घरौंडा : 14 जून प्रवीण कौशिक
लोकल वाहन चालकों से टोल वसुलने के फरमान के खिलाफ समाजिक संगठनों ने आवाज मुखर कर दी हैं। लोकल वाहन चालकों के लिए टोल फ्री रहे इसके लिए विभिन्न समाजिक संगठन एकत्रित होकर बसताड़ा टोल प्लाजा और टोल कम्पनी के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। समाजिक संगठनों ने चेताया कि किसी भी कीमत पर लोकल वाहन चालकों का टोल लगने नही दिया जाएगा।
गुरूवार को युवा बोलेगा मंच, शहीद मलखान सिंह क्रांतिकारी जागृति मंच व अन्य करीब आधा दर्जन समाजिक संगठनों के पदाधिकारी एकत्रित होकर बसताड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचें। जहां टोल कम्पनी के निर्णय के खिलाफ समाजिक संगठन के पदाधिकारियों व अन्य लोगों ने जोरदार नारेबाजी की। समाजिक संगठनों के विरोध के बाद टोल कम्पनी के डीजीएम संजय माथुर मौके पर पहुंचें और लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन समाजिक संगठन अपनी मांग पर अडिग रहे। टोल कम्पनी के अधिकारी इस फैसले को जनहित में बता रहे हैं। लेकिन लोगों को टोल कम्पनी के अधिकारियों की यह बात गले नही उतर रही हैं, क्योंकि शहरवासियों को अपने छोटे-छोटे कार्यो के हर रोज करनाल जाना पड़ता हैं। ऐसे में टोल से मात्र कुछ किलोमीटर दूर बसे लोग क्यों टोल टैक्स दें। समाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र शर्मा, शेरू विग, प्रदीप गुप्ता, वेदप्रकाश सेठी, राजीव सैन, सुरेंद्र सिंगला, मुनीष गुप्ता, राजबीर शर्मा, रिंकू राणा, पार्षद विक्रमजीत चौहान, हरदीप सिंह, शक्ति राणा, रविंद्र्र सिंह, कुलदीप सिंह व अन्य का कहना है कि टोल कम्पनी ने 15 जून तक लोकल वाहन चालकों को टोल पास बनवाने के लिए फरमान जारी कर दिए हैं। जिसके बाद से शहरवासियों में टोल कम्पनी के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा हैं। टोल लगने के बाद से ही लोकल वाहन चालकों के लिए टोल फ्री रहा है, लेकिन अब साढ़े तीन साल बाद फिर से टोल कम्पनी ने लोकल वाहन चालकों के लिए फरमान जारी कर दिया हैं।
हम क्यों दें पांच रुपए-
बसताड़ा टोल पर लोगों से बातचीत के दौरान डीजीएम संजय माथुर ने कहा कि यदि लोकल वाहन चालक आठ या दस लाख रुपए की गाड़ी चला रहे है। मेरे ख्याल से लगता नही कि पांच रुपए रोज का अगर आप दोगे तो उससे मुझको कोई फायदा होगा या फिर आपकों कोई नुकसान होगा। इतना सुनते ही समाजिक कार्यकर्ता भड़क गए और उन्होंने कहा कि कैसे दे दे पांच रुपए। हम कुछ ही किलोमीटर पर बसे है क्या हमें अपने घर में आने-जाने के लिए भी टोल देना पड़ेगा।
नो पॉजिटिव रिस्पोंस, आगामी रूपरेखा करेंगे तैयार-
समाजिक संगठनों और टोल अधिकारियों के बीच टोल फ्री किए जाने की मांग को लेकर एक घंटे तक जिरहबाजी चलती रही। लेकिन टोल अधिकारियों की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नही मिला। समाजिक संगठनों ने टोल कम्पनी के डीजीएम को आस पास के गांवों व घरौंडावासियों के लिए टोल फ्री किए जाने को लेकर ज्ञापन सौंपा। जिसकी एक-एक कॉपी परिवहन मंत्री, सांसद करनाल व घरौंडा विधायक को भी भेजी गई हैं। समाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि टोल अधिकारियों ने कोई स्पष्ट जवाब नही दिया हैं। टोल फ्री हो, इसको लेकर आगामी रूपरेखा तैयार की जाएगी।
वर्जन-
सरकार की तरफ से किसी भी लोकल वाहन चालक के लिए टोल फ्री का कोई प्रावधान नही हैं। 150 रुपए या 300 रुपए के मासिक पास से लोकल वाहन चालक आवागमन कर सकते हैं। फिर भी लोकल वाहन चालक जबरन लोकल आईडी दिखाकर निकल जाया करते थे। लोकल आईडी की एवज में वाहन चालकों ने हजारों की तादाद में फर्जी आईडी बनवा ली थी। जिससे टोल कम्पनी को चूना लग रहा था। 15 जून से कोई भी लोकल आईडी मान्य नही होगी।
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