रेत से ओवरलोड वाहनों के कारण खस्ताहाल
प्रेमनगर-मुंडोगढ़ी मार्ग पर रेत से ओवरलोड वाहनों के कारण खस्ताहाल सडक़ पर छात्रों से भरी एक निजी स्कूल की बस पलटने से बाल-बाल बच गई। राहगीरों ने तत्परता दिखाते हुए बच्चों को बस से बाहर निकाला। ग्रामीणों व छात्रों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का आरोप है कि ओवरलोड वाहनों के कारण सडक़ पूरी तरह से मिट चुकी है। जिससे सडक़ पर कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन प्रशासन ओवरलोड वाहनों पर किसी प्रकार का कोई शिकंजा नही कस रहा है। शायद, प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार में है।
शुक्रवार की सुबह एक निजी स्कूल की बस बच्चों को लेकर प्रेमनगर से मुंढोगढ़ी के रास्ते बरसत लेकर जा रही थी, तो ओवरलोड वाहनों के कारण सडक़ पर बने गड्ढों में पलटने से बाल-बाल बच गई। यदि बस पलट जाती तो एक बहुत बड़ा हादसा हो सकता था, लेकिन ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए बच्चों को तुरंत बस से बाहर निकाला। गुस्साएं ग्रामीणों व छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि रेत से भरे ओवरलोड वाहनों की वजह से सडक़ का नामोनिशान मिट गया है। सरदार सुरेंद्र सिंह घुमन व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि दिन में सैंकड़ों हजारों की सं या में ओवरलोड गाडिय़ां सडक़ों से गुजरती है, लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई भी ध्यान नही है। इन ट्रैक्टर-ट्रालियों में इतनी ज्यादा मात्रा में रेत भरा होता है कि ट्रैक्टर का अगला हिस्सा हवा में रखा रहता है। इतना ही नही, ये ओवरलोड वाहन घरौंडा के रेलवे रोड से भी आसानी से गुजर जाते है, क्योंकि पुलिस प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की कोई चैकिंग ही नही की जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दिनों सीएम लाइंग ने भारी मात्रा में ओवरलोड वाहनों पर शिकंजा कसा था। जिसके बाद ओवरलोड व अन्य गैरकानूनी काम करने वालों पर अंकुश लग गया था। लेकिन अब ओवरलोड का धंधा पूरी तरह से फल-फूल रहा है। अब न तो सीएम के उडऩदस्ते दिखाई देते है और न ही पुलिस प्रशासन का स त रवैया। ग्रामीणों ने ओवरलोड वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
फोटो केप्शन-प्रेमनगर-मुंडोगढ़ी मार्ग पर प्रदर्शन करते ग्रामीण व छात्र तथा ओवरलोड ट्रालियां
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