नई अनाज मंडी में कहीं पर किसान सरकार को अपनी फसल बेचने के परेशान,कहीं पर गेट पास के लिए चक्कर लगा रहे है। किसानों का कहना है कि सरकार की नई पॉलिसी ने वे परेशान हो चुके है।
मंडी प्रधान रामलाल गोयल ने कहा कि मंडी में अभी तक शैडूयल ठीक प्रकार से नही बन पाया है,इसलिए आढ़ती व किसान परेशान हो रहे है। पूरा दिन मार्किट कमेटी में पूरा दिन किसानों व आढ़तियों का जमावडा लगा रहता है। मार्किट कमेटी के अधिकारियों का कहना है कि किसानों की समस्या का समाधान करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। रविवार को लगभग 400 गेट पास दिए गए।
चंडीगढ़ से किसानों पर मैसेज आने के बाद किसानों की धान लाने का शैडृयल अभी भी किसानों आढ़तियों के लिए गले का फांस बना हुआ है। काफी किसानों की फसल पक कर तैयार हो चुकी है और वे मंडी में फसल लेकर आ जाते है। लेकिन मैसेज न आने की वजह से बार-बार मार्किट कमेटी केmचक्कर काटने पड़ रहे है। किसानों ने बताया कि अब धान की फसल तैयार हो चुकी है और सरकार कहती है कि मैसेज आने के बाद ही फसल लेकर मंडी में लेकर आएं। ऐसे कैसे संभव हो सकता है। किसानों को कहना है कि सरकार की नई पॉलिसी से परेशान हो चुके है। वहीं गांव रायपूर जाटान के सरपंच प्रतिनिधि सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उसकी धान की नमी 16 से 17 प्रतिशत है,वह धान बेचने के लिए मार्किट कमेटी में काफी चक्कर लगा चुका है। अधिकारियों को कहना है कि सरकारी एजेंसी मंडी में है,वह धान खरीद लेगी। पूर्व सरपंच का कहना है कि सरकारी एजेंसी वाले दुकानों पर पर बैठकर धान खरीद रहे है। अगर मंडी में धान खरीदने के लिए सरकारी एजेंसी के अधिकारी आते तो उन्होंने चक्कर काटने के जरूरत नही पड़ती। वे पूरा दिन से मंडी मे बैठे है और कई बार मार्किट कमेटी के सचिव से मिल चुके है,लेकिन समस्या का समाधान नही हो रहा है। मंडी प्रधान रामलाल गोयल ने बताया कि मंडी में अभी तक शैडूयल ठीक प्रकार से नही बन पाया है। किसान व आढ़ती दोनों परेशान है। अधिकारी उनकी बातों को संतोषजनक जबाब नही दे रहे है। जिससे उनको परेशानी सहन करनी पड़ रही है।
मार्किट कमेटी के सचिव चंद्र प्रकाश का कहना है कि रविवार को लगभग चार सौ गेट पास काटे गए है। सरकार एजेंसी मंडी में धान की खरीद कर रही है। किसानों व आढ़तियों की समस्या का समाधान करने के लिए वे हर समय तैयार है।
चंडीगढ़ से किसानों पर मैसेज आने के बाद किसानों की धान लाने का शैडृयल अभी भी किसानों आढ़तियों के लिए गले का फांस बना हुआ है। काफी किसानों की फसल पक कर तैयार हो चुकी है और वे मंडी में फसल लेकर आ जाते है। लेकिन मैसेज न आने की वजह से बार-बार मार्किट कमेटी केmचक्कर काटने पड़ रहे है। किसानों ने बताया कि अब धान की फसल तैयार हो चुकी है और सरकार कहती है कि मैसेज आने के बाद ही फसल लेकर मंडी में लेकर आएं। ऐसे कैसे संभव हो सकता है। किसानों को कहना है कि सरकार की नई पॉलिसी से परेशान हो चुके है। वहीं गांव रायपूर जाटान के सरपंच प्रतिनिधि सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उसकी धान की नमी 16 से 17 प्रतिशत है,वह धान बेचने के लिए मार्किट कमेटी में काफी चक्कर लगा चुका है। अधिकारियों को कहना है कि सरकारी एजेंसी मंडी में है,वह धान खरीद लेगी। पूर्व सरपंच का कहना है कि सरकारी एजेंसी वाले दुकानों पर पर बैठकर धान खरीद रहे है। अगर मंडी में धान खरीदने के लिए सरकारी एजेंसी के अधिकारी आते तो उन्होंने चक्कर काटने के जरूरत नही पड़ती। वे पूरा दिन से मंडी मे बैठे है और कई बार मार्किट कमेटी के सचिव से मिल चुके है,लेकिन समस्या का समाधान नही हो रहा है। मंडी प्रधान रामलाल गोयल ने बताया कि मंडी में अभी तक शैडूयल ठीक प्रकार से नही बन पाया है। किसान व आढ़ती दोनों परेशान है। अधिकारी उनकी बातों को संतोषजनक जबाब नही दे रहे है। जिससे उनको परेशानी सहन करनी पड़ रही है।
मार्किट कमेटी के सचिव चंद्र प्रकाश का कहना है कि रविवार को लगभग चार सौ गेट पास काटे गए है। सरकार एजेंसी मंडी में धान की खरीद कर रही है। किसानों व आढ़तियों की समस्या का समाधान करने के लिए वे हर समय तैयार है।
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