फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर एसडीएम ने ली सरपंचों की बैठकघरौंडा: प्रवीण कौशिक
फसल अवशेषों में होने वाली आगजनी को रोकने के लिए प्रशासन ने ग्राम पंचायतों को जिम्मेदारी सौंपी है। बीडीपीओ कार्यालय के सभागार में एसडीएम पूजा भारती ने सरपंचों की बैठक ली। जिसमें सरपंचों ने न सिर्फ किसानों के पास संसाधनों की कमी का हवाला दिया, बल्कि अवशेष प्रबंधन को लेकर की गई मीटिंग पर भी सवाल खड़े कर दिए। एसडीएम ने सरपंचों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि अवशेष जलाने से पर्यावरण में जहर घुस रहा है और ऐसे में प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वे फसल अवशेषों में आग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करवाए। बहाने बनाकर अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कौशिश न करें।
सोमवार को खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय के सभागार में एसडीएम डॉ. पूजा भारती ने सरपंचों की बैठक ली। जिसमें ग्राम पंचायतों को निर्देश जारी किए गए कि सरपंच अपने-अपने गांव में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति जागरूक करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई किसान फानों में आग न लगाए। एसडीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में फसल अवशेषों को जलाया जा रहा है। अवशेषों में लगी आग से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। नतीजन, वातावरण में धुआं ही धुआं नजर आ रहा है और लोगों को भी सांस व आंख संबंधी परेशानियां आ रही है। किसानों द्वारा जहां भी आग लगाई जाती है उसकी लोकेशन हरसेक के माध्यम से प्रशासन के पास पहुंच जाती है। आगजनी की घटनाओं को अंजाम देने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। बावजूद इसके किसान आग लगाने से पीछे नहीं हट रहे। ऐसे में पंचायतों को चाहिए कि वे अपने-अपने गांवों में किसानों को खेतों में आग लगाने से रोके।गरीब किसानों के पास संसाधनों की कमी-
फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर ग्राम पंचायतें कितनी गंभीर है। इसका ताजा उदाहरण एसडीएम द्वारा ली गई मीटिंग में देखने को मिला, जहां पर सरपंच एसोसिएशन के प्रधान व डिंगर माजरा गांव के सरपंच अमर सिंह, सरपंच रणजीत सिंह, सरपंच जितेंद्र नेहरा, सरपंच प्रतिनिधि महक सिंह बीजना, संदीप कुमार शेखपुरा व अन्य ने कहा कि गरीब किसानों के पास संसाधन ही नहीं है कि वे फसल अवशेष प्रबंधन कर सकें। प्रशासन किसानों या फिर पंचायतों को संसाधन उपलब्ध करवाए, ताकि फसल अवशेष प्रबंधन में आसानी हो सकें। इसके अतिरिक्त अधिकत्तर धान तो कट चुकी है। किसानों को फानों में रोकने के लिए इस तरह की मीटिंग 20 दिन पहले की जानी चाहिए थी। इसके अलावा ओर भी कई प्रकार की समस्याएं सरपंचों ने मीटिंग में गिनवाई। जिस पर एसडीएम ने कहा कि किसानों को आग लगाने से रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है। पंचायतें निर्देशों का पालन करें, किसी तरह की बहानेबाजी न करें। क्योंकि समय रहते फसल अवशेष प्रबंधन पर कार्य नहीं किया गया तो सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा। जिस तरह की समस्या रखी गई है उनके समाधान के लिए कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए गए है।इस मौके पर बीडीपीओ गुरलीन कौर, कृषि विभाग के एसडीओ डॉ. दिनेश शर्मा, खंड कृषि अधिकारी डॉ. राहुल दहिया, एडीओ डॉ. बलवान दहिया, पूर्व कृषि अधिकारी डॉ. राजेंद्र सिंह व अन्य सरपंच मौजूद रहे।
प्रदेश की लोंगो की बना पसंद -घरौंडा दर्पण समाचार पत्र -- मुख्य संपादक - डॉ.प्रवीण कौशिक
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