ग्रामीणों में मार्किट कमेटी के प्रति गुस्सा बढ़ता
घरौंडा: प्रवीण कौशिक
में मार्किट कमेटी के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों कहना है
कि सडक़ में जगह-जगह पड़े गड्डों के कारण अक्सर हादसों का खतरा बना रहता
है। लेकिन विभागीय सडक़ की मर मत तक की सुध नही ले रहा है। ग्रामीणों ने
चेताया कि अगर जल्द से जल्द सडक़ की मरम्मत का कार्य नही हुआ तो आगामी
रूपरेखा तैयार की जाएगी।
कैमला से कोहंड की तरफ जाने वाली करीब पौने तीन किलोमीटर लंबी सडक़ से
पुंडरी, गढ़ सरनाई, फरीदपुर, बरसत, बराना सहित कई गांवों के वाहनों का
कारण हमेशा ही दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। सडक़ की चौड़ाई कम होने
के कारण सामने से आने वाले वाहन चालकों को अपने वाहनों को कच्ची सडक़ में
उतारना पड़ता है। जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी थ्री व्हीलर चालकों को होती
है। ग्रामीण सतबीर कुमार, बिजेंद्र सिहं, राकेश कुमार, रमेश कुमार, राजेश
कुमार, शकील खान, कर्मबीर आदि का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति अपने काम पर
जाने के लिए कोहंड का रास्ता अ ितयार करता है तो गंदे पानी व बड़े-बड़े
गड्डों वाली सडक़ उनका स्वागत करती है और यदि कोई कोहंड की तरह से आता है
तो शुरूआत में ही एक बड़ा गड्डा बना हुआ है। जो अक्सर हादसों का कारण
बनता है।
सडक़ है उबड़-खाबड़
ग्रामीण सतबीर कुमार का कहना है कि सडक़ उबड़-खाबड़ व गड्डे भरी होने के
कारण वाहनों के पलटने का खतरा बना रहता है। सडक़ की हालत खस्ता होने के
कारण ज्यादातर वाहन चालकों ने अन्य रास्तों का सहारा लेना शुरू कर दिया
है। बारीश के समय तो समस्या ओर भी ज्यादा बढ़ जाती है।
सडक़ में गड्ढा या गड्डे में सडक़-
ग्रामीण रमेश कुमार का कहना है कि कोहंड-कैमला रोड़ बहुत ही ज्यादा खस्ता
है। जिस पर बड़े वाहनों का ही नही, बल्कि छोटे वाहनों का गुजरना भी
मुश्किल होता है। सडक़ में इतने गड्डे है कि पता ही नही चला सडक़ में गड्डे
है या गड्ढों में सडक़ है।
इस सडक़ का कब न बर आएगा-
स्थानीय रवि सैनी ने बताया कि पौने तीन किलोमीटर लंबी इस सडक़ पर शायद ही
कोई ऐसा हिस्सा बचा होगा। जहां पर कोई गड्ढा न हो। कई साल से सडक़ की मर
मत नही हो पाई है। हालांकि आस पास की सभी सडक़े चौड़ी व नई बन चुकी है
लेकिन इस सडक़ का कब न बर आएगा। इसका कुछ पता नही।
साइडो में डाले थे रोड़े-
ग्रामीण प्रदीप कुमार का कहना कि मार्किट कमेटी की ओर से सडक़ के दोनों ओर
रोड़े डाले गए थे। जिससे ग्रामीणों में उ मीद जगी थी कि अब सडक़ का कुछ
सुधार हो जाएगा। लेकिन आज वहां पर रोड भी दिखाई नही देते, अपितु सडक़ के
भी रोड़े निकल गए है और वहां गड्ढे बन गए है। अब कब इसका निर्माण होगा,
कुछ पता नही है।
बरसात के बाद होगा काम शुरू-
सडक़ की वाइनिंग के लिए 3-3 फुट तक रोड़े डाले गए है। वाइडनिंग का टेंडर
हो चुका है, लेकिन बरसात के कारण काम शुरू नही हो पा रहा है। बरसाती सीजन
निकलते ही वाइनिंग का काम शुरू हे जाएगा। साथ ही पैचिंग का कार्य भी किया
जाएगा। एक माह में अंदर सडक़ का कार्य हो जाएगा। -
अमित गर्ग, एसडीओ,
मार्किट कमेटी
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