आज किसान भवन करनाल में जबरजसत आरक्षण संघर्ष समिति की मिटिंग हुई। मिटिंग की अध्यक्षता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगबीर सिंह जागलान ने की। उन्होंने मीटिंग में बोलते हुए कहा है कि सदियो से जनता को सरकारों एवं साहुकारों द्वारा फूट डाल करके लूटने का काम किया है। जिससे कमाऊ लोग भी उस फूट में फस करके अपना सब कुछ लुटाते आए हैं। आज की सरकारें भी इसी प्रकार से फू ट डालो राज करो की नीति पर जो कि अंग्रेजो ने अपनाई थी चल रहे हैं, जिससे आम जनता बिरादरियों में बंट कर एक दूसरे के साथ लड़ती रहती हैं। आज इसका उदाहरण देखने को मिल रहा है जैसे राजकुमार सैनी बैकवर्डों को बहका रहे हैं व यशपाल मलिक जाटों को बहका रहे हैं ये दोनों ही सरकार के सोची समझी चाल के तहत कार्य कर रहे हैं एक शिक्षा मंत्री बनना चाहता है दूसरा मुख्यमंत्री बनना चाहता है। इसका उदाहरण चौ. छोटू राम के जन्म दिन पर 24 नवम्बर को मनाया जाता है जिसकी घोषणा पहले ही हो चुकी थी उसके बाद राजकुमार सैनी की रैली 26 नवम्बर के साथ ही जोड़ दिया गया ताकि दोनों रैलियां एक जींद में दूसरी यशपाल मलिक ने जसिया रोहतक में आयोजित की। केन्द्र सरकार की तरफ से दोनों रैलियों में अपने केन्द्रीय मंत्री को भेजा गया और जिससे सरकार के मंत्रीयों द्वारा समाज को बांटने का काम किया गया। जिसका प्रमाण यह है कि यशपाल मलिक ने जाट शिक्षण संस्थान रोहतक में खोलना चाहता है, मलिक को चाहिए था कि ऐसी जगह यह शिक्षा संस्थान खोला जाए जहां इसकी जरूरत हो, रोहतक पहले से ही शिक्षा का हब है। लेकिन जी.टी. रोड़ बैल्ट अम्बाला, कुरूक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, पानीपत, समालखा, सोनीपत पर भी खोला जाने की ज्यादा जरूरत होते हुए भी रोहतक में खोला जा रहा है। यह सब काम आरक्षण में जो चंदा इक_ा हुआ था उसका गोलमाल करने के लिए व राजनैतिक साजिश के साथ किया जा रहा है।
ज्ञात हो कि आज तक यशपाल मलिक ने किसी भी आयोग व हाईकोर्ट में किसी में भी कोई कार्यवाही की गई न ही जेलों में बंद बच्चों को मिलने गये ना ही उनकी कोई आर्थिक रूप से सहायता दी गई जिससे यह साफ जाहिर होता है कि यह समाज को आरक्षण के नाम पर गुमराह कर रहे हैं। इसी प्रकार ही राजकुमार सैनी जो जाट समाज कि खिलाफ बार-बार बोल कर आपसी भाईचारे को बिगाड़ रहे हैं जो कि हमारे हरियाणे के लिए बड़ी समस्या पैदा कर रही है। यदि राज कुमार सैनी जी आरक्षण के इतने ही खिलाफ हैं तो यह आजतक नहीं बोलते कि बीसीबी में 11 प्रतिशत का फायदा केवल अहीर व सैनी ज्यादा उठा रहे हैं जबकि बीसीबी में 29157 सीटों में से 22235 सीटों में आरक्षण का फायदा दो ही जाति उठा रही हैं, बाकि जातियों में निम्रलिखित हैं- गुर्जर 4160, मेव 2336, जबकि 1990 में गुरनाम आयोग के सामने अहीरों ने लिख कर दिया था कि हम भी जबरजसत (जाट, बिश्रोई, रोड़, जट सिक्ख, त्यागी) के समान किसान हैं हमें आरक्षण दिया जाये। राजकुमार सैनी बीसीबी के आरक्षण पर जो 11 प्रतिशत है और सरकार ने 12.5 प्रतिशत के हिसाब से नौकरियां दी हुई हैं उनके खिलाफ सैनी साहब क्यों नहीं बोलते। सरकार ने पत्र संख्या 22/90/2016-1 जीएस-3 दिनांक 14-12-2017 पिछड़े आयोग को लिखा है यह समाज को तोडऩे की एक साजिश दर्शा रही है जबकि सरकार सबसे पहले जातिगत व आर्थिक आधार पर जनसंख्या 2011 के आंकड़ें देने चाहिए थे। .5 प्रतिशत जाति के आंकड़े दिए गये हैं जिन के नाम ही नहीं लिखे गये। ऐसे लगभग 1200 लोग है जिनकी कोई जाति नहीं है। क्या सरकार को इनकी जाति का पता नहीं है जबकि सरकार नौकरी कर रहे लोगों ने यह जल्दबाजी में भेदभाव की वजह से यह रिर्पोट पेश की है। इसलिए सरकार को जनता के सामने स्पष्ट बताना चाहिए कि कौन किस बिरादरी से कितने-कितने लोग सरकारी नौकरियों में हैं। इससे पूरे हरियाणें में असमंजस की स्थिति है कि सरकार जनता से कुछ छुपा रही है। इससे जनता में सरकार के प्रति रोष पनप रहा है। हमारी सरकार से मांग है कि जेलों में सभी लडक़ों को रिहा किया जाए व सामाजिक भाई-चारे को तोडऩे वालों के खिलाफ कार्यवाई की जाए।
मिटिंग में मुख्य रूप से सेवा सिंह आर्य, कबूल सिंह, ईश्वर सिंह खरब, जगदीश चौधरी, रणधीर सिंह मैहला, कैप्टन जय सिंह बिश्रोई, बलबीर सिंह, नेकी राम रायपुर, रघुबीर फौजी रायपुर, सुलतान सिंह खेड़ा, स.मलूक सिंह, नरसिंह, ईश्वर सिंह, ईसम सिंह सन्धु, स. कुलदीप सिंह बब्बर, स. गुलजार सिंह, लखपत राय शास्त्री आदि उपस्थित रहे।
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