घरौंडा: प्रवीण कौशिक
गांव झिंवरेहड़ी में 30 साल पहले बने उद्योग कुंज के जीर्णोद्धार के लिए हेफैड चेयरमैन एवं विधायक हरविंद्र कल्याण ने बीड़ा उठाया है। जिसके चलते विधायक कल्याण ने एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों के साथ मौके का जायजा लिया और तुरंत पूरी जगह का मैप तैयार करने के निर्देश भी जारी किए। विधायक हरविंद्र कल्याण ने कहा कि उद्योग कुंज में स्मॉल इंड्रस्टी स्थापित होंगी। जिससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान होंगे। जिससे हल्के की अलग से पहचान उभरकर सामने आएगी।

युवा बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए लगभग तीन दशक पहले तत्कालीन सरकार ने झिंवरेहड़ी में उद्योग कुंज स्थापित किया था। जिससे आस-पास के बेरोजगार युवाओं को रोजगार की उ मीद बंधी थी। उद्योग कुंज के नाम पर एक बिल्डिंग तैयार करने के बाद ही पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया। जिसके बाद बेरोजगारों के लिए रोजगार का सपना मात्र सपना बनकर ही रह गया था। मंगलवार को हरियाणा स्टेट इंड्रस्टियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) के अधिकारियों के साथ झिंवरेहड़ी में उद्योग कुंज की जमीन का मुआयना करने पहुंचें विधायक हरविंद्र कल्याण के बाद ग्रामीणों में एक बार फिर उ मीद जगी है। विधायक ने उद्योग कुंज से संबंधित एक-एक पहलू पर अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया और साथ ही दिशा-निर्देश भी जारी किए। साथ ही ग्रामीणों ने विधायक के समक्ष उद्योग कुंज में इंड्रस्टी लगाने के लिए ग्रामीणों को प्लॉट उपलब्ध करवाने, सडक़ व पानी की निकासी की मांगें रखी। जिस पर उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नही आने दी जाएगी।
विधायक हरविंद्र कल्याण ने कहा कि छोटे-छोट उद्योगों की स्थापना के लिए 30 साल पहले झिंवरेहड़ी में बनाए गए उद्योग कुंज का कार्य किन्हीं कारणों की वजह से आगे नही बढ़ पाया था। उद्योग कुंज के लिए बनाए गए भवन की हालत काफी जर्जर हो चुकी थी। आज युवाओं के सामने बेरोजगारी की समस्या बहुत ही ज्यादा है। बेरोजगारी को कम करने के लिए उद्योग कुंज का कायाकल्प किया जाएगा। पांच एकड़ जमीन में मिनी इंड्रस्टी लगाई जा सकेंगी। साथ ही, इनमें रिहायशी कालोनी, पानी की निकासी की सुविधा व चौड़ी सडक़ें बनाई जाएंगी। जिससे आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। वहीं ग्रामीणों ने उद्योग कुंज में प्लॉट दिए जाने की मांग की है। जिस पर अधिकारियों से विचार-विमर्श किया जाएगा और प्राथमिकता के आधार पर ही प्लॉट दिए जाएंगे, ताकि ग्रामीण भी अपने छोटे उद्योग स्थापित कर सकें।
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