अजीबोगरीब बिमारी से पीडि़त भीम सिंह पिछले 33 वर्षों से पेय पदार्थों के सहारे जीवन जीने को मजबूर
घरौंडा:प्रवीण कौशिक
अजीबोगरीब बीमारी से पीडि़त घरौंडा के वार्ड़ 13 निवासी भीम सिंह पिछले
33 वर्ष से मात्र पेय के सहारे जीवन व्यतीत करने को मजबूर है। ऐसी विकट
स्थिति में भीम सिंह की माता रोशनी देवी अपने पुत्र का सहारा बनी हुई है।
भीम सिंह अपनी माता का इकलौता बेटा है। लेकिन गरीबी के चलते रोशनी अपने
पुत्र का इलाज करवाने में असमर्थ है। परिवार पर गरीबी इतनी ज्यादा है कि
घर में बिजली तक की व्यवस्था नहीं है। पड़ौसी तो यह कहते हैं कि रोशनी के
घर में हर तरह से अंधेरा छाया हुआ है।
भीम की माता रोशनी देवी ने बताया कि जिस समय उसका बेटा भीम पैदा हुआ तो
पैदा होने के बाद से ही उसने कुछ भी न खाया पीया व मात्र पेयपदार्थ पर ही
जीवन चला रहा है। यदि भीम को दूध पीला दिया जाए तो उसे तुरंत उल्टी आ
जाती है। ऐसे में उसे दूध से मलाई हटाकर उसे छानकर पीलाया जाता है। रोशनी
ने बताया कि परिवार का गुजारा उसकी बुढ़ापा पैंशन पर ही चलता है। बुढ़ापा
पैंशन से ही वह अपने बेटे के लिए पेय पदार्थों की महीने की व्यव्स्था
करती है। रोशनी ने बताया कि वह डाक्टरों के पास इलाज के लिए अनेकों बार
धक्के खा चुकी है। कहीं कोई आस दिखाई न पड़ रही है। ऐसे में सरकार उनके
बेटे की कोई पैंशन व्यव्स्था भी न कर रही है। जिसके चलते उसके बेटे का
जीवन अंधकार व गरीबी के थपेड़े खा रहा है।
गौरतलब है कि भीम को बीमारी से इलाज के लिए बड़े सहारे की जरूरत है, ऐसे
में प्रदेश या केन्द्र सरकार भीम का सहारा बने व उसका पूरा इलाज इस
अजीबोगरीब बीमारी से करवाए ताकि वह ठीक होकर आम जीवन व्यतीत कर सके व
अपनी बूढ़ी मां का सहारा बन सके।
उधर युवा बोलेगा मंच के प्रदेश प्रवक्ता जेपी शेखपुरा व सदस्यो ने
वार्ड़ 13 वासियों के बुलावे पर भीम के घर का दौरा किया व कहा कि बड़ा
दुखद है कि एक बच्चा पिछले 33 वर्ष से कुछ भी खाने में असमर्थ है। ऐसे
में सरकार को भीम सिंह का सहारा बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे लोगों से
व सरकार से भीम की मदद के लिए गुहार लगाएंगे व भीम को मैडिक़ल के आधार पर
पैंशन बनाने की मांग सरकार से रखेंगे।उधर सामाजिक संस्थाओं हयुमन राईट्स
एंड एंटी क्रप्शन फ्रंट व समाज कल्याण क्लब ने भी सरकार से भीम की सहायता
करने की मांग की है।
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