। एक ही स्कूल मे पढ रहे छात्रों से ये लोग नये दाखिले के नाम पर फिर से दाखिला लेकर उनका शोषण करते हैं। अभिभावकों व सामाजिक संस्थाओ की मांग है कि सरकार इस ओर ध्यान देकर छात्रोंं को शोषण से बचाये।
 दिखाते रहे हें फर्जी दाखिले
क्षेत्र मे चर्चा तो यहां तक भी है कि अगर स्कूलों के रिकार्ड ख्ंागाले जाए तो पता चल सकेगा कि स्कूलों ने गत वर्षों 134 ए के तहत कितने छात्रों को दाखिले दिए थे। सरकार की आखों मे धूल झोकने के लिए स्कूलों ने फर्जी दाखिले तक किये गए थे। जिसकी जानकारी उच्चधिकारियों को भी बताई जाती है। लाुेगों का मानना है कि कथित सैटिंग के तहत उच्चाधिकारी भी मौन धारण किये रहते हैं।
लोगों का कहना है कि शिक्षा विभाग को चाहिए की धारा 134 ए का जिक्र स्कूलों के पम्फलैटों मे किया जाए ताकी लोग जागरूक हो सकें। ओर गरीबों को उनका हक मिल सके। पता चला है कि एक सामाजिक संस्था सारे पम्फलैटों को शिक्षा मंत्री को सोंपकर गरीबों को उनका हक दिलवाने की मांग उठाने जा रही है।

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