मोदी और खट्टर सरकार ने किसानों और मजदूरो को कौन सा आसन करवाया, करेंगे खुलासा
करनाल, 20 जून : PARVEEN KAUSHIK
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा
है कि देश में मोदी सरकार और प्रदेश में खट्टर सरकार को गहरी नींद से जगाने
के लिए कांग्रेस ने आम लोगों के साथ मिलकर बिगुल फंूक दिया है। सरकार को
पहले जगाऐंगे और फिर देश और प्रदेश से भगाऐंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि
भाजपा सरकार को किसी भी कीमत पर निरंकुश नहीं होने देंगे। बेलगाम केन्द्र
और भाजपा सरकार पर जनता के साथ मिलकर लगाम लगाऐंगे। सरकार को मजबूर कर
देंगे कि वह किसानों और मजदूरों व आम आदमी की आवाज को सुने और उनको जीने का
अधिकार दें। उन्होंने कहा कि आज दुर्भाग्य की बात है कि 13 हजार से ज्यादा
किसान पिछले तीन सालों में खुदखुशी कर चुका है। सीमा पर हर रोज जवान मर
रहे है। लेकिन मोदी सरकार चैन की बांसूरी बजा रही है। वह आज दूसरे दिन
सैक्टर-12 में कांग्रेस द्वारा दिए जा रहे किसान सत्याग्रह स्थल पर उपस्थित
जनो को संबोधित कर रहे थे। आज पंडाल ने किसानों की एसैंबली का रूप धारण कर
लिया था। आज भी किसानों की तरफ से कई सुझाव आऐं। प्रदेश के कोने-कोने से
किसान और कांग्रेस कार्यकर्ता आए हुए थे। प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा
कि किसानों को कर्ज माफी नहीं बल्कि आर्थिक तौर पर मजबूती चाहिए। पिछले
सालों में कृषि लागत पर कई गुणा बढ़ी है। इस एवज में किसानों को दिया जा
रहा समर्थन मूल्य ऊंट के मूंह में जीरा साबित हो रहा है। किसानों को उनकी
लागत पर 50 फीसदी मुनाफा के साथ समर्थन मूल्य दिया जाएं। किसानों और मजदूरो
के परिजनों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं और सामाजिक सुरक्षा के तहत पैंशन
दी जाएं। इससे किसान और मजदूर देश के लिए धरती का सीना चीरकर अनाज का
उत्पादन बढ़ा सके। देश का किसान और मजदूर आर्थिक संकट के चक्र में फंसा हुआ
है। आर्थिक आधार लगातार खराब होते जा रहे है। किसानों को आत्महत्या के लिए
मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े
करते हुए कहा कि सोनीपत की बेटी के साथ, रोहतक में निर्भया कांड के बाद
गुुरुग्राम में भी चलती कार में महिला की अस्मत लूटी गई। प्रदेश में लगातार
लूटपाट, डकैती, हत्याएं, बलात्कार जैसी घटनाएं घट रही है। जिससे हरियाणा
अपराध भूमि में तबदील हो रहा है। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले लोग
यहां निवेश करने से डर रहे है। वह दूसरे प्रदेशों में जाकर उद्योगों को लगा
रहे है। ऐसी स्थिति में प्रदेश में कानून का राज नहीं है। उन्होंने
जी.एस.टी की चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस राज में जी.एस.टी कानून लोगों
की भावनाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया था। लेकिन मोदी सरकार ने इसे
इंस्पैक्टर राज की वापसी और लूट का संसाधन बना दिया। जिससे देशभर में
कोहराम और लूटपाट मचेगा। इस अवसर पर पूर्व मंत्री सुभाष बत्तरा, बिजेन्द्र
कादियान, पूर्व विधायक आंनद कौशिक, राज रानी पूनम, जयपाल सिंह लाली,
कांग्रेस के प्रदेश सचिव पंकज पुनिया, तरूण भंडारी, राजेश अमरसर, सुन्दर
सिंह गुरुग्राम, कृष्ण शर्मा बसताड़ा, डा. सुनील पंवार, जगदेव मालिक, ज्ञान
सहोता, अरङ्क्षवद मान, प्रदीप शर्मा, सतविन्द्र सिंह टिम्मी, सतेन्द्र
सिंह आदमपुर, प्रमोद सहवान, जगजीत हुड्डा, नरेश जांगड़ा, रामशरण भोला, दयाल
सिंह सिरोही, पराग गाबा, काम्बोज सभा के अनिल काम्बोज, जोगिन्द्र राणा,
शेर प्रताप शेरी, विशाल प्रजापत, राजेश जोगनाखेड़ा, राम सिंह बसताड़ा,
राजेन्द्र कल्याण, कर्ण सिंह संधु गगसीना, डा. धर्मदेव आर्य, राजेश
श्योकंद, संदीप बुरा, विमल नम्बरदार, जसबीर गुर्जर, नरेश संधु, विरेन्द्र
चौहान, शानू अहमद, बिमला शिवाच, जितेन्द्र विर्क, संतोष तेजान, संतोष
कैरालिया, बृजेश यादव, सीमा रावत, भगवंत सिंह भाम्बा, नायब सिंह, रविदत्त
कौशिक, देवीराज कसाना, बसंत राणा, जितेन्द्र संधु, डा. कपूर सिंह, सुनील
शर्मा, राजेन्द्र शर्मा, संजीव कुमार, आसीम खान, प्रेम चन्द, राजकुमार,
ज्ञानी राम, डा. मोहन लाल, जसविन्द्र संधु, सुरेन्द्र पटवा, जगबीर,
ओमप्रकाश, संजय जांगड़ा, राकेश ढींगड़ा, कुलवंत सिंह कलेर, प्रेमचंद,
बलवान सेन, कृष्ण गहलोत, कृष्णचंद, पूनम, महाबीर सिंह, भूपेन्द्र राणा,
असलम खेड़ी, मनबीर कौर, दलबीर सिंह, सुरेन्द्र, पवन खरखौदा, ओमप्रकाश,
हकीकत सिंह सहित कई लोग मौजूद थे।
बॉक्स
