National
वेरिफिकेशन के लिए व्यक्ति को पुलिस के दरवाजे जाना पड़ता है या फिर खुद पुलिस को व्यक्ति के दरवाजे
जीन्द : प्रमुख आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार गोयल द्वारा सूचना के अधिकार के तहत पुलिस महकमें से जानकारी मांगी गई कि वेरिफिकेशन के लिए व्यक्ति को पुलिस के दरवाजे जाना पड़ता है या खुद फिर पुलिस को व्यक्ति के दरवाजे। पुलिस महकमें द्वारा यह पूरी जानकारी नहीं दी गई तो गोयल द्वारा प्रथम अपील अधिकारी कम पुलिस अधीक्षक जीन्द को अपील लगाई गई। एसपी जीन्द ने संबंधित अधिकारी को 7 दिन के अंदर अंदर पूरी जानकारी देने के आदेश दिए।
आरटीआई कार्यकर्ता गोयल ने पुलिस महकमें से जानकारी मांगी कि किसी भी व्यक्ति द्वारा पासपोर्ट बनवाने, आर्म लाइसेंस बनवाने या फिर रिन्यू करवाने के दौरान जो पुलिस वेरिफिकेशन करवानी पड़ती है उसमें सरकार के क्या नियम हैं। किस स्तर का अधिकारी यह वेरिफिकेशन करता है। इस वेरिफिकेशन में क्या क्या वेरिफाई किया जाता है। इसके लिए वेरिफिकेशन करवाने वाले को क्या क्या करना पड़ता है। क्या वेरिफिकेशन के लिए खुद व्यक्ति को पुलिस के दरवाजे जाना पड़ता है या फिर खुद पुलिस को व्यक्ति के दरवाजे। इसके लिए सरकार के क्या नियम है।
इसके साथ साथ यह जानकारी भी मांगी गई कि आमतौर पर पुलिस वाले वेरिफिकेशन के लिए व्यक्ति को दो पड़ौसियों को साथ लेकर थाने में आने के लिए फोन करते हैं। क्या थाने में बुलाने का नियम सही है। इसके साथ-साथ यह जानकारी भी मांगी गई कि जिन व्यक्तियों को गवाह के तौर पर बुलाया जाता है, वे व्यक्ति किस क्षेत्र के होने चाहिएं। क्या गवाह के तौर पर बुलाने वाले दोनों व्यक्ति पड़ोस के ही होने जरूरी हैं या फिर दूसरे कस्बे, दूसरे शहर के भी हो सकते हैं। इसके लिए सही नियम क्या है, पूरी जानकारी दें। क्या जिले से बाहर का व्यक्ति भी गवाही कर सकता है। क्या मात्र एक व्यक्ति भी गवाही दे सकता है या फिर दो का होना जरूरी है। क्या परिवार का कोई सदस्य भी गवाह बन सकता है। इसके साथ साथ गवाही देने वाले व्यक्ति को कम से कम क्या कागजात देने पड़ते हैं।
गोयल द्वारा यह सब जानकारी मांगी गई लेकिन पुलिस महकमें द्वारा पूरी जानकारी नहीं दी गई। पुलिस महकमें द्वारा सिर्फ यह जवाब दिया गया कि सक्ष्म अधिकारी वेरिफिकेशन करवाने वाले व्यक्ति के गांव में जाकर गांव के ही दो व्यस्क व्यक्तियों द्वारा आवेदक का नाम, पता, रिहायस व चाल चलन बारे तफ्शीश करता है। पूरी जानकारी न देने पर गोयल द्वारा एसपी जीन्द को अपील लगाई गई। एसपी जीन्द ने खुद सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारी को 7 दिन के अंदर अंदर पूरी जानकारी देने के आदेश दिए।
इसके साथ साथ यह जानकारी भी मांगी गई कि आमतौर पर पुलिस वाले वेरिफिकेशन के लिए व्यक्ति को दो पड़ौसियों को साथ लेकर थाने में आने के लिए फोन करते हैं। क्या थाने में बुलाने का नियम सही है। इसके साथ-साथ यह जानकारी भी मांगी गई कि जिन व्यक्तियों को गवाह के तौर पर बुलाया जाता है, वे व्यक्ति किस क्षेत्र के होने चाहिएं। क्या गवाह के तौर पर बुलाने वाले दोनों व्यक्ति पड़ोस के ही होने जरूरी हैं या फिर दूसरे कस्बे, दूसरे शहर के भी हो सकते हैं। इसके लिए सही नियम क्या है, पूरी जानकारी दें। क्या जिले से बाहर का व्यक्ति भी गवाही कर सकता है। क्या मात्र एक व्यक्ति भी गवाही दे सकता है या फिर दो का होना जरूरी है। क्या परिवार का कोई सदस्य भी गवाह बन सकता है। इसके साथ साथ गवाही देने वाले व्यक्ति को कम से कम क्या कागजात देने पड़ते हैं।
गोयल द्वारा यह सब जानकारी मांगी गई लेकिन पुलिस महकमें द्वारा पूरी जानकारी नहीं दी गई। पुलिस महकमें द्वारा सिर्फ यह जवाब दिया गया कि सक्ष्म अधिकारी वेरिफिकेशन करवाने वाले व्यक्ति के गांव में जाकर गांव के ही दो व्यस्क व्यक्तियों द्वारा आवेदक का नाम, पता, रिहायस व चाल चलन बारे तफ्शीश करता है। पूरी जानकारी न देने पर गोयल द्वारा एसपी जीन्द को अपील लगाई गई। एसपी जीन्द ने खुद सुनवाई करते हुए संबंधित अधिकारी को 7 दिन के अंदर अंदर पूरी जानकारी देने के आदेश दिए।
No comments:
Post a Comment