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Saturday, 23 September 2017

कोहण्ड के पंच सुरेंद्र सैनी 14 वोट से जीत हासिल कर कार्यवाहक सरपंच बने।

घरौंडा: प्रवीण कौशिक
सीजेएम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायत कोहण्ड के सरपंच शेरपाल को निष्कासित कर दिया है। सरपंच का निष्कासन होने के बाद कार्यवाहक सरपंच पद के लिए पंचों की आपसी सहमति न बनने पर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में कार्यवाहक सरपंच पद के लिए चुनाव करवाया गया। जिसमें पंच सुरेंद्र सैनी  14 वोट से जीत हासिल की और कार्यवाहक सरपंच बने।   वर्ष 1994 में गांव में हुए एक झगड़े में सरपंच शेरपाल के खिलाफ धारा-307 के तहत हत्या के प्रयासों का मामला दर्ज किया गया था। इस केस पर फैसला सुनाते हुए सेशन कोर्ट ने कोहंड गांव के 21 लोगों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई गई थी, जिसमें शेरपाल का नाम भी शामिल था। वर्ष 2016 में हुए पंचायत चुनावों में शेरपाल ने अपनी सजा का खुलासा किया था, लेकिन चुनाव आयोग ने उसका नामांकन स्वीकार कर लिया था। शेरपाल के पंचायत चुनाव जीतने के बाद हारे हुए उम्मीदवार संजय कुमार ने उसके खिलाफ केस दायर कर दिया था।


 


 

गत 24 अगस्त को इस शिकायत पर फैसला सुनाते हुए सेशन कोर्ट ने शेरपाल का नामांकन रद्द करते हुए उसे सरपंच पद से निष्कासित कर दिया है। सरपंच का होने निष्कासन पर ग्राम पंचायत के सदस्यों के बीच सरपंच पद को लेकर खींचतान शुरू हो गई थी। पंचों के बीच आपसी सहमती न बनती देख खंड विकास अधिकारी कार्यालय में कार्यवाहक सरपंच के लिए चुनाव करवाया गया। चुनावों में शामिल होने के लिए ग्राम पंचायत के कुल 20 पंचों में से 19 पंच वोटिंग के लिए पहुंचें। इस चुनाव प्रक्रिया में पंच सुरेंद्र सैनी व सुनील कुमार ने हिस्सा लिया। बीडीपीओ राजेश शर्मा की देखरेख में 19 पंचों ने अपने मतों का प्रयोग किया। जहां सुरेंद्र सैनी को 14 वोट मिलें, वहीं सुनील कुमार को केवल पांच वोट ही मिलें। सुरेंद्र कुमार ने 14 वोट हासिल कर जीत हासिल की है। प्रशासन के आगामी आदेशों तक सुरेंद्र सैनी ग्राम पंचायत कोहंड के कार्यवाहक सरपंच बने रहेंगे।
  घुंघट की आड़ में मतदान-
प्रदेश में पहली बार पढ़ी-लिखी पंचायतें चुनी गई है। जिसमें पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी अपनी किस्मत आजमाई और चुनावों में जीत हासिल कर गांवों की बागडोर संभाली। चुनावों में पढ़ी-लिखी महिलाओं की भागेदारी इसलिए सुनिश्चित की गई थी, ताकि वे पर्दाप्रथा जैसी बुराईयों को छोडक़र दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बने, लेकिन शायद पढ़ी-लिखी महिला पंच या सरपंच इस प्रथा के चक्कर से निकलने में नाकाम साबित हुई है। ऐसा ही कुछ बीडीपीओ ब्लॉक में कार्यवाहक पंच के चुनाव के दौरान देखने का मिला। जहां गांव की 8 महिला पंच घुंघट में मतदान करने के लिए पहुंची। इतना ही नही, महिला पंच बीडीपीओ कार्यालय के अंदर भी कुर्सियों पर घुंघट औड़े बैठी रही। 
 सुरेंद्र सैनी बने है कार्यवाहक सरपंच-बीडीपीओ
सी.जे.एम. कोर्ट के आदेशों पर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायत कोहंड के सरपंच शेरपाल रावल का नामांकन रद्द कर दिया है। कार्यवाहक सरपंच के पद के लिए दो पंचों ने हिस्सा लिया। जिसमें 20 में से 19 पंचों ने अपने मतों का प्रयोग किया। जिसमें 14 वोट सुरेंद्र सैनी को मिले है। जिनको कार्यवाहक सरपंच चुना गया है। जो कि आगामी आदेशों से तक कार्यवाहक सरपंच बने रहेंगे।

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