गंदे नाले जिसको आज लोग खूनी नाले के नाम से पुकारने लगे
घरौंडा: प्रवीण कौशिक
घरौंडा शहर के बीचोबीच बह रहे गंदे नाले जिसको आज लोग खूनी नाले के नाम से पुकारने लगे है। उस खूनी नाले के उपर सडक बनवाने की मांग को लेकर लम्बे समय से एक सामाजिक संस्था कॉलोनीवासियों के साथ प्रयास करता रहा है। लेकिन खूनी नाले की मांगों को लेकर प्रसाशन ने उन्हें केवल जूठे आस्वाशन दिए है। आज लम्बे समय के इंतज़ार के बाद संस्था के कार्यालय में इस समस्या को लेकर मीटिंग बुलाई गई जिसमें गन्दे नाले की समस्या को लेकर काफी समय तक विचार विमर्श चला। मीटिंग में गन्दे नाले के पास लगती कॉलोनीवासी भी मौजूद रहे। सभी की सहमति के बाद मीटिंग में गन्दे नाले के लिए एक बड़े आंदोलन का ऐलान कर दिया है। मीटिंग के दौरान संस्था के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शहर के बीच बह रहे खूनी नाले की वजह से न जाने कितने जानवरों और एक 5 वर्र्षीय लड़के जतिन की जान जा चुकी है। प्रतिदिन वहाँ कोई न कोई पशु गिर जाता है। अब प्रशासन को जगाना बहुत जरुरी है ताकि आने वाले समय मे कोई अन्य इस खूनी नाले का शिकार न हो जाए। इसके लिए शनिवार यानी आने वाली 25 नवम्बर को इस मांग के लिए गन्दे नाले पर अनिश्चितकालिन धरना शुरू कर दिया जाएगा।
संस्था सरंक्षक योगेंद्र शर्मा ने कहा कि 3 साल से खूनी नाले के लिए लड़ाई लडऩे के पश्चात भी अब तक प्रशासन का ना जागना बड़ा खेद का विषय है। और अब हम इसके लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे, जिसके लिए आज एलान कर दिया गया है। वही मोके पर मौजूद रहे प्रदेश किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आत्मजीत मान का कहना है 40 गाँव के किसानों का शहर में आने के लिए कोई मुख्य रास्ता मुहिया न कराना प्रशासन की एक अजीब विडम्बना है। किसानों को अनाज मंडी जाने के लिए दीपचंद मंडी से होकर गुजरना पड़ता है और जब वहाँ के गेट बंद कर दिए जाते है तो किसान अपने साधनों को इधर-उधर घूमते हुए अनाज मंडी में लेकर जाते है।
इस दौरान कोर कमेटी के सदस्यों बलदेव मंड, उपाध्यक्ष वेदप्रकाश ने बताया कि अबकी बार आर-पार की लड़ाई एलान कर दिया गया है और जब तक नाले पर कार्य शुरू नही होगा तब तक यह धरना चलेगा। संस्था के सदस्य इस मौके पर मौजूद रहे।
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