सत्याग्रह स्थल बना किसानों की एसैंबली : सत्याग्रह स्थल पर सुबह से ही किसानों की आमद शुरू हो गई थी। बारिश के बाद भी दूर-दराज से किसान पहुंच रहे थे। बारिश और आंधी उनके कदमो को नहीं रोक पाई। यहां पर किसान अपने साथ हुक्का लेकर आएं हुए थे। कई किसान तो कल से यहां डटे हुए है। किसान यहां आकर अपने विचार और सुझाव प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर के साथ सांझा किए। किसान यहां पर अपनी परम्परागत वेशभूषा में आए हुए थे।
बॉक्सअंतिम दिन प्रस्ताव पारित होगा जन-भावनाओं के आधार पर : सत्याग्रह स्थल पर पहुंचे प्रदेश भर से हजारों किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सुझावों पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पूरी तरह से ध्यान देर है। इन सुझावों को अंतिम दिन पारित किए जाने वाले प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा। जो सुझाव आएं उनके अनुसार किसानों की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का मुख्य आधार किसानों को 50 फीसदी मुनाफा और उनकी लागत को शामिल करना। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम घटने के बाद भी डीजल के दाम नहीं घटे। कृषि क्षेत्र में उपयोग होने वाले डीजल के दाम में 50 फीसदी कटौती, हरियाणा के खेतों में 24 घंटे बिजली की सप्लाई देने तथा यूरिया बीच और खाद उचित मूल्य पर व उचित समय, पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाने, प्राकृतिक आपदा के मामले में नुक्सान के एवज में एक माह के भीतर मुआवजा या फिर नुक्सान की एवज में किसानों को कर्ज माफी, सब्जियों और अन्य फसलों के लिए समर्थन मूल्य घोषित करने, हर खेत में पानी की सप्लाई सुनिश्चित करें। गन्ने का समर्थन मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल करने। किसानों ओर मजूदरों के परिजनों को स्वास्थ्य सेवाएं फ्री प्रदान करने तथा किसान विरोधी जबरन किसान फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के खातो में से कटौती तुरन्त बंद करने एवं फसल बीमा योजना किसानो के स्वैच्छिक न कि थोपे न जाएं में सुझाव दिए गए। इस अवसर पर किसानों में प्रमुख तौर पर राजबीर, पाला राम, लालचंद, टेका राम, धर्मबीर, संजना, सतबीर, काश्मीर सिंह तंवर समेत अन्य किसान मौजूद रहे।
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सत्याग्रह स्थल बना किसानों की एसैंबली : सत्याग्रह स्थल पर सुबह से ही किसानों की आमद शुरू हो गई थी। बारिश के बाद भी दूर-दराज से किसान पहुंच रहे थे। बारिश और आंधी उनके कदमो को नहीं रोक पाई। यहां पर किसान अपने साथ हुक्का लेकर आएं हुए थे। कई किसान तो कल से यहां डटे हुए है। किसान यहां आकर अपने विचार और सुझाव प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर के साथ सांझा किए। किसान यहां पर अपनी परम्परागत वेशभूषा में आए हुए थे।
बॉक्सअंतिम दिन प्रस्ताव पारित होगा जन-भावनाओं के आधार पर : सत्याग्रह स्थल पर पहुंचे प्रदेश भर से हजारों किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सुझावों पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पूरी तरह से ध्यान देर है। इन सुझावों को अंतिम दिन पारित किए जाने वाले प्रस्ताव में शामिल किया जाएगा। जो सुझाव आएं उनके अनुसार किसानों की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का मुख्य आधार किसानों को 50 फीसदी मुनाफा और उनकी लागत को शामिल करना। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम घटने के बाद भी डीजल के दाम नहीं घटे। कृषि क्षेत्र में उपयोग होने वाले डीजल के दाम में 50 फीसदी कटौती, हरियाणा के खेतों में 24 घंटे बिजली की सप्लाई देने तथा यूरिया बीच और खाद उचित मूल्य पर व उचित समय, पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाने, प्राकृतिक आपदा के मामले में नुक्सान के एवज में एक माह के भीतर मुआवजा या फिर नुक्सान की एवज में किसानों को कर्ज माफी, सब्जियों और अन्य फसलों के लिए समर्थन मूल्य घोषित करने, हर खेत में पानी की सप्लाई सुनिश्चित करें। गन्ने का समर्थन मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल करने। किसानों ओर मजूदरों के परिजनों को स्वास्थ्य सेवाएं फ्री प्रदान करने तथा किसान विरोधी जबरन किसान फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों के खातो में से कटौती तुरन्त बंद करने एवं फसल बीमा योजना किसानो के स्वैच्छिक न कि थोपे न जाएं में सुझाव दिए गए। इस अवसर पर किसानों में प्रमुख तौर पर राजबीर, पाला राम, लालचंद, टेका राम, धर्मबीर, संजना, सतबीर, काश्मीर सिंह तंवर समेत अन्य किसान मौजूद रहे।
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