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Thursday, 7 September 2017

अध्यापकों का ट्रांसफर होने से स्कूल के सैंकड़ों छात्र-छात्राएं सडक़ों पर उतरे


छात्रों ने शिक्षा मंत्री व प्रदेश मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
चौरा-घरौंडा मार्ग पर जाम लगाया
घरौंडा: प्रवीण कौशिक
हरियाणा शिक्षा विभाग की ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी ने खंड के कई सरकारी
स्कूलों को झटका देने का काम किया है। गांव चौरा के सीनियर सैकेंडरी
स्कूल से 7 अध्यापकों का ट्रांसफर होने से स्कूल के सैंकड़ों
छात्र-छात्राएं सडक़ों पर उतर आए और चौरा-घरौंडा मार्ग को जाम लगा दिया।
अध्यापकों की कमी से गुस्साएं छात्रों ने प्रदेश सरकार व शिक्षा मंत्री
के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों का कहना है कि अब स्कूल में पढ़ाई के
लिए केवल चार अध्यापक ही बचे है। ऐसे में अध्यापकों की कमी का सीधा असर
उनकी शिक्षा पर पढ़ रहा है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने ऐलान किया कि जब
तक उनके स्कूल में स्थाई अध्यापक नही आते उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। करीब
तीन घंटे बाद मौके पर पहुंचें अधिकारियों के ठोस आश्वासन के बाद छात्र
जाम खोलने पर राजी हो गए।
शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों ने ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी के तहत बुधवार
को एक क्लिक से सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की ट्रांसफर कर दी। चौरा
गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्र गुरूवार की सुबह ही
जैसे ही स्कूल में दाखिल हुए तो स्कूल के अध्यापकों के मुख्य विषयों के 7
अध्यापकों की ट्रांसफर की जानकारी मिली। अध्यापकों की ट्रांसफर के बारे
में पता चलते ही छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा और गुस्साए छात्रों ने
चौरा-घरौंडा मार्ग पर जाम लगा दिया। छात्रों ने शिक्षा मंत्री व प्रदेश
मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाम लगने से सडक़ के दोनों ओर
वाहनों की लंबी कतारें लग गई और वाहन चालकों को दिक्कतो का सामना करना
पड़ा। करीब आधा घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और छात्रों को समझाकर
जाम खुलवाने का प्रयास किया। लेकिन छात्रों ने एक न मानी। दो घंटे बाद
खंड शिक्षा अधिकारी महाबीर सिंह पहुंचें और छात्रों की समस्या सुनी।
छात्रा राखी, इंदुबाला, किरण, सोनिया, मिनाक्षी, साक्षी, पूजा, नेहा,
प्रीति, छात्र रोहित, राहुल, सुनील, रवि कुमार, प्रदीप सिंह, राजकुमार,
मिंटू आदि का कहना है कि सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क हो चुका है। पिछले
साल भी पेपरों के नजदीक अध्यापकों के तबादले कर दिए गए थे और इस वर्ष भी
शिक्षा विभाग ने एक क्लिक में ट्रांसफर कर दिए और उनके स्थान पर कोई
दूसरा टीचर आया नही है। स्कूल में 11 अध्यापक थे, लेकिन अब केवल चार रह
गए है। जिसका सीधा असर उनकी पढ़ाई पर पढ़ेगा। जब तक टीचर नही आते जाम नही
खुलेगा।
कैसे पढ़ेंगी बेटियां-
छात्राओं का कहना है कि प्रदेश सरकार खुद ही बेटी पढ़ाओ अभियान का पलीता
कर रही है। एक तरफ बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के ढिंढोरे पीटे जा
रहे है, दूसरी ओर उन्हीं बेटियों के लिए सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के
लिए अध्यापक ही नही है। शिक्षा विभाग तो एक क्लिक में अध्यापकों की
ट्रांसफर कर देता है। जिसका खामियाजा स्कूली छात्रों को भुगतना पड़ता है।
सरकार के इन्हीं ढकोसलों के कारण कोई भी सरकारी स्कूलों में नही पढऩा
चाहता। लेकिन परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति उनको सरकारी स्कूलों में
पढऩे को विवश मजबूर करती है।
680 छात्र और अध्यापक चार-
स्कूली छात्रों का कहना है कि उनके स्कूल में छठी से 12वीं तक 680 छात्र
है। लेकिन 7 टीचरों के तबादले के बाद मात्र चार ही टीचर है। जिसका सीधा
असर उनकी शिक्षा पर पड़ रहा है। जिन यूनिट टेस्टों में छात्र 80 से 90
प्रतिशत अंक प्राप्त करते थे। अब उनमें अंकों की प्रतिशतता आधी से भी कम
रह गई है। छात्रों का कहना है कि अगर शिक्षा विभाग किसी अध्यापक की
ट्रांसफर करता है तो उसकी जगह पर दूसरे अध्यापक का इंतजाम पहले ही करना
चाहिए।
फेल हुए तो जिम्मेदार कौन?
छात्रों का कहना है कि उनके स्कूल में अब अध्यापकों की पूरी तरह से कमी
है। इस स्कूल में कौन-सा अध्यापक कब आए, इसका कुछ पता नही है। कुछ ही
महीने बाद परीक्षाएं आने वाली है और इस माह में टीचरों की ट्रांसफर की गई
है। जिससे आने वाली परीक्षाओं के लिए कोई पक्की तैयारी नही हो पाएगी। ऐसे
में अगर वे परीक्षाओं में फेल हो जाते है तो इसकी जि मेदारी कौन लेगा?
नारेबाजी से तिलमिलाए भाजपा नेता-
गांव चौरा में छात्रों को समझाने के लिए बीजेपी किसान मोर्चा के
जिलाध्यक्ष पहुंचें। जहां बच्चों ने उनके सामने ही प्रदेश सरकार के खिलाफ
नारेबाजी शुरू कर दी। जिससे नेता जी तिलमिला गए। जिलाध्यक्ष सतीश राणा का
आरोप है कि स्कूल में कुछ अध्यापक राजनीति कर रहे है और बच्चों को उकसाकर
सडक़ों तक लाए है। जबकि स्कूली अध्यापकों ने इन आरोपों को नकार दिया।
-महाबीर सिंह, बीईईओ, घरौंडा
ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी के तहत चौरा से 7 अध्यापकों की ट्रांसफर हुई है।
स्कूली छात्रों की प्रदर्शन की जानकारी उच्चाधिकारियों को दे गई है।
सोमवार तक स्क्ूल में चार-पांच टीचर आ जाएंगे। छात्रों को उनकी समस्या के
समाधान का ठोस आश्वासन दिया है। जिसके बाद छात्रों ने जाम खोल दिया है।

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