13 किसानों ने दी प्रदेशाध्यक्ष रतनमान के नेतृत्व में गिरफ्तारी
कुरुक्षेत्र के गन्ना उत्पादक किसान कूदे आन्दोलन में
करनाल, 4 अगस्त :प्रवीण कौशिक
भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले गन्ना उत्पादक किसानों ने आज प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश का जोरदार प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि शुगर फैड के मौजूदा चेयरमैन चन्द्रप्रकाश कथूरिया के रहते शुगर मिल का भला नहीं हो सकता। किसानों का लगातार अहित हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगे यदि नहीं मानी गई तो आन्दोलन पूरे प्रदेश में फैल जाएगा। आज शुगर मिल के सामने कुरुक्षेत्र के 11 किसानों के साथ-साथ करनाल के 2 किसानों ने प्रदेशाध्यक्ष रतनमान और कुरुक्षेत्र के जिलाध्यक्ष की अगुवाई में गिरफ्तारी दी। आज शुगर मिल गेट पर धरने का 11वां दिन था।
आज भी कोई जनप्रतिनिधि किसानों की पंचायत में नहीं पहुंचा। किसानों का गुस्सा आज 7वें आसमान पर था। आज गिरफ्तारी देने के लिए किसान नेता बलविन्द्र सिंह और प्रदेश सचिव मेनपाल की अध्यक्षता में किसान पहुंचे। किसान सतविन्द्र सिंह, अमर सिंह, अंग्रेज सिंह, मामचन्द, सुखराज शर्मा, प्रेम सिंह, बलविन्द्र सिंह बाजवा, कृपाल सिंह और प्रदीप कुमार शामिल थे। इसके अलावा करनाल के दो किसानों ने गिरफ्तारी दी। धरना स्थल पर किसानों का उत्साह देखने लायक था। आज धरना स्थल पर समर्थन देने के लिए युवा बोलेगा मंच के प्रदेशाध्यक्ष जे.पी शेखपुरा पहुंचे। उन्होंने किसानो को अपनी तरफ से पूरा समर्थन देने का ऐलान किया। किसान नेताओं ने इस मौके पर कहा कि सरकार एक तरफ किसानों को लुभाने के लिए नये-नये वायदे कर रही है। लेकिन किसानों को उनका हक देने के नाम पर कतरा रही है। यह सब ठीक नहंी है। इस अवसर पर धरने पर बैठे किसानों का नेतृत्व भाकियू के प्रदेश उपप्रधान सुरेन्द्र सिंह घुम्मन ने किया। श्याम सिंह मान, सतपाल सिंह, मेहताब सिंह कादियान, बाबूराम बडथल, सतपाल बडथल, फतेह ङ्क्षसह झिंडा, विनोद राणा, सतीश कलसौरा, रणजीत जलमाना, रणधीर सिंह संागवान, ईनाम सिंह जाड़ौली, सतीश शर्मा, रोशन, पाल सिंह महमदपुर, नरेश कुमार, विरेन्द्र राणा, ओमपाल मढ़ान, रामसिंह राणा, महक सिंह, सतबीर, शक्ति, सुभाष, अर्जुन, राजपाल समेत विभिन्न किसान नेता मौजूद थे।
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अपना हक मांगना राजनीति नहीं : रतनमान
भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि अपना हक मांगना राजनीति नहीं है। सरकार के आगे अपनी बात कहना कोई राजनीति नहीं होती। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब तक शुगर फैड के चेयरमैन चन्द्रप्रकाश कथूरिया रहेंगे तब तक वह प्रदेश सरकार और किसानों के बीच बाधा बने रहेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री से कथूरिया को बर्खास्त कर किसी अन्य किसान नेता को शुगर फैड का चेयरमैन बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार है। यदि कोई जिम्मेदार जनप्रतिनिधि मध्यस्थ की भूमिका निभायें। उन्होंने कहा कि कथूरिया के कारण ही मुख्यमंत्री को किसान काले झंडे भी दिखा सकते है। सरकार उनके साथ राजनीति कर रही है। क्यों नहीं किसानो के मुद्दों को तरजीह दी जाती। गांव-गांव में शुगर फैड के चेयरमैन चन्द्रप्रकाश कथूरिया का विरोध हो रहा है।
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