भले ही केंद्र व प्रदेश सरकार ने करोड़ों रुपया बेटी बचाओ अभियान पर खर्च कर दिया हो, लेकिन न तो लोगों की मानसिकता में कोई बदलाव आया और न ही इस कुप्रथा पर लगाम लग पा रही है। आज भी घर में यदि बेटी के रूप में नवजात जन्म लेती है तो उसे सडक़ किनारे या कचरे फेंक दिया जाता है। मानवता व ममता को शर्मसार करने वाला ऐसा ही एक मामला घरौंडा में देखने को मिला है। जहां महिला की कोख से एक नवजात बेटी ने जन्म लिया तो उसके अपनों ने ही उसे पॉलीथीन में बंद कर सनातन धर्म मंदिर के नजदीक फेंक दिया। राहगीरों ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी, तो पुलिस को सूचित कर नवजात को सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। डॉक्टरों ने नवजात की हालत नाजुक
शनिवार की रात लगभग 11 बजे कुछ राहगीरों को एस.डी. मंदिर के नजदीक किसी नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। देर रात नवजात की रोने की आवाज सुनकर राहगीर भी हैरान में पड़ गए। जब उन्होंने ईधर-उधर देखा तो उनकी निगाह मंदिर के पास सफेद पॉलीथीन पर गई। जब पॉलीथीन खोला गया, तो राहगीरों की भी रूह कांप गई, जब उन्होंने पॉलीथीन में नवजात बच्ची को देखा। पॉलीथीन में नवजात मिलने की घटना से आस-पास के लोग मौके पर एकत्रित हो गए। नन्ही मासूम-सी बच्ची को जिंदा देख जहां हर शख्स खु श था, वहीं ऐसा कुकृत्य करने वाले को भी कोस रहा था। बिना समय गवाएं लोगों ने पुलिस को मामले की सूचना दी और तुरंत पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने नवजात को सीएचसी घरौंडा में भर्ती करवाया जहां डॉक्टरों ने उसका परीक्षण किया।देखते हुए उसे करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
बच्ची की नाल भी नही कटी थी-
जब बच्ची को अस्पताल ले जाया गया तो डॉक्टरों ने उसके स्वास्थ्य का परीक्षण किया, तो बच्ची की नाल भी नही कटी हुई है। जिससे प्रतीत हो रहा था, बच्ची कुछ ही घंटे पहले पैदा हुई थी। डॉक्टर ने बच्ची की नाल काटी और उसे एक घंटे तक मशीन में रखा। हालांकि बच्ची की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। फिर भी बच्ची की हालत देखते हुए उसे करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया है। जहां बच्ची बच्ची के स्वास्थ्य को लेकर अन्य परीक्षण भी किए जाएंगे। डॉक्टरों के अनुसार नवजात नया होने के कारण इंफेक्शन होने की संभावना ज्यादा होती है।
हो सकता था बड़ा हादसा-
स्थानीय लोगों का कहना है कि बड़ी ही निर्दयी मां होगी, जिसने नवजात बच्ची को मरने के लिए सडक़ पर फेंक दिया। लेकिन मारने वाला से बचाने वाला बड़ा होता है, जबकि बच्ची को मंदिर के बाहर ही फेंका गया था। गनीमत रही किसी आवारा कुत्ते की नजर पॉलीथीन पर नही गई, नही तो कुछ भी हो सकता था। आखिर नवजात को किसन फेंका और बच्ची के परिजन कौन है, इस प्रकार के सवाल अब लोगों के जहन में उठ रहे है। बच्ची अस्पताल में सकुशल है, अब देखने वाली बात है कि पुलिस मामले का पटाक्षेप करने में कितना समय लगाती है।
वर्जन-
एस.डी. मंदिर के नजदीक नवजात बच्ची मिली है। बच्ची पॉलीथीन में थी। जिसको कोई मंदिर के पास फेंककर चला गया था। राहगीरों को बच्ची मिली। जिसको अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। जहां से डॉक्टरों ने बच्ची की हालत नाजुक देखते हुए बच्ची को करनाल कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
-राज सिंह, जांच अधिकारी, थाना घरौंडा।
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