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Thursday, 22 June 2017

मिल की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ही ले चुके हैं निर्णय- सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर।

करनाल में 35000 क्विंटल प्रतिदिन पिराई क्षमता वाली बनेगी नई शुगर मिल--नई शुगर मिल की स्थापना पर खर्च होगी 200 करोड़ रूपये की धनराशि--
करनाल-प्रवीण कौशिक
मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा करनाल में 35000 क्विंटल प्रतिदिन पिराई क्षमता वाली नई शुगर मिल लगाने का निर्णय लिया जा चुका है, नई शुगर मिल स्थापित करने के लिए करीब 200 करोड़ रूपये की धनराशि खर्च होगी। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोपरेटिव शुगर फैक्ट्री द्वारा प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है। यह जानकारी  हरियाणा के सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने  मेरठ रोड़ स्थित स्थानीय दि करनाल सहकारी शुगरमिल लिमिटेड परिसर में प्रदेश की सभी शुगर मिलों से आए अधिकारियों को मिल्स की रिपेयर व रख-रखाव से सम्बन्धित समीक्षा बैठक में बतौर मुख्यातिथि बोलते हुए दी। उन्होंने बताया कि  मार्के टिंग बोर्ड, कोपरेटिव बैंक और हुडा द्वारा मिल की स्थापना के लिए आर्थिक सहयोग किया जा रहा है। मिल की स्थापना के दृष्टिगत आर्थिक सहयोग के चलते 50 करोड़ रूपये की राशि हैफेड द्वारा जल्द ही जारी कर दी जाएगी।  इस मिल में प्रतिदिन 15 मेगावाट बिजली तैयार की जा सकेगी। 
        मंत्री ने कहा कि एक-दूसरे का साथ देना या मिलजुल कर किसी कार्य को आगे बढ़ाना ही सही मायने में सहकारिता है। वर्तमान सरकार सहकारिता के अर्थ को सार्थक करने के दृष्टिगत बेहत्तर कार्य करते हुए सहकारिता के अंतर्गत किसानों को मिलजुल कर आगे बढऩे के लिए प्रेरित कर रही है। अब की बार गन्ना की बम्पर फसल होने जा रही है इसलिए सभी मिल पिराई क्षमता और दक्षता सुनिश्चित करें। 
        मंत्री ने कहा कि प्रदेश की सभी सहकारी मिलों में किसानों की बेहत्तर सुविधा के लिए व्यापक स्तर पर प्रबंध किए जाएं। सभी मिलों की क्षमता बढ़ाने, मिलों को घाटे से उभारने तथा मिलों की रिकवरी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। किसानों की सुविधा का हर प्रकार का ध्यान रखा जाए, इसी के दृष्टिगत निजी क्षेत्र व सहकारी क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाली शुगर मिल के विशेषज्ञों के अनुभव सांझा करने के लिए इस समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया है, निश्चय ही इस बैठक के सकारात्मक परिणाम सबके सामने होंगे और प्रदेश की शुगरमिलों का कायाकल्प होगा जो कि किसानों के लिए भी हितकारी होगा। 
         उन्होंने कहा कि सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा जोडऩे की आवश्यकता है इसके लिए शुगर मिलों  के अधिकारी फील्ड में जाकर ज्यादा से ज्यादा किसानों से मिलें और उन्हें सहकारिता के प्रति प्रेरित करें।
हैफेड के चेयरमैन एवं घरौंडा क े विधायक हरविन्द्र कल्याण ने कहा -
 वर्तमान सरकार का सहकारिता को बढ़ावा देना निश्चय ही सराहनीय कदम है। सरकार के प्रयासों से सहकारी विपणन संस्थाओं, किसानों और शुगर मिलों के अवश्य ही अच्छे दिन शुरू हो गए हैं। इस शुरूआत से किसानों का भविष्य उज्जवल होगा और उनके आर्थिक स्तर में सुधार आएगा। 
        इस मौके पर उपस्थित सहकारिता विभाग की एसीएस धीरा खंडेलवाल ने सभी शुगरमिल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राजस्व, कृषि विभाग  तथा शुगरमिल क्षेत्रानुसार गन्ने की बिजाई के आंकड़ों का मिलान करते हुए पिराई सत्र आरम्भ होने से पहले शुगर मिलों में आवश्यक प्रबंध करना सुनिश्चित करें, मिल की रिपेयर व रख-रखाव से सम्बन्धित कार्य को गंभीरता से लें, सभी अधिकारी बिना अनुमति के  अपना मुख्यालय ना छोड़े।  उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य का अनुमान मुख्यालय भेजने से पूर्व उसे अवश्य चैक करके भेजें, इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाशत नहीं की जाएगी।
        इस मौके पर सरस्वती शुगर मिल यमुनानगर के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर एसके सचदेवा, डीसीएम श्रीराम कम्पनी के कार्यकारी निदेशक रोशन लाल तमक, शुगरफेड के गन्ना सलाहकार डा0 रोशन लाल यादव तथा शुगरफे ड के तकनीकी सलाहकार एके. मलिक ने समीक्षा बैठक में मौजूद सभी शुगरमिल के अधिकारियों, चीफ कैमिस्टों तथा चीफ इंजीनियरों को गन्ना विकास, रिकवरी बढ़ाने, मिल का खर्चा कम करने, मिल की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ मिल को सफलतापूर्वक चलाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
        इस अवसर पर शुगर फेड के प्रबंध निदेशक मोहम्मद शाईन, सहकारी शगरमिल करनाल के उपाध्यक्ष पवन कल्याण, एमडी शुगरमिल वर्षा खांगवाल सहित अन्य सभी शुगर मिलों के प्रबंध निदेशक, चीफ कैमिस्ट तथा चीफ इंजीनियर उपस्थित रहे।
          

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