उपायुक्त ने कहा कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा आने पर प्रभावित क्षेत्र के लोगों को विश्वास होता है कि प्रशासन उनकी अवश्य मदद करेगा, ऐसे में जनता की कसौटी पर खरा उतरते हुए हमें किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय अपनी डयूटी पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी से करते हुए हर सम्भव मदद करने का प्रयास क रना चाहिए। उन्होंने बताया कि करनाल जिले में बाढ़ सम्भावित क्षेत्र के अंतर्गत 18 गांव आते हैं जिसमें इन्द्री खंड के 8,घरौंडा खंड के 3 तथा करनाल खंड के 7 गांव शामिल हैं। उपायुक्त ने सम्बन्धित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को यह भी निर्देश दिए कि आगामी 2 माह तक बिना किसी ठोस कारण के किसी भी प्रकार का अवकाश ना लें और ना ही अपना स्टेशन छोड़ें और यदि किसी जरूरी कार्य से जाना पड़ता है तो सम्बन्धित अधिकारी से छुट्टी लेकर जाएं और उसकी सूचना उपायुक्त कार्यालय को भी दें।
उन्होंने सभी एसडीएम और खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों को दौरा करते हुए सभी प्रकार के आपदा प्रबंधन के इंतजाम सुनिश्चित करें तथा बाढ़ आने पर प्रयोग की जाने वाली नावों और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों की स्थिति सही होनी चाहिए, यदि किसी प्रकार की खामी है तो उसे समय रहते दुरूस्त करवाना सुनिश्चित करें।
डीसी ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियेां को निर्देश दिए कि वे बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों के पंचायती राज प्रतिनिधियों, नम्बरदारों, चौंकीदारों के मोबाईल नम्बर भी अपने मोबाईल में सुरक्षित रखें ताकि यमुना नदी का जल स्तर बढऩे या किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने से पहले ही सूचनाएं आदान-प्रदान की जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों के सभी गांवों में मुनियादी के लिए प्रयोग होने वाले ध्वनि प्रसारण यंत्रों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करें ताकि जरूरत पडऩे पर गांव वासियों के साथ-साथ खेत में काम कर रहे किसानों के पास भी सूचना पहुंच सके। इतना ही नहीं मंदिरों और गुरूद्वारों के माध्यम से भी मूल विषय को लेकर सूचनाओं का आदान-प्रदान जरूरी है।
इस मौके पर करनाल के एसडीएम योगेश कुमार, इन्द्री की एसडीएम मनीषा शर्मा,डीआरओ राजबीर धीमान, डीआईओ महिपाल सिकरी, एडीआईओ पलविन्द्र सिंह सहित सम्बन्धित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
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उपायुक्त डा० दहिया ने ग्राम सचिवों, पटवारियों और सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे एक व्हाट्शप या मैसेज ग्रुप बनाएं जिसमें सम्बन्धित क्षेत्रों के पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, नम्बरदारों और चौंकीदारों के नम्बर हों ताकि सूचनाओं का नियमित रूप से आदान-प्रदान होता रहे।
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डीसी ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए कि सभी अधिकारी अपनी-अपनी गाडिय़ों को दुरूस्त रखें, जिन अधिकारियों के पास गाड़ी नहीं हैं वे उपायुक्त कार्यालय को पत्र लिख सकते हैं, अधिकारी चालकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करें। मूल विषय को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही कतई सहन नहीं की जाएगी।
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