नीलोखेड़ी(प्रवीण कौशिक)
पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के कार्यों में दक्षता लाने के उद्देश्य से हरियाणा राज्य ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम का मैड्यूल तैयार किया गया है। अब इन नव-निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को अपने-अपने जिलों में ही प्रशिक्षण लेने की सुविधा मिलेगी इसके लिए अब उन्हें दूसरे जिलों में नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए प्रदेश के सभी 22 जिला मुख्यालयों पर जिला प्रशिक्षण संस्थान केन्द्र खोले जाएंगे। इन संस्थानों में समय-समय पर जन प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा तथा हर 6 माह में उनसे फीडबैक भी विभाग लेता रहेगा।
यह जानकारी हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शुक्रवार देर सायं राज्य पंचायत संसाधन केन्द्र का उद्घाटन करने उपरांत मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान दी। इस मौके पर नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर, पंचायत एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल, उपायुक्त निशांत कुमार यादव, एसडीएम करनाल आयुष सिन्हा, नीलोखेड़ी संस्थान के निदेशक आरके मेहता, डीडीपीओ राजबीर खुंडिया उपस्थित रहे। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ने संस्थान परिसर में पौधारोपण भी किया।उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इसके बाद इसी संस्थान में चल रहे एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों व पंचायती राज के जन प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार पंचायती राज संस्थान के जन प्रतिनिधियों को दक्ष व मजबूत बनाने के लिए व्यवस्था में परिवर्तन लाने का कार्य कर रही है। इसके तहत जहां-जहां स्टाफ की कमी है उसे पूरा किया जाएगा, इसके अलावा बीडीपीओ व डीडीपीओ के पदों को डैपूटेशन से भरा जाएगा ताकि ग्रामीण विकास के कार्यों में तेजी आ सके। इतना ही नहीं पंचायत विभाग द्वारा एक एप्प भी तैयार किया जा रहा है जिसके माध्यम से केन्द्र व राज्य सरकार की करीब 400 से अधिक योजनाओं को अपलोड किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि डिजिटीलाईजेशन के इस युग में तकनीक का प्रयोग करते हुए अब ग्राम सभा की बैठक की कार्यवाही भी तुरंत प्रभाव से पोर्टल पर अपलोड करनी होगी ताकि कार्यवाही में पारदर्शिता बनी रहे।उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए पंचायती राज के जन प्रतिनिधि विकास कार्यों से संबंधी अनुमानित लागत का मॉडल तैयार करें, ऐसा ही मॉडल विभाग के अधिकारियों द्वारा भी तैयार करवाया जाएगा। इन दोनों में जो श्रेष्ठ रहेगा उस मॉडल को प्रदेश में लागू किया जाएगा। उन्होंने पंचायतों का आह्वान करते हुए कहा कि ग्रामीण स्तर पर युवाओं के लिए यूपीएससी जैसी परीक्षा की तैयारी के लिए पंचायत व्यवस्था करें। इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विभाग द्वारा उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस कार्य के लिए रोजगार विभाग द्वारा 3 पोर्टल पर तैयार किए जा रहे हैं, जिस पर उन्हें रोजगार तथा परीक्षा की तैयारियों से संबंधी जानकारी मिलती रहेगी ताकि हरियाणा प्रदेश के युवा सिविल सर्विस में और ज्यादा आगे आ सकें।इस अवसर पर हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान के निदेशक आरके मेहता ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं के आगामी चुनावों के फलस्वरूप चुने हुए जन प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण के लिए निर्धारित ट्रेनिंग मैड्यूल बनाने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला का उद्देश्य नव निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की नई तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित तकनीक व ऑनलाईन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की विधि तथा ऑडियोज के इस्तेमाल पर ध्यान दिया गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 5 दिन का प्रस्तावित किया गया है जिसमें केवल चुने हुए जन प्रतिनिधि ही भाग ले सकेंगे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आवासीय होगा तथा इसमें प्रदेश के लगभग 72 हजार जन प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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