10000

Friday, 21 July 2017

हेपेटाइटिस के खात्मे के लिए जरूरी है जागरूकता व समय पर जांच : डॉ. अजय गुप्ता


हरियाणा में लीवर की बीमारियों की मुख्य वजह है इस्तेमाल की हुई सुइयों का प्रयोग और अल्कोहल
 करनाल, 21 जुलाई -PARVEEN KAUSHIK
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, लीवर मेंकई तरह के संक्रमण होते हैं, जिनमें से हेपेटाइटिस से पीडि़त लोगों की संख्या बढ़ती जा 
रही है।

 हेपेटाइटिस के कारण दुनिया में हर वर्ष लगभग 15 लाख लोगों की मृत्यु हो रही है। भारत में हेपेटाइटिस बी की वजह से हर वर्ष लगभग 6 लाख लोगों की मृत्यु हो रही है। चिकित्सकों का मानना है कि हरियाणा में इस्तेमाल की हुई
सुइयों का बार बार प्रयोग और मदिरापान इस रोग के पनपने की एक बड़ी वजह है।  विश्व हेपेटाइटिस दिवस के मौके पर सर्वोदय हॉस्पिटल, करनाल के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट डॉ. अजय गुप्ता कहते हैं, 'इस बीमारी के खतरे को कम करने के लिए लोगों को जागरूक करने के अलावा, गर्भवती स्त्रियों, कमजोरी, भूख न लगने व पीलिया के रोगियों की जांच की जानी जरूरी है। तभी तो वायरल हेपेटाइटिस
को गंभीर समस्या बनने से रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक का लक्ष्य बनाया है।Ó
हेपेटाइटिस बी और सी रोग महामारी की भांति पांव पसार रहा है। प्रति 100 लोगों में से 4-5 लोग इस वायरस से संक्रमित पाए जा रहे हैं। इसमें लंबे समय तक शरीर के अंदर विकसित होते रहने की क्षमता होती है, जिसका प्रभाव लीवर पर पड़ता
है और वह क्षतिग्रस्त होने लगता है। डॉ. अजय गुप्ता कहते हैं कि हेपेटाइटिस बी के कारण 3-5 प्रतिशत और हेपेटाइटिस सी के कारण 1-1.5 प्रतिशत लोग प्रभावित हो रहे हैं। यह संख्या अधिक भी हो सकती है क्योंकि हरियाणा के इस इलाके में अभी
भी सही आंकड़े नहीं मिल पा रहे हैं।  हेपेटाइटिस बी और सी खून के द्वारा फैलने वाला वायरस है। देश के ज्यादातर
संक्रमित इलाकों में यह बिना जांच किये चढ़ाए जाने वाले खून, सर्जिकल प्रक्रियाओं में इस्तेमाल किए गए असुरक्षित उपकरणों, नशेडिय़ों द्वारा इस्तेमाल की गई सुइयों और मधुमेह से पीडि़त लोगों द्वारा फैल रहा है। इसका दूसरा कारण
संक्रमित व्यक्तियों के टूथब्रश और रेजर जैसी निजी वस्तुओं का प्रयोग भी हो सकता है। कुछ लोगों में यह असुरक्षित यौन संपर्क से भी फैल सकता है। सबसे बड़ी समस्या है कि हेपेटाइटिस ए और बी की तरह हेपेटाइटिस सी से बचने के लिए अभी तक
कोई वैक्सीन तैयार नहीं हो पायी है। इसके कारण व्यक्ति को क्रोनिक लीवर रोग के अलावा लीवर कैंसर तक हो सकता है।
डॉ. अजय गुप्ता कहते हैं, 

हरियाणा में हेपेटाइटिस बी और सी के फैलने का प्रमुख कारण सुइयों का दोबारा इस्तेमाल किया जाना, नाई द्वारा असुरक्षित ब्लेड का इस्तेमाल और टैटू बनाने के लिए संक्रमित सुइयों का इस्तेमाल किया जाना है। अधिक मात्रा में शराब का सेवन भी लीवर पर अनावश्यक दबाव डालता है। इस रोग के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है। इसके लक्षण एकदम से नजर नहीं आने के कारण लोग इससे संक्रमित होने की आशंका को समझ नहीं पाते हैं। उसके अलावा उन्हें उससे बचने और उसके इलाज के बारे में भी जानकारी नहीं होती है।

No comments:

Post a Comment

मनीष गुप्ता भाविप घरौंडा के अध्यक्ष,दीपक शर्मा सचिव व हरीश गर्ग कोषाध्यक्ष बने।

दायित्व ग्रहण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने की शिरकत घरौंडा, डॉ प्रवीण कौशिक           भारत विकास परिषद्, शाखा घरौंडा द्वार...