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Saturday, 7 October 2017

धान के दोगुने दामों के बावजूद भी किसानों का दर्द कम होने का नाम नही ले रहा



मंडी में धान की आवक पूरे चरम पर है। धान के रेट भी किसानों को अच्छे मिल रहे है।: नरेश
 घरौंडा : प्रवीण कौशिक
 धान के दोगुने दामों के बावजूद भी किसानों का दर्द कम होने का नाम नही ले रहा है। धान की फसल के खर्चो को लेकर किसान रोना रो रहे है। किसानों ने 1509 का मूल्य 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की मांग की है। साथ ही, पीआर धान का भी रेट बढ़ाने की मांग की जा रही है। मंडी में धान का सीजन पूरे शबाब पर होने से मंडी में धान के अंबार लगे हुए है। जिससे किसान और व्यापारी के सामने लिफ्टिंग व जाम की समस्या से पैदा हो गई है।   बीते वर्षो की तुलना में इस वर्ष प्रदेश में धान की बम्पर पैदावार हुई है। 
मंडी से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अब तक करीब साढ़े छह लाख क्विंटल की आवक हो चुकी है। वहीं पिछले वर्ष यह आंकड़ा करीब साढ़े चार लाख पर ही था। ब पर पैदावार के साथ-साथ धान इस बार धान के मूल्यों ने भी ऊंचाईयों को छूआ है। धान की किस्म पूसा-1509 के दाम जहां पिछले वर्ष 1600 से 1700 रुपए प्रति क्विंटल थे, वहीं इस बार यह कीमत 3 हजार रुपए तक पहुंच चुकी है। धान की मोटी किस्म पीआर-14 व सरबती के दाम भी सरकारी समर्थन मूल्य को पार कर चुके है। धान के मूल्य में हुई इस बढ़ौतरी के बावजूद भी किसान कम दाम होने का रोना रो रहे है।
नही होते खर्चे पूरे-
 किसान वेदपाल ने बताया है कि इस बार फसल अच्छी हुई है, लेकिन धान उत्पादन का लागत मूल्य बहुत अधिक है। लेकिन कई किसान पट्टे पर जमीन लेकर खेती करते है। जिसके बाद धान की बुआई व अन्य खर्च अलग रह जाते है। हालांकि की धान का रेट पिछले साल के मुकाबले अच्छा है लेकिन इस रेट में भी उनके खर्चे पूरे नही हो सकते। यदि धान का मूल्य 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल के आस-पास हो तो, उनके थोड़ा-बहुत लाभ मिल सकता है। 
यूरिया के बढ़ रहे है दाम- 
किसान मदनपाल का कहना है कि धान की पैदावार में खर्चे काफी ज्यादा है। खाद की बहुत अधिक समस्या है। यूरिया के दाम बढ़ते जा रहे है। लेकिन धान के रेट किसानों को मन चाहे नही मिल पा रहे है। या सरकार यूरिया के रेट कम करें या फिर सब्सिड़ी मुहैया करवाए। अन्यथा धान के रेट अधिक करें। 
अव्यवस्था का आलम : गर्ग  
मंडी प्रधान सुशील गर्ग का कहना है कि मंडी में पहुंच रही धान की बम्पर आवक से अव्यवस्था का माहौल दिखाई दे रहा है। लिफ्टिंग में हो रही देरी के कारण धान की ढेरियां सडक़ों तक आ पहुंची है। जिससे दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। लिफ्टिंग के कारण उपजे हालातों का खामियाजा मंडी पहुंच रहे किसानों व आढ़तियों को उठाना पड़ रहा है।


 नरेश मान, सचिव, मार्किट कमेटी,घरौंडा।
मंडी में धान की आवक पूरे चरम पर है। धान के रेट भी किसानों को अच्छे मिल रहे है। ज्यादा आवक के कारण लिफ्टिग की समस्या आ रही है, जो एक दो दिन में हल कर ली जाएगी।  






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