👉छह दर्जन से अधिक मेंबरों ने उनके खाते में हुई हेराफेरी की शिकायत की
दी गगसीना प्राथमिक कृषि सहकारी समिति में लाखों रुपयों का गबन हुआ है। समिति के सदस्यों के खातों में हेराफेरी करते हुए इस घोटाले को अंजाम दिया गया है। छह दर्जन से अधिक मेंबरों ने उनके खाते में हुई हेराफेरी की शिकायत की है। पैक्स के इस घोटाले का खुलासा होने के बाद समिति के सदस्य अपने खाते चैक करवाने पहुंच रहे है। घपले का शिकार हुए लोगों ने समिति के कर्मचारियों पर जालसाजी और गबन कर लाखों रुपए डकारने का आरोप लगाया है।
गगसीना की कृषि सहकारी समिति के सदस्यों का आरोप है कि समिति के कर्मचारियों ने मिलीभगत करके सैकड़ों किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। किसानों के खातों में जितना ऋण दिखाया जा रहा है वास्तव में उतना लोन किसानों को मिला ही नहीं। समिति कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से लोन लिमिट बढ़ाया और लाखों रूपये डकार लिए। करीब एक माह पहले पद संभालने वाले समिति के इंचार्ज दया राम ने बताया कि रोजाना समिति के मैम्बर अपने खाते की जानकारी लेने पहुंच रहे है। किसानों के खातों में नकद व खाद दवाई का ऋण बकाया है लेकिन सदस्यों का कहना है कि उनके एकाउंट में दर्शाए जा रही राशि उन्होंने समिति से ली ही नहीं। गांव गगसीना निवासी ओमप्रकाश ने बताया कि वह हरियाणा रोडवेज से रिटायर हुआ है और सहकारी समिति का सदस्य है। पैक्स में उसका खाता नम्बर 926 है, उसने कभी भी सहकारी समिति से ऋण नहीं लिया बावजूद इसके उसके एकाउंट में 56 हजार का लोन चढ़ा हुआ है। ओमप्रकाश का कहना है कि उसके पास न तो समिति की पास बुक है और न ही चैक बुक लेकिन कर्मचारियों ने मिलीभगत करके उसके खाते से ऋण जारी किया और 56 हजार रूपये डकार गए।
किसान बलबीर सिंह का सहकारी समिति में खाता नम्बर 839 है, उनकी लोन लिमिट एक लाख 12 हजार रूपये थी। आरोप है कि समिति के कर्मचारियों ने गुपचुप तरीके से लोन लिमिट को बढाकर एक लाख 35 हजार रूपये कर दिया लेकिन 23 हजार रूपये किसान को नहीं दिए। जब बलबीर सिंह अपना ऋण चुकता करने बैंक पंहुचा तो उसे मालुम हुआ कि उसकी लोन लिमिट बढ़ चुकी है। किसान रमेश कुमार का एकाउंट नम्बर 1177 है। रमेश ने सहकारी समिति से गेंहू के सीजन में छह कट्टे डीएपी खाद लिया था। किसान का आरोप है कि समिति कर्मचारी ने छह कट्टों की रसीद को दो दफा उसके खाते में चढ़ा दिया। उसने सिर्फ छह कट्टे लिए लेकिन उसकी तरफ कर्जा 12 कट्टो का बकाया है। कर्मचारियों ने उसके साथ करीब सात हजार की घपलेबाजी की है। गगसीना निवासी राजेन्द्र कुमार ने बताया कि पैक्स में उसकी ऋण लिमिट 75 हजार रूपये थी। पैक्स कर्मचारियों ने बिना उसे सूचना दिए उसके खाता संख्या 1484 की लोन लिमिट बढाकर नब्बे हजार रूपये कर दी और उसके खाते से पन्द्रह हजार रूपये निकाल लिए। राजेन्द्र ने बताया कि जब वह अपना कर्जा चुकाने समिति में पहुंचा तो उसे मालुम हुआ कि उसके एकाउंट में घोटाला हुआ है।
वर्जन-
समिति से जुड़े काफी किसानों की तरफ पिछला ऋण बकाया है। 60 से 70 समिति सदस्य धोखाधड़ी की शिकायत भी लेकर आ चुके है। इतने सदस्यों के साथ धोखाधड़ी कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकती। उच्च अधिकारीयों के संज्ञान में पूरा मामला लाया गया है।
-दया राम, इंचार्ज दी गगसीना प्राथमिक कृषि सहकारी समिति
वर्जन-
