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Friday, 19 January 2018

संस्थाएँ ऐसी नर्सरी होती हैं, जहाँ छात्रों को उद्योग की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरुप तैयार किया जाता है।


 रिफाइनरी : 19 जनवरी, राजपाल प्रेमी  



उद्योगों और शिक्षण संस्थाओं के बीच संवाद संपर्क बढ़ाने, एक दूसरे से विचारों को साझा करने और युवा मस्तिष्क की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पीआरपीसी के कार्यकारी निदेशक, वी. के. रायज़ादा ने अभी हाल ही में एनआईटी, कुरुक्षेत्र में टेक्नोक्रैट्स के साथ बातचीत की। उद्घाटन समारोह में 80 इंजीनियरिंग संस्थाओं के करीब 400 छात्र, शिक्षाविद, क्षेत्र के विशेषज्ञ और प्रशासक मौजूद थे। 
टेकस्पर्धा 2018—एक चार दिवसीय टेक्नो-मैनेजेरियल राष्ट्रीय स्तर के छात्र समारोह के उद्घाटन में स मानित अतिथि के तौर पर बोलते हुए रायजादा ने शिक्षण संस्थाओं और उद्योगों के बीच नज़दीकी संबंध बनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि इंडियनऑयल पूरे भारत में इस तरह के संबंधों को मज़बूत करने के लिए उत्सुकता से काम कर रहा है। 
राष्ट्र के विकास में इंडियनऑयल की भूमिका के बारे में बताते हुए, वी. के. रायज़ादा ने आईओसीएल की यात्रा, इसके विभिन्न संभागों, उपलब्धियों, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और तेल उद्योग के भविष्य पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इंडियनऑयल के बुनियादी मूल्यों, जैसे—संरक्षण, नवपरिवर्तन, लगाव, विश्वास और अपने हितधारकों के लिए हमेशा भरोसेमंद पसंद के बारे में बात की। उन्होंने वहाँ उपस्थित लोगों को इंडियनऑयल के द्वारा साल 2018 को विश्वास को समर्पित वर्ष के तौर पर मनाए जाने की बात बताई। उन्होंने इंडियनऑयल में इंजीनियरों की भर्ती की प्रक्रिया के बारे में बताया और यह भी बताया कि आजकल उद्योग उन लोगों में किस तरह की क्षमताएँ ढूंढ रहा है।
रायज़ादा ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए छात्रों को अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी और उन्हें एवरेस्ट की तरह के लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिए उत्साहित होने और अपने संबंधित क्षेत्र में दक्षता बढ़ाने को कहा, ताकि उनकी नौकरी की संभावनाएँ बढ़ें और इंडियनऑयल जैसे स मानित संगठनों में उन्हें रोजग़ार मिल सके। 
उन्होंने कहा कि संस्थाएँ ऐसी नर्सरी होती हैं, जहाँ छात्रों को उद्योग की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरुप तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि पाठ्य-सामग्री और उसे बताने की विधि के बारे में हमेशा पुनर्विचार की ज़रुरत होती है, ताकि डिग्री मिलने के बाद छात्रों को बिना किसी तरह के रोजग़ार प्रशिक्षण के सीधे नौकरी पर रख लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली संसाधनों का पूल तैयार करने के लिए उद्योगों और शैक्षणिक संस्थाओं को हाथ मिलाने की आवश्यकता है। उन्होंने एनआईटी कुरुक्षेत्र के निदेशक, डॉ. सतीश कुमार से अनुरोध किया कि वे अपने यहाँ कुछ ऐसे क्षेत्रों का सुझाव दें, जिसमें इस अंतर को कम करने के लिए आईओसीएल के विशेषज्ञ लेक्चर दे सके। 
रायज़ादा ने छात्रों को अच्छे नैतिक मूल्यों को अपनाने, संरचनात्मक सोच की सृष्टि करने और तकनीकी और प्रबंधन के क्षेत्रों में कुछ नया करने और नई सीमाएँ तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि अगर हम कॉलेजों और उद्योंगों के विजऩ को भारत के विजऩ के साथ जोड़ते हैं तो डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत आदि जैसे हमारे राष्ट्रीय अभियानों के अपने लक्ष्य को प्रभावी ढंग से प्राप्त कर सकते हैं और भारत को महाशक्ति बनने से कोई भी नहीं रोक सकता। एनआईटी कुरुक्षेत्र में एकत्रित लोगों और प्रबंधन ने छात्रों को प्रोत्साहित करने और उद्योग एवं शिक्षण संस्थान के बीच संबंध को मज़बूत करने वाली इंडियनऑयल की इन पहलों की अत्यधिक सराहना की।
इस दौरान  ए. पी. शर्मा, मु य प्रबन्धक (प्रभारी)-वित्त,  डी. सी. वर्मा, मु य प्रबन्धक (सीसी एंड सीएसआर), और सुश्री. स्वाति चड्ढा, प्रबन्धक (सीसी एंड सीएसआर)  भी साथ रहे। 
फोटो केप्शन-कुरूक्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में जानकारी देते वीके रायजादा 

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