घरौंडा – प्रवीण कौशिक
कोविड 19 के चलते बंद हुए स्कूलों को खोलने की शुरुआत शिक्षा विभाग ने कर दी है। प्रथम चरण में कक्षा नौवी से 12वीं के छात्रों को परामर्श के लिए स्कूल आने की अनुमति दी गई है। लेकिन सरकारी स्कूल फ़िलहाल तक विभाग के आदेशो को लागू करने की स्थिति में दिखाई नही दे रहे। स्कूलों में नियुक्त सभी अध्यापको का कोरोना टेस्ट भी नही हुआ है।
सरकार के निर्देशानुसार सोमवार को शहर में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विधालय व गर्ल्स सीनियर सेकंडरी स्कूल छात्रों के लिए खोले गए। विभाग के आदेशो के बावजूद सरकारी स्कूल पूरी तैयारी में दिखाई नही दिए। बॉयज सीनियर सेकंडरी के लेक्चरर विजेंद्र सिंह ने बताया कि स्कूल में 70 अध्यापको का स्टाफ है जिनमे से अभी तक करीब चालीस अध्यापको का कोरोना टेस्ट हुआ है जबकि तीस अध्यापको का टेस्ट होना बाकी है। विजेंद्र सिंह ने कहा कि जब सभी अध्यापको की टेस्ट रिपोर्ट आ जाएगी उसके बाद ही छात्रों को स्कूल बुलाया जायेगा। रेलवे रोड पर स्थित राजकीय कन्या स्कूल में नियुक्त स्टाफ के पचास फीसदी अध्यापको का टेस्ट अभी नही हुआ है। सोमवार को कक्षा नौवी से 12 वीं कक्षा की लगभग पचास छात्राए परामर्श के लिए विधालय पहुंची। स्कूल खुलने के बाद छात्रों से अधिक उनके अभिभावक विधालयो में पहुँच रहे है ताकि बच्चो को स्कूल भेजने की प्रक्रिया और विधालय के प्रबंधो को समझ सके। सरकारी स्कूलों की तरह निजी स्कूलों में रुझान कम रहा। कोरोना के खतरे को देखते हुए बहुत कम संख्या में छात्र व अभिभावक स्कूल में पहुँच रहे है। खंड शिक्षा अधिकारी सुदेश रानी ने बताया कि शेड्यूल के तहत अध्यापको के कोरोना टेस्ट करवाए जा रहे है। बच्चो के परिजन पूछताछ के लिए स्कूल आ रहे है। परिजनों की अनुमति के बाद ही छात्र परामर्श के लिए स्कूल आ सकेंगे।
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