सरकार की धान खरीद नीति के खिलाफ किसानों व आढ़तियों का विरोध लागतार बढ़ता जा रहा है। मंडियों में धान की खरीद ना होने से भड़के आढ़तियों और किसानों ने मार्किट कमेटी कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। आढ़तियों और किसानों ने दफ्तर का गेट बंद कर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार जिस तरह की नीतियां अपना रही है उससे सरकार और आढ़तियों व किसानों के बीच टकराव बढ़ेगा।केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के बाद प्रदेश में सरकार की धान खरीद नीति के खिलाफ आढ़तियों और किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। धान खरीद के बारे में रोजाना जारी किए जा रहे आदेशों के खिलाफ आढ़तियों व किसानों ने मंगलवार को एकजुट होकर मार्किट कमेटी कार्यालय का घेराव किया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि खरीद के नाम पर सरकार उन्हें गुमराह कर रही है। अधिकारी जो प्लान भेज रहे है उसके अनुसार किसान अपनी फसल बेच नहीं सकता। विरोध पर उतरी आढ़ती एसोसिएशन ने पीआर धान की खरीद नहीं करने का ऐलान करते हुए सरकार को आढ़त का काम नही करने की धमकी दी।मंडी एसोसिएशन के प्रधान रामलाल गोयल, आढ़ती धीरज भाटिया, नरेश मित्तल, सुरेश मित्तल, सूबे सिंह, संदीप टोनी, अजय माहना, रोहित गोयल,रजनीकांत जैन, हैप्पी बरसत, श्याम लाल, राज सिंगला व अन्य ने कहा कि सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है। ऐसी नीति से आढ़ती व किसान दोनों परेशान हो चुके है। एसोसिएशन का फैसला है कि आढ़ती सरकारी खरीद का काम नहीं करेंगे, इसलिए सरकार सीधी किसानों से धान खरीद लें। वहीं भाकियू के जिला अध्यक्ष अजय राणा नेता ने कहा कि 2 या 3 क्विंटल धान मंडी लेकर आने के मैसेज किसानों के साथ भद्दा मजाक है। इस तरह तो किसान को अपनी फसल बेचने के कई महीने लगेंगे। सरकार कह रही है कि खरीद शुरू कर दी है लेकिन वास्तव में एक दाना भी नहीं खरीदा गया। सरकार के इरादों से टकराव ओर बढ़ेगा।
वर्जन-
तकनीकी खामी के कारण गलत मैसेज किसानों को आये थे, जिसे ठीक कर दिया गया है । राईस मिलर्स तय नहीं हुए है इसलिए आढ़ती खरीद करने का विरोध कर रहे है।
-चंद्रप्रकाश, सचिव मार्किट कमेटी घरौंडा
तकनीकी खामी के कारण गलत मैसेज किसानों को आये थे, जिसे ठीक कर दिया गया है । राईस मिलर्स तय नहीं हुए है इसलिए आढ़ती खरीद करने का विरोध कर रहे है।
-चंद्रप्रकाश, सचिव मार्किट कमेटी घरौंडा
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