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Wednesday, 26 April 2017

भिवानी के डीसी पर दोहरा जुर्माना लगाया

भिवानी के डीसी पर दोहरा जुर्माना लगाया, डीसी को कोर्ट में जाना पड़ा महंगा


भिवानी के डीसी पर दोहरा जुर्माना लगाया, डीसी को कोर्ट में जाना पड़ा महंगा
विधवा को प्लाट ने देने पर डीसी को दूसरी बार लगाया दो लाख का जुर्माना, 19 को स्वयं तलब किया
बाढड़ा-
 पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भिवानी के उपायुक्त पर गांव काकड़ौली हठ्ी की एक विधवा सहित बीपीएल पात्र परिवारों को सौ-सौ गज का रिहायशी प्लाट न देने व बार-बार कोर्ट के आदेशों की अवमानना करने पर अपने पूर्व में लगाए गए एक लाख के जुर्माने में वृद्धि करते हुए दो लाख का जुर्माना लगाते हुए 19 को स्वयं पेश होने का आदेश दिया है। उपायुक्त कार्यालय ने गांव में चकबंदी में देरी के कारण का हवाला भी दिया लेकिन न्यायलय ने याचिका के पांच वर्ष बीतने के बावजूद कोई कदम न उठाने पर सख्त निर्णय लेना पड़ा।
गांव काकड़ौली हठ्ी निवासी विधवा सुनीता देवी ने वर्ष 2010 में प्रदेश सरकार की महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत सौ-सौ गज का रिहायशी प्लाट के लिए अपील की थी लेकिन उपायुक्त कार्यालय ने गांव में चकबंदी न होने की बात कहते हुए भविष्य में रिहायशी योजना के तहत प्लाट देने का आश्वासन दिया लेकिन वर्ष 2012 तक प्लाट न देने पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर सरकार की जनकल्याणकारी योजना से वंचित करने का आरोप लगाते हुए न्याय दिलवाने की अपील की। माननीय उच्च न्यायलय ने प्रदेश सरकार से जवाब मांगा जिस पर जिला उपायुक्त ने वर्ष 2013 तक पात्र परिवारों को हर हाल में रिहायशी प्लाट देने का दावा करते हुए उनको और समय देने की अपील की जिस पर माननीय न्यायधीश ने एक वर्ष का समय भी दे दिया लेकिन 2014 तक भी प्लाट न मिलने पर फारियदी ने दोबारा न्यायलय की शरण ली तो वर्ष 2015 में हाईकोर्ट न्यायधीश ने जिला उपायुक्त द्वारा पात्रों को प्लाट देने में जानबूझ कर देरी बरतने का दोषी मानते हुए उस पर एक लाख का जुर्माना लगाया लेकिन प्रशासन ने इसके खिलाफ खंडपीठ में अपील कर उसपर स्टे ले लिया और एक वर्ष के समय में याचिकाकर्ता को रिहायशी प्लाट देने की बात कही लेकिन वर्ष 2017 तक भी गांव में चकबंदी सिरे चढने के कारण पीडि़त विधवा व अन्य लोगों को प्लाट दिलवाने में विफल रहने पर वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बिजारणियां ने दोबारा मामला उठाया तो अह्म सुनवाई करते हुए प्रशासन की लचरता को दोष मानते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भिवानी के उपायुक्त पर गांव काकड़ौली हठ्ी की एक विधवा सहित बीपीएल पात्र परिवारों को सौ-सौ गज का रिहायशी प्लाट न देने व बार-बार कोर्ट के आदेशों की अवमानना करने पर अपने पूर्व में लगाए गए एक लाख के जुर्माने में वृद्धि करते हुए दो लाख का जुर्माना लगाते हुए 19 को स्वयं पेश होने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस सख्त निर्णय से प्रदेश सरकार के प्रशासनिक दस्ते में हड़कंप मच गया है।
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गांव में अब भी नहीं हुई चकबंदी
बाढड़ा: गांव काकड़ौली हठ्ी में चकबंदी न होने के कारण महात्मा गांधी बसती योजना के अलावा सार्वजनिक रास्तों की भारी समस्या बनी हुई है। इस गांव की चकंबदी को लेकर कई मामले पहले भी हाईकोर्ट में लंबित हैं और चकबंदी विभाग की टीम ने कई चरणों में कार्य भी पूरा किया लेकिन अभी भी चकबंदी की कागजी कार्यवाही होने के बावजूद गांव के लोगों को धरातल पर कब्जा नहंी मिल पाया है।
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गरीब परिवारों की सुनवाई न होने पर पहुंचे कोर्ट
बाढड़ा: डा. भीमराव अंबेडकर मंच अध्यक्ष मनफूल सिंह आर्य ने बताया कि गांव काकड़ौली हठ्ी में चकबंदी की कमी के कारण गरीब परिवारों को रिहायशी प्लाट के अलावा मुलभूत सुविधाओं का भारी टोटा बना हुआ है। इस मांग को लेकर उन्होंने कई बार उपायुक्त कार्यालय को चक्कर लगाए लेकिन कहीं न्याय न मिलने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अधिकारियों की लापरवाही पर सख्त फैसला देकर सराहनीय कदम उठाया है।
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19 मई को स्वयं पेश होंगे उपायुक्त
बाढड़ा: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वरि५ष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट अजय बिजारणियां ने कहा कि गांव काकड़ौली हठ्ी में चकबंदी में देरी का बहाना बना कर प्रशासन गरीब परिवारों को रिहायशी प्लाट न देकर भद्दा मजाक कर रही है। पीडि़त विधवा सुनीता देवी की याचिका पर हाईकोर्ट ने जो ऐतिहासिक फैसला दिया है उससे अन्य मामलों के क्रियांवन में जल्दी आएगी।

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