घरौंडा: प्रवीण कौशिक

रविवार को भाविप शाखा की ओर से एसडी मंदिर के प्रांगण में आयोजित प्रथम प्रांतीय प्रौढ़ साधना शिविर की शुरूआत मुख्यअतिथि समाजसेवी पवन गुप्ता व सरपंच रनजीत खोराखेड़ी, प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. परमजीत पाहवा, प्रांतीय महासचिव प्रो. अमरनाथ शर्मा, प्रांतीय कोषाध्यक्ष अरविंद्र सिंघल, क्षेत्रीय मंत्री सम्पर्क प्रो. जोगिंद्र मदान, सीपी आहुजा, शाखा अध्यक्ष मोहिंद्र सोनी ने भारत माता की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया। जहां अभिनय आर्ट ग्रुप करनाल के डायरेक्टर रवि सैनी के निर्देशन में तैयार नुक्कड़ नाटक बुजुर्ग-हमारे वट वृक्ष का सुंदर मंचन किया और बुजुर्गो की जीवन व परिवार में महत्वत्ता को दर्शाया। वहीं छोटे-छोटे बच्चों ने भी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोहा। कार्यक्रम में मुख्यवक्ता मनोचिकित्सक डॉ. जे.सी. बठला, अरोग्य भारती संस्था से पवन कुमार, आध्यात्मिकता प्रो. जोगिंद्र मदान व ब्रह्मकुमारी सुनीता, पतंजलि सुनील आर्य आदि ने बुजुर्गो के साथ जीवन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा व परिचर्चा की।
भाविप के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. परमजीत पाहवा ने कहा कि हमारे भारतीय संस्कृति के परिवेश में संयुक्त परिवार परम्परा थी और आज वह परम्परा कहीं न कहीं विखंडित होती जा रही है। हमारे बुजुर्ग हमारे समाज की रीढ़ होते है, उनको हमेशा महत्व व सम्मान दिया जाना चाहिए। भारतीय संस्कृति में वसुदेव कुटम्बकम की बात की जाती है, उसको पुन: देश में स्थापित करना ही मुख्य लक्ष्य है। मुख्यअतिथि पवन गुप्ता व रनजीत सिंह ने कहा कि आज हमारे बुजुर्ग स्वयं को समाज में कही न कहीं उपेक्षित समझते है और हमारा प्रयास है कि उन्हें कही न कही समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाए। साथ ही, उनको यह नही लगना चाहिए कि समाज में हमारी कोई आश्वयकता नही है या फिर उनका कोई महत्व नही है। जिस समाज में बुजुर्गो का सम्मान होता है, वास्तव में वहीं समाज प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है।

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