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Monday, 26 June 2017

कैथल तक ही सीमित रह गया CM का दौरा, गोद लिए गांव क्योड़क में भी नहीं पहुंचे मुख्यमंत्री खट्टर



Haryana

कैथल तक ही सीमित रह गया CM का दौरा, गोद लिए गांव क्योड़क में भी नहीं पहुंचे मुख्यमंत्री खट्टर




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क्या सिर्फ कैथल तक ही सीमित रह गया CM का दौरा, गोद लिए गांव क्योड़क में भी नहीं पहुंचे मुख्यमंत्री खट्टर
कैथल--
: हमारा गांव क्योड़क सीएम मनोहर लाल ने गोद लिया हुआ है लेकिन कैथल के 2 दिवसीय दौरे के दौरान भी जब सीएम 10 किलोमोटर दुरी पर स्थित गांव में नहीं पहुंचे। गोद लेने का क्या फायदा ???जब सीएम कैथल आए और एक सीवरेज परियोजना का उद्घाटन करना था और उसको भी कैथल से ही करके चले गए, फिर गांव गोद लेने का क्या मतलब हुआ ?? ऐसे आरोप और मलाल गाँव क्योड़क निवासी सुभाष तंवर, जितेंद्र क्योड़क, विजय तंवर, अंकुर तंवर, सुशिल कुमार आदि ने मिडिया के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि हमारा गांव पहले से ही आदर्श है। शमशेर सुरजेवाला के टाइम से इसको आदर्श गांव का दर्जा मिल गया था। रणदीप सिंह सुरजेवाला के टाइम में उसको आदर्श गांव का दर्जा दिया था उस कार्यकाल में गांव में इंगलिस मीडियम स्कूल में बनाया गया, स्टेडियम बनाया गया, हॉस्पिटल बनाया गया, 352 गलियाँ बनाई गई। बहुत ही काम हुआ था इसके अलावा 36 चौपालो का निर्माण भी किया गया था।लेकिन सीएम खट्टर ने तो हमे केवल गोद लेकर छोड़ दिया अब हम पता नहीं कब पैदल चलना सीखेंगे ?? यहां पर एक भी काम शुरु नहीं हुआ,जैसे- लाला लाजपत राय के नाम से पशुपालन यूनिवर्सिटी बनाने की इन्होंने घोषणा की थी और बाद में पता चला कि यह यूनिवर्सिटी नहीं है वह केवल एक रीजनल सेंटर है, उसके लिए गांव में जमीन भी दे दी गई थी। डेढ़ साल तक वह क्योड़क से कठवाड़ रोड पर जमीन में बनना था वह भी अभी नहीं बना। फिर डेढ़ साल बाल बाद बोले कि इसको पंचायत की जमीन में बनाएंगे लेकिन वह जगह 7 किलोमीटर दूर गांव से पड़ती है अगर वहां बना देंगे लेकिन अभी तक कोई एक भी ईंट नहीं लगी।कोटी-कूट तीर्थ के नाम से 5 करोड रुपए की घोषणा हुई और शिलान्यास पत्थर भी लगा दिया गया लेकिन वहां पर भी एक रुपए का काम आज तक नहीं हुआ। सारी घोषणाएं कागजों तक सीमित है जमीनी स्तर पर कोई भी काम नहीं हुआ है। गांव में नालियां और गलियाँ गन्दगी से लबरेज हैं। गांव के बीचो-बीच बहुत ही बुरा हाल है। गांव के बीच में 2 किलोमीटर लम्बाई का तालाब गंदगी से लबरेज है और जिससे बीमारियां फैल रही है, बच्चे बीमार हो रहे हैं। ग्रामीण बोले कि रही बात पिछली सरकार के राज में क्योड़क गांव को आदर्श गांव बनाने की उस दौरान लगभग 32 करोड रुपए के काम हुए थे। गांव की पूरी गलियां ब्लॉक से बनी थी। सीसी की बनी थी । बहुत ही ज्यादा काम हुए थे। जब से बीजेपी सरकार है या मनोहर लाल खट्टर सरकार है और गोद लेने की घोषणा हुई थी तब से बस घोषणा घोषणा बनकर रह गई हैं काम तो कोई हुआ ही नहीं। आज गांव में बिजली का भी टोटा है पहले 12 से 18 घंटे बिजली आती थी अब केवल 7-8 घंटे आती है वह भी कट लग लग कर। लोगों ने पहले की अपेक्षा बिजली बिल भी 80 पर्सेंट भरने शुरू कर दिए थे इसके बावजूद भी 8 घंटे बिजली आती है। इसके बाद इन्होंने नया फरमान जारी किया है गांव क्योड़क के लिए, गांव में पानी के कनेक्शन तभी चालू रहेंगे जो ₹500 देगा नहीं तो उसकी टोंटी उखाड़ करके ले जायेंगे। तकरीबन 5000 कनेक्शन है यानि 15 सौ रुपए खर्च सालाना आएगा। अब बोल रहे हैं कि गांव को महा ग्राम बनाएंगे। पहले आदर्श था, फिर गोद लिया और अब महा ग्राम बनाने की घोषणा। महा ग्राम बनाने का तो फिर फायदा है बिल्कुल महा विकास हो लेकिन यहां पर विकास नाम की कोई चीज ही नहीं है। अब दो दिन सीएम कैथल में रहे लेकिन अपने खुद के गोद लिए गांव में नहीं आये। जब गांव को गोद लिया है तो गांव में जाना चाहिए था लेकिन क्योड़क गांव की सीवरेज परियोजना का उद्घाटन भी वहीं कैथल से कर दिया। अगर ऐसे ही उद्घाटन करना था तो चंडीगढ़ से ही कर देते फिर कैथल आने की क्या जरूरत थी ?? जब कोई किसी गांव को गॉड लेता है तो अपने बच्चों से तो मिलता है लेकिन ऐसे हैं हमारे CM मनोहर लाल खट्टर।
फ़िलहाल क्योड़क गाँव के लोगों में सीएम द्वारा गोद लिए गांव में ना पहुंचने का मलाल है और रोष है।

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