
घरौंडा: प्रवीण कौशिक
उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने सोमवार को सिंचाई विभाग की ओर से यमुना
नदी पर बाढ़ से बचाव के लिए किए गए 3 मुख्य कार्यों का निरीक्षण कर उनमें
प्रयुक्त सामग्री की भी जांच की। इन कार्यों पर विभाग ने 2 करोड़ 81 लाख
रूपये की राशि खर्च की है। उपायुक्त के साथ इन्द्री वाटर सर्विसेज़
डिविजन के कार्यकारी अभियंता मनीश शर्मा भी थे।
उपायुक्त ने सर्वप्रथम ढाकवाला गुजरान क्षेत्र में यमुना किनारे
स्टोन स्टड (पत्थरों से टेक लगाना) तथा जीओ सिंथैटिक मैटिरियल (ट्यूब
एंड बैग) से किए गए रिवेटमैंट कार्य का निरीक्षण किया। बता दें कि
यमुना जैसी नदियों में आने वाली बाढ से भूमि कटाव को रोकने के लिए,
जीओ सिंथैटिक मैटिरियल (ट्यूब एंड बैग) एक ऐसा तरीका है, जिसका प्रयोग
उत्तर प्रदेश, बिहार और आसाम जैसे प्रदेषों में सफल रहा है। जबकि
हरियाणा के करनाल में पहली बार इस तरकीब को प्रयोग के तौर पर आजमाया
गया है, जो कारगर सिद्ध हुई है। परिणामस्वरूप कटाव ना होने से साथ लगते
खेतों और उसमें खड़ी फसल को भी बचाया जा सका है।
फायदे हैं। खाली कट्टें लाने के लिए ट्रांसपोर्टेषन सस्ती पड़ती है। मौके
पर ही उनमें रेत भरी जाती है, जो पानी के साथ मिलकर सोलिड हो जाते हैं।
इस तरीके से एन्वार्यमेंट अच्छा रहता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस पर
सिल्ट बेअसर रहती है और इसके प्रयोग से जमीदार भी खुश रहते हैं।
इसके पश्चात उपायुक्त ने यमुना के साथ लगते लालूपुरा-सदरपुर कॉम्लैक्स
में जाकर बाढ़ बचाव के कार्यों का निरीक्षण किया। सिंचाई विभाग की ओर
से यहां करीब 600 फुट एरिया में एक स्टड बनाया गया है। पुराने स्टड की
मरम्मत कर उसे भी पक्का भी किया गया है। परिणामस्वरूप पिछले दिनों
पहाड़ी ईलाकों में हुई तेज वर्शा से यमुना में आए अत्याधिक पानी से
इस क्षेत्र में भूमि कटाव नहीं हुआ और ना ही खेतों में किसी भी प्रकार
की क्षति हुई।
निरीक्षण के बाद उपायुक्त ने सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ बचाव के लिए
किए गए कार्यों पर संतोष जताया। दोनो जगहों पर मौजूद ग्रामीणों ने भी
इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि इस बार के इंतजाम पहले से कहीं
बेहतर हैं। उपायुक्त ने उम्मीद जताई कि अगले वर्श भी मानसून सीजन में
बाढ से बचाव के लिए किए गए उपाय कामयाब रहेंगें।
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