जैसे ही हिमानी का शव गांव में पहुंचा तो पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया।
महाराष्ट्र के गोंदिया देवरी गांव में 26 अप्रैल को विमान में हादसे के बाद दो दिन से गांव कुटेल के लोग ट्रेनी लेडी पायलेट हिमानी कल्याण के शव का गमगीन माहौल में इंतजार रहे थे। गुरूवार को दोपहर बाद जैसे ही हिमानी का शव गांव में पहुंचा तो पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। जहां सैंकड़ों ग्रामीणों ने नम आंखों से हिमानी को अंतिम विदाई दी। हिमानी के पैतृक गांव कुटेल की शिवपुरी में उसका दाह संस्कार किया गया। उनकी शव यात्रा में समाजिक, धार्मिक व राजनीतिक लोगों ने हिस्सा लिया।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के गोङ्क्षदया के बिरसी हवाई अड्डे से बुधवार सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर ट्रेनी पायलेट हिमानी कल्याण ने अपने ट्रेनर के साथ उड़ान भरी थी। हिमानी दो साल से ट्रेनिंग ले रही थी और उसकी ट्रेनिंग की यह आखिरी उड़ान थी। तीन घंटे बाद वह पायलट बनने वाली थी। लेकिन किस्मत को कुछ ओर ही मंजूर था। उड़ान भरने के लगभग 15 मिनट बाद ही उनका ए.टी.सी. से सम्पर्क टुट गया और मध्यप्रदेश स्थित बालाघाट से 65 किलोमीटर दूर लावनी और महाराष्ट्र के देवरी गांव के बीच ट्रेनी एयरक्राफ्ट वैनगंगा नदी में क्रैश हो गया। जिसमें उसकी मौत हो गई।
हिमानी का जन्म गांव कुटेल में हुआ था। जिसके बाद हिमानी के पिता गुरदयाल अपने परिवार के साथ लगभग दो दशक से दिल्ली में रह रहे थे, लेकिन उनके बड़े भाई जसमेर व कृपाल सिंह गांव कुटेल में ही रह रहे है। जैसे ही न्यूज चैनलों के माध्यम से कुटेल में हिमानी के परिजनों को हिमानी की मौत की सूचना मिली तो पूरा परिवार स्तब्ध रह गया और हिमानी की मौत की सूचना से पूरे गांव में मातम छा गया और ग्रामीण उनके घर पहुंचने लगे। गुरूवार को लगभग 1.30 बजे हिमानी का शव उसके पैतृक गांव कुटेल पहुंचा। हिमानी का शव देख परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। ग्रामीण परिजनों को ढांढस बंधा रहे थे। जिसके बाद हिमानी के शव को गांव की शिवपुरी में अंतिम विदाई दी गई। गांव की बेटी की मौत से हर किसी की आंखें नम थी। हिमानी के ताऊ जसमेर सिंह ने बताया कि हिमानी की अचानक मौत से उनके पूरे परिवार को गहरा धक्का लगा है। हिमानी से पूरे परिवार के सपने जुड़े हुए थे लेकिन हिमानी की अचानक मौत से सारे सपने चूर-चूर हो गए है।
विधायक ने किया शोक व्यक्त-
हलका विधायक हरविंद्र कल्याण ने हिमानी की मौत पर शोक जताया। इलाके से बाहर होने के कारण वे हिमानी की शव यात्रा में शामिल नही हो सके। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि हिमानी की मौत से गांव के साथ-साथ इलाके के लोगों को गहरा झटका लगा है। अगर हिमानी पायलेट बनती तो गांव के साथ-साथ हरियाणा का भी नाम रोशन होता।
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