सोते-जागते मुंह पर कपड़ा बांधकर जिंदगी गुजार रहे ग्रामीण
तालाब में तबदील हुए आवासीय क्षेत्र से लोगों में रोष
कैलरम गांव में पंचायत विभाग पर लगे स्वच्छ भारत मिशन को विफल करने के आरोप
कलायत,
आवासीय क्षेत्र में गंदा पानी जमा होने से गांव कैलरम के लोगों का जीना
मुहाल होकर रह गया है। काला पत्ती के खाली प्लाटों व आवासीय क्षेत्र में
हिलोरे मार रहे गंदे पानी के कारण वर्षों से ग्रामीण नरकीय जीवन जीने का
विवश हैं। गांव निवासी राजेंद्र कुमार, सूबे सिंह, जगदीश, प्रदीप कुमार,
रमेश चंद, जयभगवान, मेवा देवी, कृष्णा, राजबाला, कमलेश, छोटी, सौनण आदि
का कहना है कि लाखों रुपए निकासी व्यवस्था के लिए जारी किए गए थे। लेकिन
पंचायत विभाग ने नाला निर्माण की खाना पूर्ति कर परियोजना को कागजों तक
समेट कर रख दिया। इन हालातों में दिन प्रतिदिन कालोनी के प्लाटों व
सार्वजनिक स्थानों पर गंदे पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है। जबकि प्राकृतिक
तालाब पंचायत विभाग की बेरुखी के कारण विलुप्त हो गया है। गंदे पानी की
समस्या को लेकर बच्चे, महिला, युवा और बढ़े-बुजुर्गों ने कहा कि जब तक
मसले का हल नहीं हो जाता सुबह-सांय प्रदर्शन जारी रहेगा। क्षुब्ध
ग्रामीणों का कहना है कि संबंधित आवासीय क्षेत्र में आंगनबाड़ी के
साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण विभाग हैं। ऐसे में न केवल मासूमों के जीवन
से खिलवाड़ हो रहा है बल्कि सरकार की महत्वाकांक्षी नीतियों को पलीता लग
रहा है। ग्रामीणों ने इस गंभीर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग प्रदेश
सरकार से की।
भाजपा नेताओं ने माना समस्या गंभीर:
कैलरम गांव के लोग निकासी व्यवस्था से परेशान होकर अनशन पर उतारु थे।
आंदोलन की रूप रेखा की कमान महिलाओं को सौंपी गई है। तनाव पूर्ण माहौल की
जानकारी मिलते ही भाजपा जिला अध्यक्ष सुभाष हजवाना के निर्देश पर
प्रभावितों के बीच पहुंचे किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष अजीत चहल ने टीम के
साथ हालातों का मुआयना किया। उन्होंने माना कि समस्या जटिल है और वास्तु
स्थिति से सरकार को अवगत करवाया जाएगा।
प्रशासन ने किया राहत प्रदान करने का वायदा:
नायब तहसीलदार प्रकाश चंद ने कहा कि उप मंडल के कुछ गांवों में निकासी की
समस्या बनी है। इसके हल को लेकर प्रशासन प्रभावी कदम उठा रहा है।
सिलसिलेवार असुविधा को दूर कर ग्रामीणों को राहत प्रदान की जाएगी।
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