दोपहर 12 बजे तक नहीं भेजा सरकार ने कोई जन-प्रतिनिधि
मुख्यमंत्री और विधायक कल्याण के वायदों में अन्तर, किस पर करें भरोसा : रतनमान
किसानों ने भरी हुंकार, अब सरकार से शीर्षासन करवाकर ही लेंगे दम
गन्ना उत्पादक किसानों का आखिरकार धैर्य जवाब दे गया। आज दोपहर 12 बजे तक जब कोई जनप्रतिनिधि को सरकार ने महापंचायत में नहीं भेजा तो किसानों ने हुंकार भरी और उन्होंने सरकार को शीर्षासन करवाने का संकल्प ले लिया। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष ने पहले वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों से गिरफ्तार करने की अपील की। जब पुलिस ने गिरफ्तार करने से इंकार किया तो किसान मेरठ रोड पर शुगर मिल के सामने जाकर खड़े हो गए। जब पुलिस ने देखा कि किसान-मजदूर रास्ता जाम कर देंगे। इस पर पुलिस ने 15 किसानों को भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान के नेतृत्व और राजबीर मान की अध्यक्षता में किसान और मजदूरो ने गिरफ्तारियां दी। गिरफ्तारी देने वालों में घोघड़ीपुर के किसान नेता जोगिन्द्र मान, धरतरी मान, रामेश्वार मान, सूरज भान कश्यप, सुभाष मान, भले राम, कर्मपाल कश्यप, नरेन्द्र मान, रामेश्वर मान, जयपाल शर्मा, हरपाल मान के साथ योगेन्द्र मान भी शामिल थे। किसानों की गिरफ्तारी देकर धरने पर बैठे किसान भी उत्साहित हो उठे।
इससे पहले धरना स्थल पर किसान नेताओं को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि अब समय आ गया है जब सरकार से दो-दो हाथ किए जाएं। उन्होंने सरकार को भरपूर समय दिया। आखिरकार सरकार अपने जन-प्रतिनिधि विधायको को महापंचायत में लाने से क्यों कतरा रही है। मुख्यमंत्री जहां एक तरफ एक माह के भीतर शुगर मिल के नवीनीकरण की बात करते है। वहीं घरौंडा के विधायक दो महीने की बात कर रहे है। आखिरकार किसकी बात पर भरोसा करें। प्रदेश की मनोहर सरकार किसान विरोधी सरकार है। किसानों के हितों में इस सरकार ने कोई काम नहीं किया। जिससे किसान परेशान है। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ भाजपा और सरकार धान के समर्थन मूल्य बढ़ाने पर रैलियों का आयोजन कर रही है। वहीं गन्ना उत्पादक किसानों का 400 करोड़ से अधिक का बकाया चीनी मिलों पर है। जिसका अभी तक कोई भुगतान नहीं हुआ। इस अवसर पर धरना स्थल पर सभा की अध्यक्षता प्रदेश उपप्रधान प्रेमचंद शाहपुर ने किया। इस अवसर पर प्रदेश संगठन मंत्री श्याम सिंह मान, उपप्रधान सुरेन्द्र कुमार घुम्मन, जिला प्रधान यशपाल राणा, जिला सरंक्षक मैहताब सिंह कादियान, प्रदेश कोषाध्यक्ष सतपाल सिंह, पूर्व प्रधान बाबूराम बडथल, जोगिन्द्र झिंडा असंध प्रधान, महिला विंग प्रधान नीलम राणा, घरौंडा ब्लॉक प्रधान विनोद राणा, मेनपाल राणा, श्याम सिंह चौहान, दिलबाग सिंह, सुरेन्द्र सांगवान, दिलबाग सिंह, सतीश कलसौरा, ओमपाल मढ़ान, प्रकाश चन्द, करण कालिया, अभय राम, रामसिंह चौरपुरा समेत अन्य किसान मौजूद थे।
इससे पहले धरना स्थल पर किसान नेताओं को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि अब समय आ गया है जब सरकार से दो-दो हाथ किए जाएं। उन्होंने सरकार को भरपूर समय दिया। आखिरकार सरकार अपने जन-प्रतिनिधि विधायको को महापंचायत में लाने से क्यों कतरा रही है। मुख्यमंत्री जहां एक तरफ एक माह के भीतर शुगर मिल के नवीनीकरण की बात करते है। वहीं घरौंडा के विधायक दो महीने की बात कर रहे है। आखिरकार किसकी बात पर भरोसा करें। प्रदेश की मनोहर सरकार किसान विरोधी सरकार है। किसानों के हितों में इस सरकार ने कोई काम नहीं किया। जिससे किसान परेशान है। