भारत माता के जयकारों व शहीद दीवान चंद अमर रहे के नारों से गूंज उठा आकाश।बसी अकबरपुर/घरौंडा,प्रवीण कौशिक
सियाचिन ग्लेशियर में 4 जाट रेजिमेंट में तैनात हवलदार शहीद दीवान चंद की शहादत के बाद उनके पैतृक गांव घरौंडा खंड के बसी अकबरपुर में उनका नम आंखों से अंतिम संस्कार किया गया और उनकी शहादत पर ग्रामीणों द्वारा लगाए गए भारत माता के जयकारों से पूरा आकाश गूंज उठा। इस मौके पर एसडीएम घरौंडा डा. पूजा भारती व जिला सैनिक बोर्ड के सचिव कर्नल प्रमोद कुमार यादव ने भी शहीद को सलामी दी। राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया।
सोमवार को घरौंडा खंड के गांव बसी के 40 वर्षीय हवलदार दीवान चंद का ड्यूटी के दौरान हृदय गति बंद होने से स्वर्गवास हो गया था। वह सियाचिन ग्लेशियर में तैनात 4 जाट रेजिमेंट में तैनात थे। शुक्रवार को अचानक सांस लेने में उन्हें दिक्कत हुई जिसे दोपहर करीब 2 बजे बेस कैंप लाया गया जहां डाक्टरों की टीम ने उन्हें मृतक घोषित कर दिया। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अंबाला से इंस्पैक्टर वीर विक्रम जीत सिंह की टुकड़ी ने उनके पार्थिव शरीर को सलामी दी और पूरा माहौल गमगीन हो गया। उनके पार्थिव शरीर को 4 जाट रेजिमेंट से सूबेदार ओम प्रकाश की अध्यक्षता में लाया गया। फाइल फोटो
जिला सैनिक बोर्ड के सचिव कर्नल प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि सियाचिन ग्लेशियर में आपे्रशन मेघदूत चल रहा है। इस आप्रेशन में जवान की किसी भी कारण से मृत्यु होती है तो उसे शहीद का दर्जा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वह हवलदार शहीद दीवान चंद की इस शहादत को सलाम करते हैं। शहीद दीवान चंद के पीछे उनके दो बेटे व पत्नी हैं। इस मौके पर एसडीएम डा. पूजा भारती, डीएसपी रामदत्त, एसएचओ कंवर सैन, नायब तहसीलदार सुमनलता व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र राठौर ने भी शहीद को सलामी दी।
जिला सैनिक बोर्ड के सचिव कर्नल प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि सियाचिन ग्लेशियर में आपे्रशन मेघदूत चल रहा है। इस आप्रेशन में जवान की किसी भी कारण से मृत्यु होती है तो उसे शहीद का दर्जा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वह हवलदार शहीद दीवान चंद की इस शहादत को सलाम करते हैं। शहीद दीवान चंद के पीछे उनके दो बेटे व पत्नी हैं। इस मौके पर एसडीएम डा. पूजा भारती, डीएसपी रामदत्त, एसएचओ कंवर सैन, नायब तहसीलदार सुमनलता व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव वीरेन्द्र राठौर ने भी शहीद को सलामी दी।
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