Haryana
हरियाणा सरकार ने जीएसटी चिंताओं और मुद्दों का पता लगाने के उद्देश्य से 11 क्षेत्रीय कार्य समूहों (एसडब्ल्यूजी) का गठन किया
हरियाणा सरकार ने जीएसटी चिंताओं और मुद्दों का पता लगाने के उद्देश्य से 11 क्षेत्रीय कार्य समूहों (एसडब्ल्यूजी) का गठन किया
चंडीगढ़, 13 जून - हरियाणा सरकार ने जीएसटी व्यवस्था के तहत संबंधित क्षेत्र को पेश आने वाली चिंताओं और मुद्दों का पता लगाने के उद्देश्य से 11 क्षेत्रीय कार्य समूहों (एसडब्ल्यूजी) का गठन किया है जो इस महीने के अंत तक उनके समाधान हेतु व्यावहारिक सुझाव देंगे।
आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक क्षेत्र के लिए उप-आबकारी एवं कराधान आयुक्त (डीईटीसी), सहायक आबकारी एवं कराधान आयुक्त (एईटीसी) और आबकारी एवं कराधान अधिकारी स्तर के अधिकारियों मनोनीत किया गया है।
इन क्षेत्रों में बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा; दूरसंचार; सूचना प्रौद्योगिकी; सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएं और ई-कॉमर्स; यात्रा; पर्यटन; परिवहन और रसद; वस्त्र और हस्तशिल्प; ऑटो सैक्टर और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम; सेवाएं; बड़ा बुनियादी ढांचा; औषध; फार्मास्यूटिकल्स और खाद्य प्रसंस्करण; खनन और प्लाईवुड तथा बीकेओ शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को संबंधित डीईटीसी तथा संयुक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त के घनिष्टï सहयोग और मार्गदर्शन में काम करना होगा तथा 30 जून, 2017 तक अपने संबंधित क्षेत्र पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस रिपोर्ट में ऐसे मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित जाएगा जो जीएसटी व्यवस्था में हरियाणा के क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं तथा इन मुद्दों और चिंताओं के समाधान के लिए व्यावहारिक सुझाव शामिल होंगे।
श्री कौशल ने कहा कि ये एसडब्ल्यूजी परिचर्चा के लिए तथा उस क्षेत्र से संबंधित मुद्दों और चिंताओं के बेहतर समाधान के लिए संबंधित क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों और एसोसिएशन सदस्यों को आमंत्रित करेंगे। एसडब्ल्यूजी सहायता या मार्गदर्शन के लिए या इनपुट्स सांझा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के क्षेत्रीय समूहों (एनएलएसजी) के संपर्क में भी रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक एसडब्ल्यूजी सूचना को सांझा करने के लिए तथा एक दूसरे से जुड़े रहने के लिए व्हाट्स एप गु्रप और ई-मेल ग्रुप भी बनाएगा जैसाकि एनएलएसजी और अन्य जीएसटी कमेटियों में किया गया है।
आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक क्षेत्र के लिए उप-आबकारी एवं कराधान आयुक्त (डीईटीसी), सहायक आबकारी एवं कराधान आयुक्त (एईटीसी) और आबकारी एवं कराधान अधिकारी स्तर के अधिकारियों मनोनीत किया गया है।
इन क्षेत्रों में बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा; दूरसंचार; सूचना प्रौद्योगिकी; सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएं और ई-कॉमर्स; यात्रा; पर्यटन; परिवहन और रसद; वस्त्र और हस्तशिल्प; ऑटो सैक्टर और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम; सेवाएं; बड़ा बुनियादी ढांचा; औषध; फार्मास्यूटिकल्स और खाद्य प्रसंस्करण; खनन और प्लाईवुड तथा बीकेओ शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को संबंधित डीईटीसी तथा संयुक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त के घनिष्टï सहयोग और मार्गदर्शन में काम करना होगा तथा 30 जून, 2017 तक अपने संबंधित क्षेत्र पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इस रिपोर्ट में ऐसे मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित जाएगा जो जीएसटी व्यवस्था में हरियाणा के क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं तथा इन मुद्दों और चिंताओं के समाधान के लिए व्यावहारिक सुझाव शामिल होंगे।
श्री कौशल ने कहा कि ये एसडब्ल्यूजी परिचर्चा के लिए तथा उस क्षेत्र से संबंधित मुद्दों और चिंताओं के बेहतर समाधान के लिए संबंधित क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों और एसोसिएशन सदस्यों को आमंत्रित करेंगे। एसडब्ल्यूजी सहायता या मार्गदर्शन के लिए या इनपुट्स सांझा करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के क्षेत्रीय समूहों (एनएलएसजी) के संपर्क में भी रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक एसडब्ल्यूजी सूचना को सांझा करने के लिए तथा एक दूसरे से जुड़े रहने के लिए व्हाट्स एप गु्रप और ई-मेल ग्रुप भी बनाएगा जैसाकि एनएलएसजी और अन्य जीएसटी कमेटियों में किया गया है।
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