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ भाजपा और सरकार धान के समर्थन मूल्य बढ़ाने पर रैलियों का आयोजन कर रही है। वहीं गन्ना उत्पादक किसानों का 400 करोड़ से अधिक का बकाया चीनी मिलों पर है। जिसका अभी तक कोई भुगतान नहीं हुआ। इस अवसर पर धरना स्थल पर सभा की अध्यक्षता प्रदेश उपप्रधान प्रेमचंद शाहपुर ने किया। इस अवसर पर प्रदेश संगठन मंत्री श्याम सिंह मान, उपप्रधान सुरेन्द्र कुमार घुम्मन, जिला प्रधान यशपाल राणा, जिला सरंक्षक मैहताब सिंह कादियान, प्रदेश कोषाध्यक्ष सतपाल सिंह, पूर्व प्रधान बाबूराम बडथल, जोगिन्द्र झिंडा असंध प्रधान, महिला विंग प्रधान नीलम राणा, घरौंडा ब्लॉक प्रधान विनोद राणा, मेनपाल राणा, श्याम सिंह चौहान, दिलबाग सिंह, सुरेन्द्र सांगवान, दिलबाग सिंह, सतीश कलसौरा, ओमपाल मढ़ान, प्रकाश चन्द, करण कालिया, अभय राम, रामसिंह चौरपुरा समेत अन्य किसान मौजूद थे।
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किसानों का गुस्सा पहुंचा 7वें आसमान पर : किसानों द्वारा पहले टकराव टालने के लिए भरसक प्रयास किए गए। सरकार को पूरा समय दिया। लेकिन सरकार और प्रशासन की हठधॢमता के कारण किसानों को आन्दोलन और टकराव का रास्ता अपनाना पड़ा। यह रास्ता सरकार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता है। किसानों का गुस्सा आज 7वें आसमान पर था। सरकार की जन-विरोधी नीतियों के कारण टकराव का रास्ता अपना लिया। किसान नेताओ का कहना था कि गिरफ्तारी आन्दोलन मुख्यमंत्री द्वारा नवीनीकरण का काम शुरू करवाने तक चलता रहेगा। इसे बीच में रोका नहीं जाएगा। अब किसान नवीनीकरण का काम शुरू करवाने के बाद ही दम लेंगे। क्योंकि उनका सरकार पर से भरोसा उठ चुका है।
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पुलिस छावनी में तबदील हुआ शुगर मिल गेट : किसानों के बढ़ते उग्र तेवर को देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए। किसानों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली थी। शुगर मिल गेट पर भारी संख्या में पुलिस तैनात थी। मौके पर डी.एस.पी और डयूटी मैजिस्ट्रेट को तैनात किया गया। पहले वह गिरफ़्तारी नहीं करना चाहते थे। लेकिन जब किसान सडक़ो पर जाकर जाम के लिए खड़े हो गए तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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झूठी पार्टी, झूठी सरकार : भाकियू के प्रदेश संगठन सचिव श्याम सिंह मान ने कहा कि भाजपा और हरियाणा सरकार झूठी है। झूठी पार्टी और झूठी सरकार के नारे लगाते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कुछ कहते है और उनके विधायक कुछ कहते है। आखिरकार किस पर भरोसा करें। उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री बड़ा है या फिर विधायक। पहले तय करें और बाद में किसानों के बीच आएं।
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टेलिफोन पर ही वोट ले लें भाजपा : एस.डी.एम घरौंडा मोहम्मद रिजवान तथा शुगर मिल एम.डी प्रद्युमन कुमार किसानों के बीच संदेश लेकर पहुंचे। उनका कहना था कि वह विधायक हरविन्द्र कल्याण से टेलिफोन पर बात करवाना चाहते है। लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। किसानेंा ने कहा कि जो भी उन्हें कहना है कि वह उनके बीच आकर बात करें। तभी उनकी बात मानी जाएगी, नहीं तो आने वाले चुनावों में भाजपा टेलिफोन पर ही वोट लें ले।
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