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Tuesday, 18 July 2017

कातिल राहें , बेबस जिंदगियां


शाहाबाद (समय की ताकत
आज ह्यूमन राइट्स एंड एंटी करप्शन फ्रंट की टीम ने सहकारिता विंग के जिला प्रधान स्वर्ण सिंह के साथ न्यू मारकंडा कॉलोनी रेस्ट हाउस के सामने का दौरा किया। कॉलोनी में अंदर बाहर जाने के रास्तों को देखकर एक बार तो आम आदमी का दिल दहल जाता है। क्योंकि इस कॉलोनी को जो रास्ते दिए गए हैं वो किसी भी दिशा से सही नही दिए गए। उन रास्तों तक पहुंचने व कॉलोनी में घुसने या बाहर जाने के लिए लोगों को गलत दिशा से लंबा सफर तय करना पड़ता है। स्वर्ण सिंह ने बताया कि जब उन्होंने कॉलोनीवासियों से बात की तो पता चला की इन रास्तों की वजह से सिर्फ कॉलोनी वासी ही नही बल्कि कई राहगीर भी हादसों के शिकार हो चुके हैं। कॉलोनीवासी प्रीतम सिंह जी ने बातचीत के दौरान बताया कि जब से ये फ्लाई ओवर बना है तब से लेकर आज कितने हादसे हो चुके हैं कि उनको हादसों की गिनती का भी पता नही। आप को बता दें कि ये कॉलोनी बराड़ा चौक के पास बने फ्लाई ओवर से अम्बाला की तरफ दोनों सड़को के बीच मे स्तिथ है। ये कॉलोनी नगरपालिक के अधीन है। कॉलोनी वासियों ने बताया कि वे सभी लोग नियमित रूप से हाउस टैक्स व अन्य कर नियमित रूप से भर रहे है। बावजूद इसके  सही दिशा से रास्ता तो दूर,  इस कॉलोनी को किसी भी तरह की सुविधा मुहैया नही करवाई जा रही। न ही पीने के पानी के लिए कोई ट्यूबवेल, न ही पानी की निकासी का प्रबंध, और न ही कोई रास्ता या गली पक्की करवाई गई है। कॉलोनीवासियों ने अपने तौर पर ही घरेलू बोरवेल करवा के पीने के पानी की व्यवस्था कर रखी है। बातचीत में उन्होंने ये भी बताया कि जब ये फ्लाईओवर बन रहा था तो कॉलोनीवासी रास्ते के लिए 4, 5 बार स्थानीय मंत्री माननीय कृष्ण बेदी जी से भी मिले थे , लेकिन वहां भी सिवाय आश्वाशनो के कुछ हासिल नही हुआ। इसके बाद कॉलोनी वासीयों ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी के हरियाणा पंजाब के निदेशक श्री विपिन शर्मा से भी संपर्क किया। वहां से भी सिवाय आश्वासन और मायूसी के कुछ भी हासिल नही हुआ। इस कॉलोनी में लगभग 60 से 70 घर व 50 से 60 के करीब झुगी जोपड़ियाँ हैं। झुगी वासियों बे बताया कि उनको रोज़मर्रा के काम व अपना जीवन यापन करने के लिए पानी लेने सड़क के दूसरी और जाना पड़ता है, छोटे छोटे बच्चों को भी स्कूल आने जाने लिए इन खूनी रास्तों से गुजरना पड़ता है, जिससे हर वक़्त उनकी सांसे अटकी रहती हैं कि कहीं उनके या बच्चों के साथ कोई हादसा न हो जाये। स्वर्ण सिंह ने कहा कि रोज हो रहे इन हादसों का जिम्मेदार कौन है? अगर ये कॉलोनी नगरपालिका के नक्शे में है तो इस कॉलोनी में लोगों को आने जाने के लिए सही रास्ते, व मूलभूत सुविधाएं क्यो नही मुहैया करवाई जा रही? जबकि कॉलोनीवासियों जे अनुसार वो नगरपालिका में हर प्रकार का कर जमा करवा रहे हैं। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है? प्रशासन आखिर कुस हादसे का इंतज़ार कर रहा है? 
*नगरपालिका अध्यक्ष का कथन* 
इस बाबत जब नगरपालिका अध्यक्ष बलदेव राज चावला से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि ये जगह सरकारी है, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि कॉलोनीवासियों का कहना है कि ये उनकी रजिस्ट्री की जगह है , और ये लोग नियमित हाउस टैक्स भी भर रहे है तो इस बात पर उन्होंने एम ई से बात करने को कहकर फ़ोन काट दिया। स्वर्ण सिंह ने कहा कि अगर इस कॉलोनी को प्रशाशन मूलभूत सुविधाएं मुहैया नही करवा सकता तो आखिर इनसे टैक्स किस बात के वसूले जा रहे है? सिंह ने कहा कि आखिर इनका वारिस कौन है? किसी भी स्तर का चुनाव हो तो सभी नेता लोग, व उनके कार्यकर्ताओं को ये कॉलोनी याद आ जाती है। लेकिन आज इसकी सुध लेने वाला कोई भी नही? आज किसी को ये कॉलोनी याद क्यों नही आ रही? उन्होंने बताया कि ये फ्लाईओवर बनने से पहले यहां ओर लगभग 40 से करीब दुकानों की अच्छी भली मार्किट थी , जिससे कई लोगों का अच्छा भला रोजगार चल रहा था , लेकिन इस फ्लाईओवर की वजह से आज ये मार्किट भी बन्द हो चुकी है, और ये कॉलोनी एक द्वीप में तब्दील हो चुकी है। स्वर्ण सिंह ने कहा कि अगर प्रशासन इस कॉलोनी की समस्याओं जा समाधान नही करता तो उनकी टीम कॉलोनीवासियों व अन्य समाज सेवी संस्थाओं। के साथ मिलकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे।
          इस मौके पर उनके साथ युवा जिला प्रधान आशु गुप्ता, शहरी प्रधान नितिन छाबड़ा, सहकारिता विंग के शहरी प्रधान गुरविंदर सिंह रंधावा व कॉलोनीवासी प्रीतम सिंह, दर्शन सिंह, प्रदीप देवगन, जसवंत सिंह, अवतार सिंह, अमरीक सिंह, अमर सिंह व अन्य कॉलोनी वासी मौजूद रहे।

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