करनाल। parveen kaushik
12 सैक्टर स्थित गोल्डन मूमैंट के सभागार में वॉयस ऑफ इंडिया द म्यूजिक
उन्हीं के गाए हुए गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम के आरंभ
में नवचेतना मंच के संयोजक एस.पी. चौहान, वॉयस ऑफ इंडिया के निदेशक डॉ. कृष्ण
अरोड़ा, निफा के चेयरमैन प्रितपाल सिंह पन्नु, एस.बी.एस. एजुकेशन सोसायटी के
अध्यक्ष दीवान कुलदीप सिंह चोपड़ा, यादगार-ए-रफी सोसायटी चंडीगढ़ के अध्यक्ष
बी.डी. शर्मा और सदस्य शक्ति कोहली सहित अन्य ने रफी साहब के चित्र के सम्मुख
शमां रोशन कर पुष्पांजलि अर्पित की। खचाखच भरे हॉल में कलाकारों ने रफी साहब
के गाए हुए गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि दी और श्रोताओं का मन मोह लिया। इस
अवसर पर शीतल ने चुरा लिया है तुमने जो दिल को... गाया जबकि ए.सी. पुरी ने तू
गंगा की मौज गीत सुनाया। चंडीगढ़ से पधारे अमृतपाल सिंह ने यकीन कर लो मुझे और
केशव ने इस कार्यक्रम में देशभक्ति का रंग घोलते हुए गीत सुनाया जिसके बोल थे
कर चले हम फिदा जानो तन साथियों। यूसुफ और गौरव ने क्रमश: आजा रे आ जरा और ऐसा
मौका फिर कहां मिलेगा गीत गाया। रफी नाईट की परिपाटी से थोड़ा सा हटकर रीना और
अनू ने कजरा मोहब्बत वाला गीत सुनाकर श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर
दिया। टेलीविजन जगत में उभरते हुए कलाकार दिव्यम सोढ़ी ने रफी साहब का मशहूर
गीत तुम जो मिल गए हो गाया। करनाल कल्ब के एस्टेट ऑफिसर चंद्र मेहता ने रफी
साहब का गीत जब दिल से दिल मिल जाता है श्रोताओं को सुनाया वहीं अनु और
प्रियंका तथा युसूफ और मैरी ने पर्दे में रहने दो ओ सुन सुन और गुलाबी कली गीत
प्रस्तुत किया। मिहिर ने पर्दा है पर्दा... गीत सुनाकर लोगों को नाचने तक के
लिए मजबूर कर दिया। करनाल के जाने माने डॉक्टर अभय सूद और डॉक्टर इकबाल ने कभी
न कभी और थोड़ा रूक जाएगी सरीखे गंभीर और शोख गीत सुनाकर श्रोताओं की वाहावाही
लूटी। देवव्रत ने दिया यह दिल गीत गुनगुनाया जबकि अमृत और मैरी ने डफली वाले
गीत सुनाकर लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। नवचेतना मंच के संयोजक
एस.पी. चौहान ने अपने अभिभाषण के साथ-साथ दिल ने फिर याद किया गीत सुनाया।
वहीं वॉयस ऑफ इंडिया के निदेशक डॉ. कृष्ण अरोड़ा ने अपने अनूठे और शास्त्रीय
अंदाज में वो जब याद आए बहुत याद आए। गीत गुनगुना कर समां बांध दिया।
इस अवसर पर नवचेतना मंच के संयोजक एस.पी. चौहान ने कहा कि संगीत केवल मनोरंजन
का साधन नहीं अपितु ईश्वर की आराधना का महत्वपूर्ण सूत्र है। संगीत के माध्यम
से ही समाज का कल्याण संभव है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने जीवन में संगीत को
महत्व देना चाहिए।
इस अवसर पर शहर की नामचीन हस्तियां उपस्थित थी जिनमें करनाल के डिप्टी मेयर
मनोज वधवा, नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी धीरज कुमार, प्रतिमा रक्षा सम्मान
समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र अरोड़ा, निफा के चेयरमैन प्रीतपाल सिंह पन्नु, निफा
के अध्यक्ष एडवोकेट नरेश बराना, डॉ. राजन हांडा, जे.आर. कालड़ा, रूप नारायण
चान्दना, सेंचुरी स्कूल के निदेशक आदित्य बंसल, चंंडीगढ़ से पधार शक्ति कोहली
और बी.डी. शर्मा, आर.पी. आई.आई.टी. के प्रो. सौरभ गुप्ता, आर.पी.आई.टी. के
निदेशक भरत सिंघल, कर्ण योग एसोसिएशन के विनय कोहली और विजय कोहली, व्यवसायी
विशाल गुप्ता, जाने माने गायक के.एल. सोढ़ी, राजीव मल्होत्रा, अपर्णा ट्रस्ट
से निरीति आनन्द, नरेश अरोड़ा, जितेन्द्र नरवाल, नन्द खुराना, करुणा अरोडा़,
सुरेश अरोड़ा, वैशाली, कपिल अत्रेजा, संतोष बक्शी, प्रेम मैहता, सीमा चौहान
एवं शहर के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वॉयस ऑफ
इंडिया के निदेशक डॉ. कृष्ण अरोड़ा और जनसंपर्क अधिकारी महेश शर्मा ने संयुक्त
रूप से किया। रफी नाईट के समापन पर सभी कलाकारों और संगीतकारों जिनमें विशेष
रूप से सागर, यमन, राजेश, आशीष मेहरा और मनोज को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।
इस अवसर पर वॉयस ऑफ इंडिया के जनसंपर्क अधिकारी महेशा शर्मा ने जानकारी देते
हुए बताया कि वायॅस ऑफ इंडिया द म्यूजिक पीपल कल्ब का निर्माण किया जा रहा है
जिसमें सदस्यों को शामिल करके वार्षिक रूप से संगीत के तीन से चार कार्यक्रमों
का मंचन किया जायेगा। और भारतीय संस्कृति के संरक्षण का कार्य भी किया जायेगा।
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