महिला को ग्रामीणों ने बचाया, बच्चों की तलाश जारी
सोनीपत।
गांव बिंदरोली में घरेलू कलह के चलते एक मां ने अपने दो बच्चों के साथ मुनक नहर में छलांग लगा दी। जहां महिला को तो बचा लिया गया, लेकिन दोनों बच्चों को तलाश करने में प्रशासन जुटा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार गांव बिंदरौली निवासी मुनेश शुक्रवार को सुबह अपने बेटे जतिन 6 वर्ष व यश 3 वर्ष को स्कूल के लिए तैयार कर घर से स्कूल छोडऩे के लिए चली आई और नहर के पुल से दोनों बच्चो के साथ नहर में कूद गई। इस दौरान मौके पर मौजूद लोगो ने महिला को तो बचा लिया, लेकिन दोनों बच्चे पानी के बहाव में बह गए। ग्रामीण स्वयं बच्चों की तलाश में जुटे हुए है। ग्रामीण का कहना है कि घर पर मामूली कहासुनी होने के चलते यह कदम उठाया गया है। चार घंटे बीत जाने के बाद भी नहर के पानी को कम नहीं किया गया।
बच्चों के दादा राजबीर सिंह का कहना है कि पुलिस प्रशासन सूचना देने के बाद मौके पर पहुंच गया और दो गोताखोरों को बच्चों की तलाश के लिए लगाया है, लेकिन जहां बच्चों की मां मुनेश को तो ग्रामीणों ने बचा लिया, लेकिन ग्रामीणों और पुलिस के अथक प्रयासों के बावजूद बच्चों का चार घंटे बीत जाने के बाद भी कोई कामयाबी नहीं मिली। प्रशासन द्वारा नहर के पुल पर जाल भी लगाया गया और दो गोताखोर नहर में बच्चों की तलाश में लगातार लग रहे है। फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस इस विषय पर फिलहाल कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।
गांव के सरपंच सुरेश कुमार का कहना है कि यह बेहद ही चिंता का विषय है कि एक मां ने इतना खौफनाक कदम उठाया। उन्होंने बताया कि मामला कुछ घरेलू कलह का है। जिसके चलते यह सारा हादसा हुआ। हालांकि वह यह नहीं बता पाए की झगड़ा आखिर किस बात पर था। उन्होंने इतना जरूर कहा कि आखिर दोनों मासूम बच्चों का क्या दोष था? गांव में भी यह सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है। उधर मौके पर मौजूद गांव के कुछ अन्य लोगो ने भी बताया कि मामला घरेलू कलह का था जिसके चलते यह हादसा हुआ।
बारोटा पुलिस चौकी प्रभारी रामतीरथ का कहना है कि परिजनों ने पुलिस को बताया है कि महिला मुनेश अपने दो बच्चों को स्कूल छोडऩे गयी थी। स्कूल नहर के पास है, दोनों बच्चे खेल में अपने बैग मां की तरफ फेंक नहर की तरफ भाग लिए और खेल-खेल में नहर में गिर गए। बच्चों को बचाने के लिए मां भी नहर में कूद गयी। जिसे ग्रामीणों ने बचा लिया, लेकिन बच्चों का अभी कोई पता नहीं लग पाया है। फिलहाल पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है और जांच जारी है। खबर भेजे जाने तक बच्चों का कुछ पता नहीं लगा था न ही पुलिस ने कोई मामला दर्ज किया था।
बच्चों के दादा राजबीर सिंह का कहना है कि पुलिस प्रशासन सूचना देने के बाद मौके पर पहुंच गया और दो गोताखोरों को बच्चों की तलाश के लिए लगाया है, लेकिन जहां बच्चों की मां मुनेश को तो ग्रामीणों ने बचा लिया, लेकिन ग्रामीणों और पुलिस के अथक प्रयासों के बावजूद बच्चों का चार घंटे बीत जाने के बाद भी कोई कामयाबी नहीं मिली। प्रशासन द्वारा नहर के पुल पर जाल भी लगाया गया और दो गोताखोर नहर में बच्चों की तलाश में लगातार लग रहे है। फिलहाल इस पूरे मामले में पुलिस इस विषय पर फिलहाल कुछ भी कहने को तैयार नहीं है।
गांव के सरपंच सुरेश कुमार का कहना है कि यह बेहद ही चिंता का विषय है कि एक मां ने इतना खौफनाक कदम उठाया। उन्होंने बताया कि मामला कुछ घरेलू कलह का है। जिसके चलते यह सारा हादसा हुआ। हालांकि वह यह नहीं बता पाए की झगड़ा आखिर किस बात पर था। उन्होंने इतना जरूर कहा कि आखिर दोनों मासूम बच्चों का क्या दोष था? गांव में भी यह सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है। उधर मौके पर मौजूद गांव के कुछ अन्य लोगो ने भी बताया कि मामला घरेलू कलह का था जिसके चलते यह हादसा हुआ।
बारोटा पुलिस चौकी प्रभारी रामतीरथ का कहना है कि परिजनों ने पुलिस को बताया है कि महिला मुनेश अपने दो बच्चों को स्कूल छोडऩे गयी थी। स्कूल नहर के पास है, दोनों बच्चे खेल में अपने बैग मां की तरफ फेंक नहर की तरफ भाग लिए और खेल-खेल में नहर में गिर गए। बच्चों को बचाने के लिए मां भी नहर में कूद गयी। जिसे ग्रामीणों ने बचा लिया, लेकिन बच्चों का अभी कोई पता नहीं लग पाया है। फिलहाल पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है और जांच जारी है। खबर भेजे जाने तक बच्चों का कुछ पता नहीं लगा था न ही पुलिस ने कोई मामला दर्ज किया था।
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