दी गगसीना प्राथमिक कृषि सहकारी समिति की तरफ भुगतान बकाया है, इस बारे में पत्र लिखा गया है। किसानो का लेनदेन सहकारी समिति के माध्यम से होता है, कुछ लोगो ने खातों में गड़बड़ी की शिकायत की है। पैक्स से हुए लेनदेन की जांच के बाद ही मालुम होगा कि गड़बड़ी में किन कर्मचारियों की संलिप्ता है।
-तेजबीर संधू प्रबन्धक को-ओपरेटिव बैंक, मुनक
गगसीना की कृषि सहकारी समिति के सदस्यों का आरोप है कि समिति के कर्मचारियों ने मिलीभगत करके सैकड़ों किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। किसानों के खातों में जितना ऋण दिखाया जा रहा है वास्तव में उतना लोन किसानों को मिला ही नहीं। समिति कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से लोन लिमिट बढ़ाया और लाखों रूपये डकार लिए। करीब एक माह पहले पद संभालने वाले समिति के इंचार्ज दया राम ने बताया कि रोजाना समिति के मैम्बर अपने खाते की जानकारी लेने पहुंच रहे है। किसानों के खातों में नकद व खाद दवाई का ऋण बकाया है लेकिन सदस्यों का कहना है कि उनके एकाउंट में दर्शाए जा रही राशि उन्होंने समिति से ली ही नहीं। गांव गगसीना निवासी ओमप्रकाश ने बताया कि वह हरियाणा रोडवेज से रिटायर हुआ है और सहकारी समिति का सदस्य है। पैक्स में उसका खाता नम्बर 926 है, उसने कभी भी सहकारी समिति से ऋण नहीं लिया बावजूद इसके उसके एकाउंट में 56 हजार का लोन चढ़ा हुआ है। ओमप्रकाश का कहना है कि उसके पास न तो समिति की पास बुक है और न ही चैक बुक लेकिन कर्मचारियों ने मिलीभगत करके उसके खाते से ऋण जारी किया और 56 हजार रूपये डकार गए।
किसान बलबीर सिंह का सहकारी समिति में खाता नम्बर 839 है, उनकी लोन लिमिट एक लाख 12 हजार रूपये थी। आरोप है कि समिति के कर्मचारियों ने गुपचुप तरीके से लोन लिमिट को बढाकर एक लाख 35 हजार रूपये कर दिया लेकिन 23 हजार रूपये किसान को नहीं दिए। जब बलबीर सिंह अपना ऋण चुकता करने बैंक पंहुचा तो उसे मालुम हुआ कि उसकी लोन लिमिट बढ़ चुकी है। किसान रमेश कुमार का एकाउंट नम्बर 1177 है। रमेश ने सहकारी समिति से गेंहू के सीजन में छह कट्टे डीएपी खाद लिया था। किसान का आरोप है कि समिति कर्मचारी ने छह कट्टों की रसीद को दो दफा उसके खाते में चढ़ा दिया। उसने सिर्फ छह कट्टे लिए लेकिन उसकी तरफ कर्जा 12 कट्टो का बकाया है। कर्मचारियों ने उसके साथ करीब सात हजार की घपलेबाजी की है। गगसीना निवासी राजेन्द्र कुमार ने बताया कि पैक्स में उसकी ऋण लिमिट 75 हजार रूपये थी। पैक्स कर्मचारियों ने बिना उसे सूचना दिए उसके खाता संख्या 1484 की लोन लिमिट बढाकर नब्बे हजार रूपये कर दी और उसके खाते से पन्द्रह हजार रूपये निकाल लिए। राजेन्द्र ने बताया कि जब वह अपना कर्जा चुकाने समिति में पहुंचा तो उसे मालुम हुआ कि उसके एकाउंट में घोटाला हुआ है।
वर्जन-
समिति से जुड़े काफी किसानों की तरफ पिछला ऋण बकाया है। 60 से 70 समिति सदस्य धोखाधड़ी की शिकायत भी लेकर आ चुके है। इतने सदस्यों के साथ धोखाधड़ी कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकती। उच्च अधिकारीयों के संज्ञान में पूरा मामला लाया गया है।
-दया राम, इंचार्ज दी गगसीना प्राथमिक कृषि सहकारी समिति
वर्जन-
दी गगसीना प्राथमिक कृषि सहकारी समिति की तरफ भुगतान बकाया है, इस बारे में पत्र लिखा गया है। किसानो का लेनदेन सहकारी समिति के माध्यम से होता है, कुछ लोगो ने खातों में गड़बड़ी की शिकायत की है। पैक्स से हुए लेनदेन की जांच के बाद ही मालुम होगा कि गड़बड़ी में किन कर्मचारियों की संलिप्ता है।
-तेजबीर संधू प्रबन्धक को-ओपरेटिव बैंक, मुनक
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