हरिद्वार के लिए कावड़ यात्रियों के जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया।
करनाल12 जुलाई, प्रवीण कौशिक
करनाल12 जुलाई, प्रवीण कौशिक
स्वच्छ भारत मिशन के कार्यकारी वाईस चेयरमैन सुभाष चन्द्र ने कहा कि भारत ऋषि मुनियों की भूमि है और इसका हर कण धर्मिक परम्पराओं से ओत प्रोत है।
सुभाष चंद्र बुधवार ने शिव कालोनी में हरिद्वार के लिए कावड़ यात्रियों के जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि हर साल श्रावण मास में लाखों की तादाद में कांवडिये सुदूर स्थानों से गंगा जल से भरी कांवड़ लेकर पदयात्रा करके वापिस लौटते हैं जिसका एक बड़ा धार्मिक महत्व है। कांवड के माध्यम से जल की यात्रा का यह पर्व सृष्टि रूपी शिव की आराधना के लिए है। पानी आम आदमी के साथ साथ पेड पौधों, पशु - पक्षियों, धरती में निवास करने वाले हजारो लाखों तरह के कीडे-मकोडों और समूचे पर्यावरण के लिए बेहद आवश्यक वस्तु है। प्रतीकात्मक तौर पर कांवड यात्रा का संदेश इतना भर है कि आप जीवनदायिनी नदियों के लोटे भर जल से जिस भगवान शिव का अभिषेक कर रहे हें वे शिव वास्तव में सृष्टि का ही दूसरा रूप हैं। धार्मिक आस्थाओं के साथ सामाजिक सरोकारों से रची कांवड यात्रा वास्तव में जल संचय की अहमियत को उजागर करती है।
सुभाष चन्द्र ने कहा की कांवड यात्रा की सार्थकता तभी है जब आप जल बचाकर और नदियों के पानी का उपयोग कर पशु पक्षियों और पर्यावरण को पानी उपलब्ध कराएं तो प्रकृति की तरह उदार शिव सहज ही प्रसन्न होंगे। उन्होंने सभी कावडिय़ों को यात्रा की मंगलकामना के साथ भगवान् भोलेनाथ के चरणों में शीश नवाया।
इस मौके पर नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर कृष्ण गर्ग ने भी कावड़ यात्रियों को शुभकामनायें देते हुए उनकी धार्मिक यात्रा की सफलता की कामना की। उन्होंने कहा की ये इस जत्थे की 11 वीं यात्रा है और इनकी धार्मिक श्रृद्धा सभी के लिए अनुकरणीय है। यात्रा के रवाना होने से पहले स्थानीय लोगों और शिव भक्तों ने जमकर बम भोले के जयकारे लगायें और शिव् धुन पर नाचकर अपनी ख़ुशी का इजहार किया। इस अवसर पर एम सी रामचंद्र काला , प्रधान ओमप्रकाश , चरणजीत , मोहन , जोगिन्द्र , कालू , ईश्वर , सुभाष , रवि शर्मा , आकाश , बलकार , मोहित व् रोहित सहित बड़ी संख्या में शिव भक्त मौजूद रहे।
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