घरौंडा नगरपालिका ने अवैेध गेटों पर खर्च डाले 6 लाख रूपये
घरौंडा: प्रवीण कौशिक
नगर की कई गलियों मे लोगों ने अपना सुविधा का देखते हुये अवैध गेट लगा डाले। नगरपालिका प्रशासन ने इस ओर से मौन धारण किये रखा। सरकारी गलियों मे इस तरह कोई भी व्यक्ति रास्ता नही रोक सकता। लोगों को आने जाने मे भारी परेशानी का सामना करना पडा। इसका खुलाशा नगरपालिका प्रशासन की एक आरटीआई के तहत हुआ। नपा ने माना ये गेट अवैध हैं। मगर प्रशासन की दलील रही कि इन्हे लोगों के लिये कुछ समय के लिये खोल दिया जाता है।
प्रश्र ये पैदा होता है कि ये अवैध गेट किसके इशारे पर लगे। व प्रशासन ने इन्हे लगने कैसे दिया। प्रशासन,सरकार व जनता के लिये हेै या इन प्रभावी लोगों की जी हजुरी करने के लिये। जो जब चाहे प्रशासन को अपने तरीके से चला सके। ऐसा कहना रहा लोगों को।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नपा द्वारा जारी एक आरटीआई के पत्रांक 1330 दिनांक 19/07/2016 मे बिन्दू न०3 में बताया गया है कि ‘शहर कीं गलियों में 18 गेट लगे हुये हैं। सूची संलग्र है। नगरपालिका द्वारा गेटों को बंद नही करवाया गया। अपितु खोलने व बंद करने का समय लिखवाया गया है।’
अवैध गेटों की सूची के विवरण में नगर मे 18 गेटों को अवैध बताया गया है। जिसमे वार्ड 7 मे एक, वार्उ 4 मे 12,मंडी दीपचंद में 3 व मंडी मनीराम मे 2 गेट हैं।
हैरानी तो तब हुई जब सूची मे पाया गया कि वर्तमान प्रधान के वार्ड 4 मे 18 मे से 12 अवैध गेट लगाये गये हैं। ये प्रधान जी पिछले बीस वर्षांे से नपा मे पार्षद के रूप मे मौजूद रहे हैं। पांचवी बार जीतने के बाद अब ये नपा प्रधान की कुर्सी पर विराजमान हैं। देखना रहेगा कि ये इन अवैध गेटों के प्रति क्या कार्यवाही कर सकते हैं जिससे इन गलियों मे आम जनता की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी। प्रशासन आज भी इन गेटों के प्रति कोई कार्यवाही करता नजर नही आता। चर्चा है कि लोगों ने इस मामले को कार्यवाही नही की तो लोग अपनी अपनी गलियों मे कभी भी गेट लगा कर रास्ते बंद कर सकते हैं। वहीं मंडी मनीराम व दीप चंद मंडी, जो कई वर्षों से नपा के अधीन है। उसमे भी लगे 5 गेटों को नपा ने अवैध बताया है। मगर हैरानी है कि इसी आर टी आई मे बिन्दू न० 3 मे नपा ने मंडी के गेटों पर मनीराम मंडी के 3 गेटों पर 4.50 लाख व दीप चंद मंडी के 2 गेटों पर 1.50 लाख रूपये खर्च दर्शाये गये हैं। यानी पालिका ने अवैेध गेटों पर खर्च डाले 6 लाख रूपये। जो नगर मे चर्चा का विषय बना हुआ है।
घरौंडा: प्रवीण कौशिक
नगर की कई गलियों मे लोगों ने अपना सुविधा का देखते हुये अवैध गेट लगा डाले। नगरपालिका प्रशासन ने इस ओर से मौन धारण किये रखा। सरकारी गलियों मे इस तरह कोई भी व्यक्ति रास्ता नही रोक सकता। लोगों को आने जाने मे भारी परेशानी का सामना करना पडा। इसका खुलाशा नगरपालिका प्रशासन की एक आरटीआई के तहत हुआ। नपा ने माना ये गेट अवैध हैं। मगर प्रशासन की दलील रही कि इन्हे लोगों के लिये कुछ समय के लिये खोल दिया जाता है।
प्रश्र ये पैदा होता है कि ये अवैध गेट किसके इशारे पर लगे। व प्रशासन ने इन्हे लगने कैसे दिया। प्रशासन,सरकार व जनता के लिये हेै या इन प्रभावी लोगों की जी हजुरी करने के लिये। जो जब चाहे प्रशासन को अपने तरीके से चला सके। ऐसा कहना रहा लोगों को।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नपा द्वारा जारी एक आरटीआई के पत्रांक 1330 दिनांक 19/07/2016 मे बिन्दू न०3 में बताया गया है कि ‘शहर कीं गलियों में 18 गेट लगे हुये हैं। सूची संलग्र है। नगरपालिका द्वारा गेटों को बंद नही करवाया गया। अपितु खोलने व बंद करने का समय लिखवाया गया है।’
अवैध गेटों की सूची के विवरण में नगर मे 18 गेटों को अवैध बताया गया है। जिसमे वार्ड 7 मे एक, वार्उ 4 मे 12,मंडी दीपचंद में 3 व मंडी मनीराम मे 2 गेट हैं।
हैरानी तो तब हुई जब सूची मे पाया गया कि वर्तमान प्रधान के वार्ड 4 मे 18 मे से 12 अवैध गेट लगाये गये हैं। ये प्रधान जी पिछले बीस वर्षांे से नपा मे पार्षद के रूप मे मौजूद रहे हैं। पांचवी बार जीतने के बाद अब ये नपा प्रधान की कुर्सी पर विराजमान हैं। देखना रहेगा कि ये इन अवैध गेटों के प्रति क्या कार्यवाही कर सकते हैं जिससे इन गलियों मे आम जनता की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी। प्रशासन आज भी इन गेटों के प्रति कोई कार्यवाही करता नजर नही आता। चर्चा है कि लोगों ने इस मामले को कार्यवाही नही की तो लोग अपनी अपनी गलियों मे कभी भी गेट लगा कर रास्ते बंद कर सकते हैं। वहीं मंडी मनीराम व दीप चंद मंडी, जो कई वर्षों से नपा के अधीन है। उसमे भी लगे 5 गेटों को नपा ने अवैध बताया है। मगर हैरानी है कि इसी आर टी आई मे बिन्दू न० 3 मे नपा ने मंडी के गेटों पर मनीराम मंडी के 3 गेटों पर 4.50 लाख व दीप चंद मंडी के 2 गेटों पर 1.50 लाख रूपये खर्च दर्शाये गये हैं। यानी पालिका ने अवैेध गेटों पर खर्च डाले 6 लाख रूपये। जो नगर मे चर्चा का विषय बना हुआ है।
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