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Monday, 31 July 2017

युवा कांग्रेस की जन आक्रोश पद यात्रा का आक्रोश बीच रास्ते में ही ठंडा पड़ गया

 प्रदर्शनकारियों को एक कदम भी नेशनल हाइवे पर नही रखने दिया। 

घरौंडा : 31 जुलाई-kaushik
        बिजली निगम की जगमग योजना के खिलाफ युवा कांग्रेस की जन आक्रोश पद
यात्रा का आक्रोश बीच रास्ते में ही ठंडा पड़ गया। जिला पुलिस के कड़े
सुरक्षा व्यवस्था के चलते प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को एक कदम भी नेशनल
हाइवे पर नही रखने दिया। प्रशासन के कड़े तेवरों को देखते हुए
प्रदर्शनकारियों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घरौंडा के गेट के सामने
धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया तथा बिजली निगम व प्रदेश सरकार के खिलाफ
नारेबाजी की। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे यूथ कांग्रेस के नेता करीब आधे
घंटे तक भाषणबाजी करते रहे और उसके बाद उल्टे पांव गांव वापिस लौट गए।
        सोमवार को हमारा गांव-जगमग गांव योजना के विरोध में गांव पुंडरी से
करनाल के लिए रवाना हुई युवा कांग्रेस व ग्रामीाणों की जन आक्रोश पद
यात्रा सीएम सिटी नही पहुंच सकी। शहर की एंट्री पर मुस्तैद पुलिस प्रशासन
ने बरसत रोड पर हाईवे से 10 मीटर दूर आक्रोश यात्रा को घेरे में ले लिया।
पुलिस द्वारा रोके जाने पर ग्रामीण युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन
कुंडू की अगुवाई में सड़क पर ही बैठ गए और प्रदेश सरकार व बिजली निगम के
खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। ग्रामीण वेदों देवी, सोनिया, परमेश्वरी, कमला
देवी, परों देवी, खजानी, रोशनी, निर्मला आदि का आरोप है कि बिजली विभाग
के कर्मचारी बिजली चोरी पकडऩे के लिए गांव में रात के समय छापेमारी करते
है। बिजलीकर्मियों के रात के समय घर में घुसने से घर के लोगों में दहशत
का माहौल पैदा हो जाता है, जबकि गांव को कोई भी मौजिज व्यक्ति छापेमारी
टीम के साथ नही होता है। ग्रामीणों ने कहा कि उनके मीटर ठीक-ठाक चल रहे
है। ऐसे में वे अपने मीटर बाहर शिफ्ट नही होने देंगे। बरसत रोड पर
प्रदर्शनकारियों द्वारा जाम के कारण सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग
गई। करीब एक घंटे तक लगे इस जाम में भारी वाहनों सहित सवारियों से भरे
ऑटो व फोर व्हीलर सड़क पर ही जाम खुलने का इंतजार करते रहे।
अरे! ये कैसी पद यात्रा?
        युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने यात्रा का नाम जन आक्रोश पद-यात्रा
दिया हुआ था। लेकिन प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर-ट्रालियों, कारों व बाइकों के
माध्यम से करनाल जा रहे थे। जगमग योजना के विरोध में किए जा रहे प्रदर्शन
को यूथ कांग्रेस को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया गया और भाषणबाजी
में इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की गई। हालांकि सवाल यह
उठता है कि यदि प्रदर्शनकारियों को ट्रैक्टर-ट्रालियों, कारों व बाइकों
से ही करनाल जाना था तो यात्रा का नाम आक्रोश पद यात्रा क्यों दिया गया?
सरकारी अस्पताल के मरीज होते रहे परेशान-
        सड़क जाम होने से वाहन चालकों को तो परेशानी हुई, लेकिन सबसे ज्यादा
दिक्कतों का सामना सीएचसी में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को करना
पड़ा। सीएचसी के आगे प्रदर्शनकारियों के बैठने से अस्पताल को रास्ता
बिल्कुल अवरूद्ध हो गया। जिससे न तो कोई मरीज आसानी से अस्पताल में जा पा
रहा था और न ही अंदर से बाहर निकल पा रहा था। गनीमत यह रही कि करीब घंटे
भर तक चले इस प्रदर्शन के दौरान अस्पताल में कोई गंभीर इमरजैंसी नही
पहुंची, नही तो हालात कुछ भी हो सकते थे।
प्रदर्शनकारियों से निपटने के मूढ़ में दिखी पुलिस-
        सीएचसी चौंक पर पुलिसकर्मी लाठी-डंडो व हथियारों के साथ पूरी तरह
मुस्तैद नजर आए। प्रशासन की ओर से जिस तरह मौके पर वाटर केनन व महिला
पुलिस सहित पुलिस की तीन टुकडिय़ों बुलाई गई थी। उससे साफ जाहिर था कि
पुलिस प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दे
रही है। डीएसपी राजकुमार वालिया की अगुवाई में पुलिसकर्मी मोर्चा संभाले
हुए थे।
ग्रामीणों को समझाकर वापिस भेजा : डीएसपी
        डीएसपी राजकुमार वालिया ने कहा कि बिजली मीटरों को लेकर पुंडरी गांव के
ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया था। जीटी रोड पर ट्रैफिक ज्यादा होती है।
किसी तरह का कोई हादसा न हो, इसलिए ग्रामीणों को समझा बुझाकर बरसत रोड से
ही वापिस भेज दिया है। ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर जिला उपायुक्त



के नाम ज्ञापन सौंपा है, जो डीसी कार्यालय भेज दिया जाएगा।

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