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ईरा-ग्रुप के मालिकों पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप
पार्क की 200 गज जमीन डीटीपी से मिलीभगत कर बेचने का लगाया आरोप
ईरा फेज 1 में स्थापित ईरा रेजिडेंशियल वैल्फेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को एक पत्रकारवार्ता कर ईरा ग्रुप के मालिकों नोएडा निवासी हेमसिंह भड़ाना व उनके पुत्रों सुमित व वैभव के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए ईरा फेज 1 में बने मुख्य पार्क की 200 गज जमीन डीटीपी से मिलीभगत कर एक व्यक्ति के नाम ट्रांसफर करने के आरोप लगाए। इतना ही नहीं उन्होंने जिला व पुलिस प्रशासन पर भी यहां के निवासियों का साथ देने के बजाय धोखाधड़ी करने वालों का साथ देने के आरोप जड़े। एसोसिएशन के प्रधान शरणजीत गिल, उपाध्यक्ष सुभाष चंद, सचिव राजेश मेहता, सह सचिव प्रमोद कुमार, कोषाध्यक्ष गुरदेव सिंह आदि ने बताया कि वर्ष 2006 में जब ईरा ग्रुप द्वारा फेज 1 बनाया जा रहा था तो उन्हें सिक्योरिटी, आलिशान पार्क, 24 घंटे बिजली, पानी, सीवर की सुविधा, माली, सफाई कर्मचारी आदि देने के प्रलोभन दिए गए थे। ऐसे में उसके सारे 240 प्लॉट विभिन्न वर्ग के लोगों ने खरीद भी लिए, जिनमें से 112 लोग अपने मकान बनाकर यहां रहने भी लग गए। इसके बाद कम्पनी मालिकों ने धोखाधड़ी करनी शुरू कर दी। सबसे पहला धोखा तो ये उजागर हुआ कि कम्पनी ने यहां के प्लॉट की फर्द के आधार पर, जो कि कम्पनी के नाम पर ही है, लगभग 19 करोड़ रुपए का लोन बैंक से ले लिया, जबकि उनकी रजिस्ट्री मकान मालिक के नाम पर हैं। अब मकान मालिक अपने ही मकान पर लोन लेने के भी काबिल नहीं हैं। दूसरा धोखा ये कि गत वर्ष बिजली बिल भरने के नाम पर तो यहां के निवासियों से करीब 19 लाख रुपए की रिकवरी कर ली, लेकिन बिजली निगम में उक्त राशि जमा नहीं करवाई। जब उनका बिजली कनैक्शन काट दिया गया और यहां के निवासियों द्वारा पूछताछ की गई तो पता चला कि कम्पनी ने बिल ही नहीं भरवाए। इसके बाद सभी ने अपने मकान के बिल के हिसाब से दोबारा पैसे एकत्रित कर बिजली निगम में 19 लाख रुपए जमा करवाए तब जाकर यहां की बिजली बहाल हुई। इतना ही नहीं अब यहां पर कम्पनी की ओर से न तो सिक्योरिटी गार्ड है, न माली, न सफाई कर्मचारी, न बिजली का बैकअप और न बिजली कर्मचारी या प्लम्बर। इससे यहां के निवासी ईरा-फेज 1 में मकान बनाकर बेहद पछता रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस धोखाधड़ी के खिलाफ टीडी खेतरपाल की ओर से सिटी थाना में 12 अक्तूबर 2015 को एफआईआर भी दर्ज करवाई गई, लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की। अब ताजा मामला मुख्य पार्क की 200 वर्ग गज जमीन कृष्ण गाबा नामक व्यक्ति को ट्रांसफर करने तथा इस जमीन के पूर्व मालिक द्वारा यहां पर पार्किंग व स्कूल के लिए रखी जमीन को अपनी बताकर हड़पने की कोशिश का है। उन्होंने बताया कि गत दिवस भी वे डीसी, एसपी, डीएसपी व तहसीलदार के पास शिकायत लेकर गए थे, लेकिन उन्होंने भी अपने हाथ खड़े कर दिए और उन्हें कोर्ट में केस करने का सुझाव देकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
ईरा फेज-2 में प्लॉट लेने के प्रति किया सचेत
इस दौरान यहां के निवासियों ने ईरा-फेज 2 में प्लॉट लेकर मकान बनाने के इच्छुक व्यक्तियों को भी सचेत करते हुए कहा कि पहले वे कम्पनी व उसके मालिकों की साख के संबंध में गहन पड़ताल कर लें, क्योंकि हो सकता है कि जिस प्रकार वे इस कम्पनी के चंगुल में फंसकर अपने करोड़ों रुपए लगाकर धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, कहीं बाद में उन्हें भी पछताना पड़े।
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