रजापुर गांव के सरपंच धर्मबीर को फर्जी दस्तावेज के मामले सेशन कोर्ट से बर्खाश्त कर दिया है। धर्मबीर सिंह ने वर्ष 2015 में नामांकन भरते वक्त 9वीं कक्षा का फर्जी प्रमाण-पत्र लगाकर चुनाव लड़ा। न्यायालय में सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया। जिसके आधार पर सरपंच को उनके पद से बर्खाश्त कर दिया गया। याचिकाकर्ता प्रेमसिंह के वकील विमल सेठी ने धर्मबीर को सेशन कोर्ट से सरपंच को बर्खाश्त किए जाने की पुष्टि की है। वकील विमल के मुताबिक धारा 467, 468 व 471 के तहत मामला सेशन कोर्ट में विचाराधीन था। जिसके चलते माननीय न्यायाधीश पी.के. लाल ने यह फैसला सुनाया।
याचिकाकर्ता प्रेम सिंह के मुताबिक चुनाव के बाद उन्होंने प्रशासन को सरपंच के शैक्षणिक योग्यता के दस्तावेज फर्जी होने की शिकायत दर्ज की थी। शिकायत पर जांच के दौरान सरपंच द्वारा कोई भी संतोषजनक जवाब नही दिए जाने के कारण अतिरिक्त उपायुक्त ने पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 175(5) के उल्लघंन का दोषी मानते हुए हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51(3) के तहत पत्र क्रमांक 370, 74 दिनांक 17 जनवरी, 2017 को बर्खाश्त कर दिया गया था। इसके बाद सिविल जज जूनियर डिविजन की अदालत में 31 मई 2017 को शैक्षणिक दस्तावेज जाली पाए जाने के कारण सरपंच को लेकर दिया गया फैसला यथावत रखा। एडवोकेट विमल सेठी ने बताया कि इन दो फैसलों के बावजूद सरपंच ने आगे अपील की और मामला सेशन कोर्ट में चला गया। जहां सोमवार सेशन जज पीके लाल ने सरपंच को उसके पद से बर्खाश्त कर दिया।
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