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Thursday, 31 August 2017

प्रोजेक्ट्स की सुपरविजन की जिम्मेवारी डिपार्टमेंट के पक्के कर्मचारियों की बजाए अपने चहेतों को दी



करोडों रुपयों के प्रोजेक्ट डीसी रेट के कर्मचारियों की देखरेख में चल रहे हंै।
साईट पर चल रहे निर्माण कार्यो की गुणवता पर भी लगे प्रश्न चिन्ह
            शिकायत की जा चुकी है, बावजूद इसके कोई एक्शन नहीं लिया जाता।: सुरेन्द्र शर्मा
     अधिकारी नही दे पा रहे संतुष्टि पुर्ण जवाब 
डीसी रेट के कच्चे कर्मचारियों पर भरोसा करने की
बात किसी के गले से नहीं उतर रही।

घरौंडा :प्रवीण कौशिक
पीडब्ल्यूडी विभाग के करोडों रुपयों के प्रोजेक्ट डीसी रेट के
कर्मचारियों की देखरेख में चल रहे है। विभाग के पास पक्के सुपरवाईजर होने
के बावजूद डीसी रेट के कच्चे कर्मचारियों पर भरोसा करने की बात किसी के
गले से नहीं उतर रही। ऐसे में साईट पर चल रहे निर्माण कार्यो की गुणवत्ता
पर कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गए है। अधिकारियों से डीसी रेट के
कर्मचारियों को बड़ी जिम्मेवारी दिए जाने के सवाल का वाजिब जवाब नहीं मिल
रहा।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं के तहत पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा करनाल कर्ण
स्टेडियम में करीब 2 करोड़ 35 लाख की लागत से स्पोट्र्स सेंटर और राजकीय
महाविद्यालय घरौंडा में अढाई करोड़ के खर्च से साईंस ब्लॉक का निर्माण
किया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि विभाग के अधिकारियों ने इन
प्रोजेक्ट्स की सुपरविजन की जिम्मेवारी डिपार्टमेंट के पक्के कर्मचारियों
की बजाए अपने चहेतों को दे रखी है। विभाग के सुपरवाईजर भी मानते है कि
डी.सी. रेट के कर्मचारियों पर इतनी मेहरबानी उनके लिए दिक्कत खड़ी कर
सकती है। ऐसे में साईट पर चल रहे निर्माण कार्यो की गुणवता पर भी प्रश्न
चिन्ह लग गए है। गौरतलब है कि कर्ण स्टेडियम ने चल रहा स्पोट्र्स सेंटर
का निर्माण विभाग की नाक के नीचे चल रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग के दफ्तर
से यह साईट मात्र चंद मीटर की दूरी पर है, बावजूद इसके अधिकारियों ने
अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए डीसी रेट के कर्मचारियों के हाथ में
कमान सौंप रखी है। इन प्रोजेक्ट्स के इलावा सैनिक स्कूल में चल रहे
कार्यो के देखरेख भी डीसी रेट के कर्मचारी को दी गई है।
पोस्टिंग घरौंडा, काम करनाल में-
पीडब्ल्युडी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दोनों प्रोजेक्ट्स के लिए
जेई नरेंद्र मलिक को नियुक्त किया गया है। नरेंद्र मलिक की पोस्टिंग
फिलहाल घरौंडा सब डिविजन में है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें करनाल में चल
रहे कार्यो का जि मा भी दिया गया है। ऐसा नहीं है कि विभाग के पास जेई
नहीं है, लेकिन नरेंद्र मलिक पर अफसरों की मेहरबानी डिपार्टमेंट के दूसरे
जेई को भी अखरने लगी है। दबी जुबान में कुछ जेई अब इसका विरोध भी करने लग
गये है। स्पोट्र्स सेंटर निर्माण का सुपरविजन कर रहे साईट सुपरवाईजर अमित
दहिया जेई साहब के रिश्तेदार बताए जाते है। अमित दहिया कि नियुक्ति डीसी
रेट पर हुई है, लेकिन एसडीओ गौरव कुमार को इस नियुक्ति की कोई जानकारी
नहीं है।
हम टंगेगे, अफसर दे जवाब-
स्टेडियम में बन रहे स्पोट्र्स सेंटर निर्माण की देखरेख के लिए विभाग ने
अमित दहिया के साथ महकमे के स्थाई  सुपरवाईजर सुरेन्द्र शर्मा को भी
नियुक्त किया है। सुरेन्द्र शर्मा ने कहना है कि साईट पर जेई साहब ने
अपने रिश्तेदार अमित दहिया को डीसी रेट पर लगाया है। विभाग के पास पक्के
कर्मचारी है, ऐसे में डीसी रेट के कर्मचारी क्यों लगाये गए इसका जवाब
अफसरों को देना है। सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि करोड़ों रूपये के इस
प्रोजेक्ट में कुछ गड़बड़ हुई तो वे ही टंगेगे। कई बार अधिकारियों को
शिकायत की जा चुकी है, बावजूद इसके कोई एक्शन नहीं लिया जाता।
--गौरव कुमार एसडीओ पीडब्ल्यूडी डिविजन करनाल
विभाग के पास कर्मचारियों की कमी है इसलिए डीसी रेट के कर्म
चारी रखे है ।
डीसी रेट के कर्मचारियों की डिटेल डिविजन लेवल पर होगी । जब पक्के
कर्मचारी नहीं होंगे तो काम को चलाना ही पड़ता है ।
-एनके जैन एसडीओ पीडब्ल्यूडी घरौंडा सब डिविजन--
जेई नरेंद्र कुमार की पोस्टिंग घरौंडा सब डिविजन में है। विभागीय कारणों
की वजह से नरेंद्र को करनाल शहर में चल रहे कार्यो की जिम्मेवारी भी दी
गई है । उच्च अधिकारी कार्यक्षमता के अनुसार अधीनस्थ स्टाफ से काम ले
सकते है।

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