नगर से बाहर रहते हैं कर्मचारी-मौके पर नही था कोई कर्मचारी
घरौंडा: प्रवीण कौशिक

दुकानदारों का कहना है कि नाले बनाने मे घटिया स्तर की ईंटों का प्रयोग, जिनकी पानी से तराई तक भी नही की जा रही है, नाले मेे प्रयोग किये जाने वाला रेत सिमेंट का मिश्रण मे रेत ज्यादा व सीमेंट कम होता है।
दुकानदारों ने बताया कि रात्री मे काम चलता है जहां नपा का कोई कर्मचारी रात मे तो क्या दिन मे कार्य पर मौजूद नही रहता ओर ठेकेदार के कारिंदे मनमर्जी से कार्य कर रहे हैं जिनमे घटिया स्तर की सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। रोके जाने पर कारिेदे कहते है कि सैम्पल ले जाओ। कहीँ कोई सुनवाई नही होती। कहीं पर नाले नीचे व तो कहीं पर उंचे बनाये जा रहे है। यहां तक भी बताया गया है कि नाले मे जमा कचरे के उपर ही नाले का निर्माण किया जा रहा है।

यहां तक भी चर्चा रही कि इस कार्य को जिन कर्मचारी की निगरानी में होना चाहिए वो नगर से बाहर रहते है। दुकानदारों ने नगर में हो रहे कार्यों की जांच की मांग की है। रात्री मे कार्य कर रहे मजदुर का भी कहना रहा कि इस समय नपा का कोई कर्मचारी यहां मोैजूद नही है।
मामला विधायक व सीएम के संज्ञान में लाने पर दुकानदार विचार करते हुए नजऱ आये।।
जनता के पैसे को लग रहा चूना
प्रश्न यहां खड़ा होता है कि जब हम कोई भी कार्य करते है । मकान , दुकान बनाते है क्या उस काम पर नजऱ नही रखते की काम सही हो रहा है या नही। तो लाखों का वेतन सरकार से लेने वालों की ड्यूटी नही बनती की सरकार का पैसा सही लग रहा है या नही? इसी वजह से ऐसे कथित कर्मचारियों की भूमिका सन्देह के घेरे में रहती है।।
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