घरौंडा – प्रवीण कौशिक
कोरोना संकट के कारण छाई आर्थिक मंदी के बीच धान की कीमतों ने किसानो को तगड़ा झटका देने का काम किया है। अनाज मंडी में 1509 धान का भाव 1700 से 1800 रूपये प्रति किवंटल मिल रहा है जो कि बीते सीजन की तुलना में 700 से 800 रूपये कम है। धान की कीमतों में आई मंदी से फसल बेचने वाले किसान मायूस है। भाव और पैदावार में आई गिरावट से किसानो को प्रति एकड़ लगभग पन्द्रह हजार का नुकसान होने की आशंका है ।
नई अनाज मंडी में धान की आवक ने रफ़्तार पकड ली है। बीते दो दिनों में मंडी में लगभग पच्चीस हजार किवंटल की आवक दर्ज की गई है। सीजन में आई तेजी के बावजूद फसल बेचने वाले किसानो के चेहरों से ख़ुशी गायब है। किसान कृष्ण, सुलतान सिंह, जितेन्द्र, रामसिंह, गुलाब, लखविन्द्र, धर्मवीर कश्यप ने बताया कि वे 1509 वैरायटी की जीरी लेकर आये है। इस बार 1509 वैरायटी पर कम पैदावार और कम भावो की दोहरी मार पड़ी है। चालू सीजन में 1509 वैरायटी बुरी तरह से पिट रही है , मंडी में खरीदार नहीं मिल रहे। बीते साल उनकी धान 2400 से 2500 रूपये प्रति किवंटल बिकी थी लेकिन इस बार भाव में बहुत अधिक गिरावट हुई है। बहुत अच्छी क्वालिटी की ढेरी भी 1800 रूपये किवंटल के रेट में बिक रही है। इन भाव पर फसल बेचने से उन्हें मोटा घाटा हुआ है। किसानो ने बताया कि इस बार पैदावार में भी कमी आई है प्रति एकड़ में सिर्फ 17 से 18 किवंटल का झाड निकल रहा है। धान उत्पादक किसानो के मुताबिक धान की पैदावार पर प्रति एकड़ 20 से 22 हजार का खर्च आता है। जबकि इस बार धान की पैदावार और भाव में आई कमी के कारण प्रति एकड़ से किसान को 30 से 32 हजार रूपये की फसल मिली है।
निर्यात बंद होने से गिरे चावल के दाम:गोयल
धान के भाव में आई गिरावट के बारे में मंडी एसोसिएशन के प्रधान राम लाल गोयल ने कहा कि ईरान और सऊदी अरब भारतीय चावल के सबसे बड़े खरीदार है लेकिन बीते चार माह से चावल का निर्यात बिल्कुल बंद है। वही घरेलु बाजार में चावल की डिमांड नहीं होने के कारण 1509 वैरायटी के चावल की कीमतों में प्रति किवंटल एक हजार रूपये की गिरावट आ चुकी है। रामलाल गोयल ने बताया कि जब तक चावल का एक्सपोर्ट नहीं होगा तब तक धान के भाव बढ़ने की उम्मीद नहीं की जा सकती।
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