घरौंडा: पवन अग्रवाल
हाल ही मे प्रदेश के पांच जिलों मे लडकियों के साथ हुई घटनाओं से लग रहा है कि प्रशासन पर सरकार की पकड ढीली है जबकी सरकार दावे करती नही थकती कि कानून व्यवस्था मे सुधार हुआ है।

कुरुक्षेत्र में ईस्माइलाबाद के गांव झांसा से 9 जनवरी से अगवा 11वीं की छात्रा का शव शुक्रवार को जींद के बूढ़ाखेड़ा गांव के पास नहरी की पटरी पर मिला था । उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। जननांग में कोई मजबूत व नुकीली चीज डालकर उसके शरीर के भीतरी अंगों को फाड़ दिया गया है । हरियाणा की निर्भया ने क्या-क्या नहीं सहा, इतने बेरहम तो जानवर भी नहीं होते। गैंगरेप पीडि़ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई दरिंदगी के निशां देखे गए हैं।. रोहतक पीजीआई में मेडिकल बोर्ड के डॉ. एस के धत्तरवाल ने बताया कि पोस्टमार्टम में लडक़ी के शरीर पर 19 चोटें मिली हैं। राजीव गांधी चौक (ओल्ड फरीदाबाद) के पास से 22 वर्षीय युवती के अपहरण और चलती कार में गैंग रेप की घटना घटी। पंचकूला जिले के पिंजौर में 10 साल की बच्ची को अगवा करके उसके साथ गैंगरेप किया गया और प्राइवेट पार्ट से भयानक दरिंदगी की गई। इतना सब होते हुए देख कर हर हरियाणवी का सिर शर्म से झुक जाता है। ये बेटियाँ जिन के साथ दरिंदगी कर मौत के घाट उतारा गया है, शायद ये सब गरीब परिवार से होने के कारण कार्यवाही इतनी ढीली है। किसी प्रशासनिक अधिकारी या सरकार के किसी मंत्री, किसी राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारी या कार्यकर्ता का यदि कुत्ता भी गुम हो जाए तो सरकार व प्रशासन दिन रात एक कर 24घंटे में खो ज निकालते हैं। तो इतने जघन्य अपराध करने वाले क्यों नहीं खोजे जाते।
लोगों को कहना रहा कि क्या कारण है कि सरकार व प्रशासन सख्त रवैया क्यों नहीं अपनाते। केवल कहने मात्र तक ही सख्त है जिसके कारण हरियाणा में दिन प्रतिदिन अपराध बढ़ रहे हैं। बेटियों के साथ इस तरह दरिंदगी करने वालों को सरेआम चौराहे पर फांसी दे देनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की हरकत करने की कोई भी दरिंदा कोशिश ना कर सके। भारतीय समाज में छोटी बच्चियों के खिलाफ भेदभाव और लैंगिक असमानता की ओर ध्यान दिलाने के लिये बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नाम से प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक सरकारी सामाजिक योजना की शुरुआत की गयी है। हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी 2015, बुधवार को प्रधानमंत्री के द्वारा इस योजना की शुरुआत हुयी। ये योजना समाज में लड़कियों के महत्व के बारे लोगों को जागरुक करने के लिये है। कन्या भ्रूण हत्या को पूरी तरह समाप्त करने के द्वारा लड़कियों के जीवन को बचाने के लिये आम लोगों के बीच ये जागरुकता बढ़ाने का कार्य करेगी तथा इसमें एक लडक़े की भाँति ही एक लडक़ी के जन्म पर खुशी मनाने और उसे पूरी जिम्मेदारी से शिक्षित करने के लिये कहा गया है।
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